आरोप से न्याय की जांच शुरू होती तो आज उन्नाव का MLA जेल में होता और इतने इत्तेफाक न हो रहे होते

Written by Mithun Kumar | Published on: July 31, 2019

डियर डार्लिंग

सच तो ये है कि तुम सच में बिना मेकअप के ही खूबसूरत लगती हो। मैं अपनी बात की सत्यता का प्रमाण तो नहीं दे सकता। लेकिन तुम चाहो तो मुझे परख सकती हो। इस परखने में बस यह मत कहना चलो अंगारे पर चलकर दिखाओ कि तुम सच कह रहे हो। वो जमाना और था जब सत्यवादी लोग आग में कूदकर सत्यता का प्रमाण देते थे और जरा भी नहीं झुलसते थे। यदि मैंने कूद गया तो सत्य होने के बावजूद भी जलकर खत्म हो जाऊंगा लेकिन कोई देवता फूल बरसाने नहीं आएगा और न ही कोई देवता प्रगट ही होगा। देवता अपने होने का प्रमाण अनवरत खो रहा है। सोनभद्र से दंतेवाड़ा तक बिखरी लाशें चीखकर कह रही हैं, वह नहीं है।

अब तुम कहोगी की तुम बड़े कंजूस हो, मेकअप की चीजें खरीदकर नहीं दे सकते इसलिए ऐसा कह रहे हो। हां तुम्हारा कहना तुम्हारी तरफ से ठीक हो सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है। यह बाज़ारवाद युग है। क्या नहीं बिक रहा? विधायक थोक के भाव बिक रहे। खरीदने वाला मुंहमांगी कीमत दे रहा। पता नहीं ये कमाते किस तरह से हैं इतना पैसा! मुख्यमंत्री बिक जा रहे। आखिर मॉर्निंग वॉक से कौन न डरता। यहां तक कि लोग कहते कि गोरमिंट भी बिक गयी है। नोटबंदी की कमरतोड़ के बाद लोग इतनी महंगी चीजें खरीद ले रहे हैं तो मैं भी इतनी हैसियत  तो रखता हूँ कि तुम्हें कुछ कॉस्मेटिक्स लेकर दे दूं। कौन सा सेनिटरी पैड तुमने मांग लिया है जो GST देकर खरीदना पड़ेगा!!

जब से तुमसे प्रेम किया है, मेरी मोहब्बत उस दिन से ही अनवरत बढ़ती चली जा रही है जो जय शाह की शुद्ध प्रॉपर्टी की तरह अबतक 300% बढ़ चुकी है। मैंने तुमसे कतरा-कतरा पाक साफ मुहब्बत की है। बिलकुल 'भारतीय जनता पार्टी' की भ्रष्टाचार मुक्त सरकार की तरह। हाँ, तुमने कई बार व्यापमं स्यापम की तरह मुझपर आरोप लगाए लेकिन सिर्फ आरोप से कोई थोड़ी दोषी हो जाता है। आरोप से ही कुछ होता तो आज उन्नाव का सेंगर जेल में होता और इतने इत्तेफाक न हो रहे होते। तुमने मुझे अमित शाह, असीमानंद, सलमान खान की तरह सुबूत के अभाव में बरी किया और माया कोडनानी की तरह अपनी जुल्फों में 'महिला एवं बाल विकास मंत्रालय' की तरह  लपेटे रखा। प्रिये, मैं तुम्हारा आभारी हूँ।

मुझे वो वक्त भी याद है जब मेरा आकर्षण तुम्हारी तरफ बिल्कुल नहीं था। मैं तो किसी और से मोहब्बत करता था, लेकिन कुछ लोगों ने कहा की फलानी अच्छी लड़की है और मैं तुमसे मुहब्बत कर बैठा। आखिर दिल ही तो है हर किसी के बहकावे में आ जाता है। पर मुझे भरोसा है , मेरा हश्र बिहार की जनता की तरह नहीं होगा। तुम नीतीश कुमार नहीं निकलोगी। 

तुम्हारे कानों में झुमके बड़े अच्छे लगते हैं। मैं चाहता हूँ कि तुम्हे एक झुमका गिफ्ट करूं जो शुद्ध सोने का हो। जिसमें कांग्रेस मुक्त भारत करने की चाह में 'सभी कांग्रेसियों को अपने मे मिला लेना' जैसी मिलावट न हो। पैसे मैंने जोड़ने शुरू कर दिए हैं। जुड़ भी जाते हैं पर कमबख्त महंगाई फिर खर्च करा देती है। टमाटर के भाव यूं ही बने रहे तो अगले मन की बात के पहले तुम्हें गिफ्ट भी कर दूंगा।  

मन की बात से याद आया, साहेब ने पिछले एपिसोड में किताबों का जिक्र किया था। प्रेमचन्द्र की कहानियां पढ़कर साहेब के इमोशन भी बाहर आये थे। मैंने उनका इमोशन कई बार देखा। प्रिये , वह तुमसे अच्छा भाउक हो लेते हैं। शिखर धवन के अंगूठे के फ्रेक्चर से भाउक होकर उन्होंने ट्वीट भी किया था। बस सोनभद्र की घटना पर ट्वीट से पहले नेटवर्क चले गया था। 
हां तो बात किताब की है। आज प्रेमचन्द का बड्डे भी है। मैं चाहता हूं झुमके से पहले तुम्हें प्रेमचन्द का उपन्यास ' निर्मला' गिफ्ट कर दूं। शायद तुम्हें पसन्द आये। बाकी आगे के खत में। प्यार बना रहे( दोस्ती बनी रहे वाली स्टाइल में नहीं).
                                             तुम्हारा- मिथुन

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