गुजरात के मोरबी में पुल टूटा, 140 से ज्यादा मौत, लोगों की जान बचाने में जुटे तौफीक भाई और राजू

Published on: October 31, 2022
मच्छु नदी पर बना पुल 100 साल से ज्यादा पुराना था, हादसे में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और करीब 70 लोग घायल हुए हैं।  



गुजरात के मोरबी में रविवार रात को बड़ा हादसा हुआ है। राज्य के मोरबी में मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूट गया। इस हादसे में अभी तक 140 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है। रेस्क्यू टीम के साथ ही स्थानीय लोग भी रेस्क्यू के लिए जुटे हैं। इनमें तौफीक भाई और चायवाला राजू भी शामिल हैं। दोनों ने दर्जनों लोगों की जिंदगी बचाई है। तौफीक ने 35 बच्चों को अस्पताल पहुंचाया है।  

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मच्छु नदी पर बना पुल 100 साल से ज्यादा पुराना था जो कि ब्रिटिश काल में बना था। इस पुल को गुजरात नव वर्ष के मौके पर रिनोवेशन के 5 दिन बाद ही बगैर फिटनेस सर्टिफिकेट लिए जनता के लिए खोल दिया गया था। बताया जा रहा है कि दुर्घटना के वक्त पुल पर करीब 400 लोग मौजूद थे। 

रेस्क्यू के लिए सेना, नेवी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं।  इसके साथ ही स्थानीय लोग भी रेस्क्यू के लिए जुटे हैं। इनमें से एक हैं तौफीक भाई। अस्पताल में अपनी बेटी की डिलीवरी करवाने आए तौफीक भाई ने हादसे के बाद न धर्म देखी और ना जाति। तौफीक भाई लगातार हर किसी की मदद कर रहे थे। वह इंसानियत की मिसाल बने हैं। उनका कहना है कि हिंदू या मुस्लिम की बात नहीं, इंसानियत की बात होनी चाहिए। 

तौफीक भाई ने धर्म जाति या समुदाय की परवाह करने के बजाय उस गुजरात में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है जिसपर 2002 में हिंदु मुस्लिम दंगों के दाग हैं। 

तौफीक भाई ने हादसे में घायल 35 से अधिक बच्चों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। वह अपनी बेटी के दर्द को भूलकर बाकी लोगों के दर्द में शरीक हो गए और जान बचाने की मुहिम में जुटे हुए हैं। Aajtak से बातचीत में तौफीक भाई ने कहा कि यहां जाति-मजहब की बात नहीं है, यहां इंसानियत की बात है और हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।

तौफीक भाई की तरह चाय वाला राजू भी देर रात से ही लोगों की मदद में जुटा है। राजू हादसे के वक्त मौके पर ही थे। ब्रिज को तूटता हुआ देखा तो लोगों की मदद के लिए आगे बढ़े। राजू की गोद में ही एक बच्ची ने दम तोड़ दिया। राजू ने 10 से ज़्यादा लोगों को बाहर निकाला। पूरी रात लोगों की मदद कर रहे थे, एक गर्भवती महिला को वो बचा नहीं पाए।

जिस केबल ब्रिज 100 साल से ज्यादा पुराना बताया जा रहा है। यह ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था। इसे गुजराती नववर्ष पर महज 5 दिन पहले ही रिनोवेशन के बाद चालू किया गया था। रिनोवेशन के बाद भी इतना बड़ा हादसा होने पर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि फिटनेस सर्टिफिकेट लिए बिना ही ब्रिज को शुरू कर दिया गया था। 

राज्य के सूचना विभाग ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के पांच दल, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के छह दल, वायु सेना का एक दल, सेना की दो टुकड़ियां तथा भारतीय नौसेना के दो दलों के अलावा स्थानीय बचाव दल तलाश अभियान में शामिल हैं। तलाश अभियान रात से चल रहा है।

यह पुल करीब एक सदी पुराना था और मरम्मत एवं नवीनीकरण कार्य के बाद इसे आमजन के लिए पांच दिन पहले ही खोला गया था। पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया। सांघवी ने राजधानी गांधीनगर से करीब 300 किलोमीटर दूर मोरबी में पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार ने पुल ढहने की घटना की जांच के लिए एक समिति गठित की है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेज़ों के समय का यह ‘‘हैंगिंग ब्रिज’’ जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल उस पर ‘‘लोगों की भारी भीड़’’ के कारण टूट कर गिर गया हो। एक स्थानीय अस्पताल में लोगों ने भीड़ होने से रोकने तथा एम्बुलेंस के लिए रास्ता साफ करने के लिए मानव श्रृंखला बना ली।

गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि पुल ढहने की घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्चाधिकार समिति का गठन किया गया है। इसमें सड़क एवं भवन विभाग के सचिव संदीप वसावा और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), धारा 308 (इरादतन हत्या) और धारा 114 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे इस पुल पर काफी भीड़ थी। एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। पुल को 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए फिर से खोला गया था। एक अधिकारी ने बताया कि मरम्मत का काम पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोला गया था लेकिन स्थानीय नगर निकाय ने अभी तक कोई फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया था। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल रविवार रात दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने सिविल अस्पताल में घायलों से मुलाकात भी की।

राज्य सरकार ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपए और घायलों को पचास-पचास हजार रुपए का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को 50 हजार देने का ऐलान किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों ने बताया कि इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मेादी ने राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को अहमदाबाद में होने वाला अपना रोड शो रद्द कर दिया है।

हादसे के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हरियाणा के आदमपुर में अपना रोड शो रद्द कर दिया है। यह रोड शो आदमपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर आयोजित होना था। उन्होंने बताया कि मोदी की उपस्थिति में मंगलवार को होने वाले ‘‘पेज कमिटी सम्मेलन’’ को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि सोमवार को राज्य के पांच जोन से गुजरने वाली उसकी परिवर्तन संकल्प यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहा कि उनकी संवेदनाएं एवं प्रार्थनाएं गुजरात के मोरबी में पुल हादसे में प्रभावित लोगों के साथ हैं। उन्होंने साथ ही उम्मीद जताई कि राहत और बचाव के प्रयासों से पीड़ितों को राहत मिलेगी।

आजतक से इनपुट्स के साथ साभार

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