स्वास्थ्य विभाग ने दबाया लाखों का नैपकिन घोटाला

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: July 18, 2018
मध्यप्रदेश में दो साल पहले उजागर हुए सेनेटरी नैपकिन घोटाले को रफा-दफा करने की कोशिशें जारी हैं। स्वास्थ्य विभाग के ऑडिट में ये घोटाला सामने आया था जिसमें बाजार दर से चार गुना दामों पर सेनेटरी नैपकिन की खरीद की गई थी। विभागीय जांच के बाद सरकार ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन दो साल बाद भी किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।

Scam



ये घोटाला 2014 से 2016 तक की जांच में सामने आया था। स्वास्थ्य विभाग ने नैपकिन की खरीदी लघु उद्योग निगम के बजाय बुरहानपुर के राज्य हथकरघा एवं पावरलूम बुनकर सहकारी संघ से की थी और लगातार दो साल तक चार गुने दामों पर सेनेटरी नैपकिन खरीदे जाते रहे।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार निगम के बजाय संस्था से खरीदी के मामले में ऑडिट करने पर पता चला कि जो पैकेट लघु उद्योग निगम 27 रुपए में देता है, वह बुनकर संघ से 106 रुपए का खरीदा गया और इसके लिए सरकार से मंजूरी भी नहीं ली गई। दो साल में इस तरह से करीब 11 लाख का घोटाला हुआ।

ऑडिट विभाग की रिपोर्ट के बाद तत्कालीन संयुक्त संचालक ने भी माना था कि गड़बड़ी हुई है। उन्होंने जांच की अनुशंसा भी की थी और भोपाल से भी विभागीय जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश आए थे। तत्कालीन संयुक्त संचालक डॉ शरद पंडित ने मामले में कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखा था और विभागीय जांच भी शुरू करवाई थी।

अब दो साल होने को हैं लेकिन कुछ भी नतीजा सामने नहीं आया है।ये घोटाला इंदौर के साथ-साथ जबलपुर में भी हुआ था।

खरीदी में धांधली को छुपाने के लिए अफसरों ने बिल और उनकी तारीखों में भी गड़बड़ियां की थी। 2014 से 2016 के बीच ड्रेसिंग मटैरियल, दवाओं और कैमिकल की भी ज़रूरत से ज्यादा खरीदी पकड़ी गई थी, लेकिन ये मामला भी दबा दिया गया।
 
 

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