भारत से बाहर किये जा सकते हैं 40,000 रोहिंग्या मुसलमान, आखिर क्यों मोदी सरकार करेगी बाहर?

Published on: April 4, 2017
नई दिल्ली। भारत में वर्षों से निवास कर रहे करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर करने के लिए केंद्र सरकार सख्त फैसला ले सकती है। पिछले कई वर्षों से भारत में आकर बसे रोहिंग्या मुसलमानों को केंद्र सरकार अब गिरफ्तार कर वापस म्यांमार भेजने की कार्रवाई कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गृह मंत्रालय विदेशी कानून के तहत इन लोगों को वापस म्यांयार भेजेगी। ये लोग भारत में समुद्र, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा से घुसपैठ कर भारत में पहुंचे थे।

Rohingya Muslims
 
बताया जा रहा है कि इस मुद्दे को लेकर सोमवार को गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि की अध्यक्षता में बैठक हुई है, जिसमें इनकी पहचान, गिरफ्तारी और देश से बाहर भेजने की रणनीति पर बातचीत की गयी है। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी और मुख्य सचिव ने भी हिस्सा लिया।
 
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि फॉरेनर्स ऐक्ट के तहत इन लोगों की पहचान कर इन्हें वापस भेजा जाएगा। अधिकारी ने कहा कि बौद्ध बहुल देश म्यामांर में जारी हिंसा के बाद से अब तक करीब 40,000 रोहिंग्या मुस्लिम भारत में आकर शरण ले चुके हैं। ये लोग समुद्र, बांग्लादेश और म्यामांर सीमा से लगे चिन इलाके के जरिए भारत में घुसपैठ करते हैं। बांग्लादेश में फिलहाल तीन लाख रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं।

देश में रोहिंग्या की बढ़ती संख्या देख म्यांमार की सरकार ने 1982 में वर्मा में राष्ट्रीयता कानून लागू कर दिया था। इसके तहत रोहिंग्या मुसलमानों से नागरिक होने का दर्जा छीन लिया गया था। इसके बाद से ही म्यांमार सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को देश छोड़ने के लिए मजबूर करती रही है।
 
साल 2012 में म्यांमार के राखिन राज्य में हुए सांप्रदायिक दंगों ने वहां से मुस्लिमों का पलायन तेज कर दिया। उत्तरी राखिन में रोहिंग्या मुसलमानों और बौद्ध धर्म के लोगों के बीच हुए इस दंगे में 50 से ज्यादा मुस्लिम और करीब 30 बौद्ध मारे गए।

1826 में प्रथम एंग्लो-बर्मा युद्ध के बाद म्यांमार में ब्रिटेन का शासन हो गया। इसके बाद उन्होंने बांग्लादेश से लाकर लोगों को राखिन में लाकर बसाना शुरू कर दिया। बांग्लादेश से जाकर राखिन में बसे ये वही लोग थे जिन्हें आज रोहिंग्या मुसलमानों के तौर पर जाना जाता है

(संपादन- भवेंद्र प्रकाश)

Courtesy: National Dastak
 

बाकी ख़बरें