पिछले कुछ दिनों पहले डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्म ‘पद्मावती’ जयपुर में शूटिंग के दौरान हाथापाई और मारपीट हुई थी। लेकिन मारपीट करने वाले संगठन करणी सेना एक बार फिर विवादों में हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के चित्तौड़ गढ़ के पद्मिनी महल में रविवार (5 मार्च) को अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के प्रेम प्रसंग की कहानी का कथित हिस्सा बताए जाने वाले शीशे को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने फोड़ डाला। बता दें कि, यह कांच महल के गोलाकार कक्ष में लगे थे और टूरिस्ट गाइड इन्हे पर्यटकों को खिलजी-पद्मिनी प्रेम प्रसंग के सबूत के तौर पर दिखाते थे। पर्यटकों को कहा जाता था कि इन्हीं कांचों में खिलजी को पद्मिनी की सूरत दिखाई गई थी।
जनसत्ता कि ख़बर के अनुसार, आईनों के साथ की गई तोड़-फोड़ की जिम्मेदारी करणी सेना ने कबूल की है। करणी सेना का दावा है कि यह बात झूठ है कि रानी का चेहरा राजा को इन आईनों के जरिए दिखाया गया था। कार्यकर्ताओं के दावे के मुताबिक उस समय आईने नहीं हुआ करते थे।
इसके अलावा सेना के कार्यकर्ता सहदेवसिंह नारेला की ओर से कहा गया कि कुछ समय पहले पुरातत्व विभाग को आईने हटाने के लिए लिखित चेतावनी दी गई थी। चेतावनी 13 फरवरी को दी गई थी। गौरतलब है कि कुछ समय पहले डायरेक्टर संजय लीला भंसाली के साथ जयपुर में शूटिंग के दौरान हाथापाई और मारपीट हुई थी।
इस फिल्म का विरोध कर रहे कुछ राजपूत समूहों की भीड़ ने जयपुर के जयगढ़ किले में लगे फिल्म के सेट के बाहर प्रदर्शन करते हुए भंसाली को थप्पड़ जड़ दिया और उनके साथ मारपीट और अभद्रता की। हंगामा करने वाले संगठन करणी सेना का दावा था कि संजय लीला भंसाली ने अपनी फिल्म पद्मावती में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच एक बेहद आपत्तिजनक सीन डाला है।
Courtesy: Janta Ka Reporter
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के चित्तौड़ गढ़ के पद्मिनी महल में रविवार (5 मार्च) को अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के प्रेम प्रसंग की कहानी का कथित हिस्सा बताए जाने वाले शीशे को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने फोड़ डाला। बता दें कि, यह कांच महल के गोलाकार कक्ष में लगे थे और टूरिस्ट गाइड इन्हे पर्यटकों को खिलजी-पद्मिनी प्रेम प्रसंग के सबूत के तौर पर दिखाते थे। पर्यटकों को कहा जाता था कि इन्हीं कांचों में खिलजी को पद्मिनी की सूरत दिखाई गई थी।
इसके अलावा सेना के कार्यकर्ता सहदेवसिंह नारेला की ओर से कहा गया कि कुछ समय पहले पुरातत्व विभाग को आईने हटाने के लिए लिखित चेतावनी दी गई थी। चेतावनी 13 फरवरी को दी गई थी। गौरतलब है कि कुछ समय पहले डायरेक्टर संजय लीला भंसाली के साथ जयपुर में शूटिंग के दौरान हाथापाई और मारपीट हुई थी।
इस फिल्म का विरोध कर रहे कुछ राजपूत समूहों की भीड़ ने जयपुर के जयगढ़ किले में लगे फिल्म के सेट के बाहर प्रदर्शन करते हुए भंसाली को थप्पड़ जड़ दिया और उनके साथ मारपीट और अभद्रता की। हंगामा करने वाले संगठन करणी सेना का दावा था कि संजय लीला भंसाली ने अपनी फिल्म पद्मावती में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच एक बेहद आपत्तिजनक सीन डाला है।
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