लखनऊ। भारत एक धर्मनिर्पेक्ष देश है और यहां किसी भी धर्म के लोगों को दवाब डालकर कुछ भी बुलवाया या खिलाया नहीं जा सकता। लेकिन विगत पांच साल से स्थितियां बदल रही हैं। जय श्री राम अथवा गाय के नाम पर अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। कई राज्यों में हिंसा के बाद अब उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक मदरसे के छात्रों को बुरी तरह पीटने का मामला सामने आया है। वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया, जब वे सदर इलाके में स्थित जीआईसी ग्राउंड में क्रिकेट खेल रहे थे। छात्रों का आरोप है कि उनसे जबरन जय श्रीराम के नारे लगवाए गए। साथ ही, उन्हें क्रिकेट बैट से पीटा गया। वहीं, उनके कुर्ते भी फाड़ दिए गए। बताया जा रहा है कि इस घटना में 3 छात्र बुरी तरह घायल हो गए हैं। उनके सिर व हाथ में चोटें लगी हैं। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है। साथ ही, एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, बाकी 3 आरोपियों की तलाश जारी है।
मदरसा नईम खान के मौलाना के मुताबिक, यह घटना गुरुवार को उस वक्त हुई, जब उन्नाव के सदर इलाके में स्थित जीआईसी ग्राउंड में दारुल उलूम फैज-ए-आम के छात्र क्रिकेट खेलने गए थे। आरोप है कि दक्षिणपंथियों से ताल्लुक रखने वाले 3-4 युवक वहां पहुंचे और छात्रों के साथ बदतमीजी करने लगे। इसके बाद उन्होंने छात्रों से जय श्रीराम के नारे जबरन लगवाए और उन्हें क्रिकेट बैट से पीटना शुरू कर दिया।
मदरसे के छात्रों ने मौके से भागने की कोशिश की तो आरोपियों ने उन पर पथराव भी किया। इस दौरान मदरसे के छात्रों के कुर्ते फाड़ दिए गए। साथ ही, एक साइकल भी तोड़ दी गई। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। सीओ उमेश त्यागी ने बताया कि मदरसे के छात्रों को मेडिकल सहायता मुहैया करा दी गई है।
सीओ उमेश त्यागी के मुताबिक, ‘‘जामा मस्जिद के पास एक मदरसा है, जिसके छात्र जीआईसी ग्राउंड में क्रिकेट खेलने जाते हैं। गुरुवार को जब छात्र जीआईसी ग्राउंड में क्रिकेट खेल रहे थे, तब झगड़ा हो गया। पीड़ितों की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। इस घटना में 3 छात्र घायल हो गए हैं। सोशल मीडिया अकाउंट्स की मदद से आरोपियों की पहचान कर ली गई है।’’ उन्नाव के एसपी एमपी वर्मा ने बताया कि पुलिस जबरन जय श्रीराम के नारे लगवाने के आरोपों की जांच कर रही है, जिसकी पुष्टि जांच के बाद ही होगी।
मदरसा और जामा मस्जिद के अधिकारियों ने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने धमकी दी है कि अगर पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल होती है तो प्रदर्शन किया जाएगा। जामा मस्जिद के इमाम ने बताया, ‘‘हमने पुलिस को आरोपियों की डिटेल मुहैया करा दी है। सोशल मीडिया अकाउंट्स के मुताबिक, आरोपी युवक दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं। मदरसों के छात्रों को उस वक्त पीटा गया, जब उन्होंने जय श्रीराम के नारे नहीं लगाए। अब यह प्रशासन पर निर्भर है कि वह आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहा है।’’
मदरसा नईम खान के मौलाना के मुताबिक, यह घटना गुरुवार को उस वक्त हुई, जब उन्नाव के सदर इलाके में स्थित जीआईसी ग्राउंड में दारुल उलूम फैज-ए-आम के छात्र क्रिकेट खेलने गए थे। आरोप है कि दक्षिणपंथियों से ताल्लुक रखने वाले 3-4 युवक वहां पहुंचे और छात्रों के साथ बदतमीजी करने लगे। इसके बाद उन्होंने छात्रों से जय श्रीराम के नारे जबरन लगवाए और उन्हें क्रिकेट बैट से पीटना शुरू कर दिया।
मदरसे के छात्रों ने मौके से भागने की कोशिश की तो आरोपियों ने उन पर पथराव भी किया। इस दौरान मदरसे के छात्रों के कुर्ते फाड़ दिए गए। साथ ही, एक साइकल भी तोड़ दी गई। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। सीओ उमेश त्यागी ने बताया कि मदरसे के छात्रों को मेडिकल सहायता मुहैया करा दी गई है।
सीओ उमेश त्यागी के मुताबिक, ‘‘जामा मस्जिद के पास एक मदरसा है, जिसके छात्र जीआईसी ग्राउंड में क्रिकेट खेलने जाते हैं। गुरुवार को जब छात्र जीआईसी ग्राउंड में क्रिकेट खेल रहे थे, तब झगड़ा हो गया। पीड़ितों की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। इस घटना में 3 छात्र घायल हो गए हैं। सोशल मीडिया अकाउंट्स की मदद से आरोपियों की पहचान कर ली गई है।’’ उन्नाव के एसपी एमपी वर्मा ने बताया कि पुलिस जबरन जय श्रीराम के नारे लगवाने के आरोपों की जांच कर रही है, जिसकी पुष्टि जांच के बाद ही होगी।
मदरसा और जामा मस्जिद के अधिकारियों ने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने धमकी दी है कि अगर पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल होती है तो प्रदर्शन किया जाएगा। जामा मस्जिद के इमाम ने बताया, ‘‘हमने पुलिस को आरोपियों की डिटेल मुहैया करा दी है। सोशल मीडिया अकाउंट्स के मुताबिक, आरोपी युवक दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े हुए हैं। मदरसों के छात्रों को उस वक्त पीटा गया, जब उन्होंने जय श्रीराम के नारे नहीं लगाए। अब यह प्रशासन पर निर्भर है कि वह आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहा है।’’