देश में बढ़ते बिजली बिलों के पीछे अडानी का हाथ, मोदी नहीं करा रहे महंगे कोयले की जांच: राहुल गांधी

Written by Navnish Kumar | Published on: October 18, 2023
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अडानी पर फाइनेंसियल टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।



"राहुल गांधी ने कहा कि देश में बढ़ते बिजली बिलों के लिए अडानी जिम्मेदार हैं। एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने अडाणी समूह पर कोयला आयात में बढ़ा चढ़ाकर बिल दिखाने और लोगों से 12,000 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने कहा कि अडानी द्वारा कोयला आयात को महंगा दिखाए जाने के कारण आम लोगों को बिजली की अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने इस मामले में मोदी सरकार को भी घेरा। सवाल किया कि आखिर ऐसी क्या खास बात है कि मोदी सरकार अडानी की जांच नहीं करा रही है? राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अडानी अपनी मनमर्जी कर रहे हैं लेकिन मोदी सरकार उनकी जांच न कर, उन्हें बचाने का काम कर रही है।"

कांग्रेस नेता ने एक ब्रिटिश अखबार 'फाइनेंशियल टाइम्स' की खबर का हवाला देते हुए कहा, ''अडानी इंडोनेशिया में कोयला खरीदते हैं और जब तक कोयला भारत आता है, इसकी कीमत दोगुनी हो जाती है। इसका सीधा असर बिजली की कीमतों पर पड़ता है। इससे हमारी आपकी बिजली के दाम बढ़ते जा रहे हैं, ओवर इनवॉइसिंग हो रही है, वह (अडानी) सबसे गरीब लोगों से पैसा ले रहे हैं।" 

अडानी ग्रुप पर आरोप लगते हुए राहुल गाँधी ने कहा, “पहले हमने 20 हजार करोड़ की बात की थी और सवाल पूछा था कि पैसा किसका है और कहां से आया है। लेकिन अब पता चलता है कि 20 हजार करोड़ का आंकड़ा गलत था उसमें 12 हजार करोड़ और जुड़ गए हैं और कुल आंकड़ा 32 हजार करोड़ हो गया है। अडानी इंडोनेशिया में कोयला खरीदते हैं और जब तक वह हिंदुस्तान पहुंचता है उसके दाम दोगुना हो जाता है। ऐसे लगभग 12 हजार करोड़ रुपए अडानी ने हिंदूस्तान की जनता के जेब से निकाला है।” अडानी मुद्दे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा इस बार चोरी जनता की जेब से हो रही है। जब आप बिजली का स्विच ऑन करते हैं तो अडानी की जेब में पैसा चला जाता है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट किसी भी सरकार को गिरा सकती है। ये चोरी है और वो व्यक्ति ऐसा कर रहे है जिसे भारत के प्रधानमंत्री बार-बार बचा रहे हैं। दुनिया के बाकी देशों में जांच हो रही है, लेकिन भारत में अडानी को ब्लैंक चेक दिया हुआ है। वो जो मर्जी चाहें कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हिन्दुस्तान के लोग जानते हैं कि अडानी जी भ्रष्टाचार कर रहे हैं और पीएम मोदी उनकी मदद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी अपनी क्रेडिबिलिटी की रक्षा नहीं करना चाहते। क्योंकि शायद कोई और कारण है। 

राहुल गांधी ने कहा कि ये मुद्दा सिर्फ वो ही नहीं उठा रहे हैं, अलग-अलग देशों में जांच हो रही है। इस मुद्दे को फाइनेंशियल टाइम्स ने उठाया है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में अडानी जी को 'ब्लैंक चेक' दिया गया है। देश में अडानी कुछ भी कर सकते हैं, चाहे- इलेक्ट्रिसिटी हो, पोर्ट हो, पॉवर हो। अडानी पर कोई जांच नहीं होगी। मैं सिर्फ एक सवाल पूछ रहा हूं, पीएम मोदी, अडानी मामले की जांच क्यों नहीं करवा रहे हैं?

राहुल गांधी ने कहा लोग सवाल पूछ रहे हैं... कि अलग-अलग देशों में पूछताछ हो रही है लेकिन भारत में कुछ नहीं हो रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी अडाणी समूह के खिलाफ जांच क्यों नहीं कराते? राहुल गांधी ने दावा किया कि अडाणी समूह से जुड़े मामले के कारण प्रधानमंत्री मोदी की विश्वसनीयता पर असर हो रहा है। उन्होंने कहा, "मैं तो प्रधानमंत्री की मदद करना चाहता हूं। वह इस मामले की जांच कराएं और अपनी विश्वसनीयता बचाएं।" 

कांग्रेस पार्टी ने भी अपने ट्विटर हैंडल से राहुल गांधी का वीडियो पोस्ट करते हुए सवाल किया कि सेबी (SEBI), मोदी सरकार से कहती है कि उन्हें अडानी मामले में दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं तो फिर फाइनेंशियल टाइम्स को दस्तावेज कैसे मिल रहे हैं? ये मामला पूरा साफ है। अडानी की रक्षा हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।

जब राहुल गांधी से पूछा गया कि इंडिया गठबंधन की सरकार आने पर अडानी कारोबार कर पाएंगे या नहीं? क्या सरकार उनकी जांच कराएगी? इस पर गांधी ने कहा कि ‘बिल्कुल करवाएंगे, यह अडानी जी की बात नहीं है। कोई भी 32 हजार करोड़ की चोरी करेगा तो उसकी जांच होगी।

'शरद पवार पीएम होते तो सवाल पूछता'

यह पूछे जाने पर कि अडानी मुद्दे पर भारत गठबंधन एकजुट होने के बावजूद वह शरद पवार की अडानी से मुलाकात पर सवाल क्यों नहीं उठा रहे हैं, कांग्रेस नेता ने कहा कि, "मैंने शरद पवार से नहीं पूछा, वह भारत के प्रधानमंत्री नहीं हैं। मैं शरद पवार का बचाव नहीं कर रहा हूं।" अडानी, मिस्टर मोदी हैं और इसीलिए मैंने मिस्टर मोदी से यह सवाल पूछा। अगर शरद पवार भारत के पीएम के रूप में बैठे होते और अडानी की रक्षा कर रहे होते, तो मैं शरद पवार से यह सवाल पूछ रहा होता।"

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