यह केवल लाशें नहीं. यह तो बुध्द से लेकर बाबा साहब तक चली आ रही प्रति-क्रांति के शिकार है. कल शाम गुजरात के अमरेली जिले के वरसडा गांव के 27 साल के जयसुख माधड़ को सिर्फ इस कारण तलवार से काट दिया गया कि उस ने सरपंच के चुनाव लड़ने की जुर्रत की.
नीचे तस्वीर है 30 साल के सरकारी कर्मचारी गिरीश जादव की जिन्हें कल रहस्यमई हालात में मार के पालीताना तहसील के एक रास्ते पर फेंक दिया. पिछले 2 हप्ते के दौरान मोदीजी के मादरे वतन मेहसाणा जिले के रांतेज़ गांव के दलित परिवारो का इसलिए सोशल बायकॉट हुआ कि उन्होंने मृत पशु के निकाल (चमड़ा उतारना) का काम करने से मना कर दिया। पातन जिले के पर गांव के 140 दलित भाई- बहनो को पिछले एक हफ़्ते से पाटण कलेक्टर ऑफिस के बहार इस कारण बैठना पड़ा है कि उनका भी मृत पशु के निकल का जाति आधारित परंपरागत पेशा करने से मना किया जिसके कारण उनका सोशल बायकॉट हुआ।
गुजरात के दलित भाइयो – बहनों, यदि ढंग की कार्रवाई नही हो रही तो भूलियेगा मत की मोदीजी 8 मार्च लो गुजरात आ रहे है. उनकी जनसभा में या उनके फंक्शन में पहुँच जाये ओऱ जमकर हल्ला बोल हो जाये. शायद तभी आएंगा ऊंट पहाड़ के नीचे…
जिग्नेश मेवानी
(लेखक गुजरात के मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता हैं। यह टिप्पणी उनकी फ़ेसबुक वॉल से साभार।)
नीचे तस्वीर है 30 साल के सरकारी कर्मचारी गिरीश जादव की जिन्हें कल रहस्यमई हालात में मार के पालीताना तहसील के एक रास्ते पर फेंक दिया. पिछले 2 हप्ते के दौरान मोदीजी के मादरे वतन मेहसाणा जिले के रांतेज़ गांव के दलित परिवारो का इसलिए सोशल बायकॉट हुआ कि उन्होंने मृत पशु के निकाल (चमड़ा उतारना) का काम करने से मना कर दिया। पातन जिले के पर गांव के 140 दलित भाई- बहनो को पिछले एक हफ़्ते से पाटण कलेक्टर ऑफिस के बहार इस कारण बैठना पड़ा है कि उनका भी मृत पशु के निकल का जाति आधारित परंपरागत पेशा करने से मना किया जिसके कारण उनका सोशल बायकॉट हुआ।
गुजरात के दलित भाइयो – बहनों, यदि ढंग की कार्रवाई नही हो रही तो भूलियेगा मत की मोदीजी 8 मार्च लो गुजरात आ रहे है. उनकी जनसभा में या उनके फंक्शन में पहुँच जाये ओऱ जमकर हल्ला बोल हो जाये. शायद तभी आएंगा ऊंट पहाड़ के नीचे…
जिग्नेश मेवानी
(लेखक गुजरात के मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता हैं। यह टिप्पणी उनकी फ़ेसबुक वॉल से साभार।)