ब्राह्मणों को श्रेष्ठ बताकर फंसे लोकसभा अध्यक्ष, बयान वापस लेने की मांग उठी

Written by sabrang india | Published on: September 11, 2019
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जो, कि एक संवैधानिक पद पर आसीन हैं, ने कोटा में 8 सितंबर 2019 को ब्राह्मण महासभा की बैठक के बाद ट्वीट किया कि "समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है ये स्थान उनके त्याग, तपस्या का परिणाम है। यही वजह है कि ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक की भूमिका में रहा है।"

 

लोकसभा अध्यक्ष के इस बयान की पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज, राजस्थान ने कड़ी निंदा की है। पीयूसीएल राजस्थान की तरफ से कहा गया है कि एक तो, किसी भी समाज का वर्चस्व स्थापित करना या एक समाज को अन्य समाजों के ऊपर घोषित करना यह संविधान के अनुच्छेद 14 के विरुद्ध है। यह एक तरीके से अन्य जातियों को हीन दृष्टि की भावना देता है। जाति वाद का बढ़ावा देता है। 

पीयूसीएल ने कहा कि एक व्यक्ति संवैधानिक पद पर रहते हुए इस तरह का वक्तव्य सार्वजनिक रूप से कैसे कह सकता है। पीयूसीएल इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करता है और माननीय लोकसभा अध्यक्ष से यह बयान वापस लेने की मांग करता है। साथ ही देश के महामहिम राष्ट्रपति को इसकी शिकायत भी भेजेगा। कांग्रेस ने भी लोकसभा अध्यक्ष के बयान की निंदा की है और कहा कि जाति के आधार पर किसी को भी छोटा बड़ा नहीं माना जा सकता है। 

कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के बयान की भर्त्सना करते हुए कहा कि जाति के आधार पर किसी को छोटा-बड़ा नहीं घोषित कर सकते। जाति और जन्म के आधार पर नहीं बल्कि मेरिट के आधार पर कोई श्रेष्ठ होता है। लोकसभा स्पीकर का बयान गलत मानसिकता का नतीजा है। योग्यता से लोग प्रेरणास्त्रोत बनते हैं न की जाति से।

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