नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में छात्र बढ़ी हुई फीस का लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। हाल ही में जेएनयू के हॉस्टल में नया मैनुअल जारी किया गया है। इसके बाद सोमवार सुबह को छात्रों ने इसका उग्र विरोध शुरू कर दिया। दूसरी तरफ, जेएनयू में दीक्षांत समारोह चल रहा था, जिसमें शामिल होने के लिए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू जेएनयू पहुंचे। विश्वविद्यालय परिसर में मौजूदगी में ही छात्र फीस का विरोध करते हुए पुलिस से भिड़ गए।
जानकारी के मुताबिक, सोमवार सुबह से जेएनयू में दीक्षांत समारोह की तैयारी चल रही थी। तकरीबन 10 बजे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी इसमें शामिल होने के लिए पहुंच चुके थे। जैसे ही उपराष्ट्रपति हॉल में दाखिल हुए वैसे ही बाहर छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी। छात्र नए हॉस्टल मैनुअल को वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं।
छात्रों का आरोप है कि इस मैनुअल में हॉस्टल की फीस को कई गुना तक बढ़ा दिया गया है। उपराष्ट्रपति की मौजूदगी में नारेबाजी होने से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। तुरंत ही दिल्ली पुलिस के जवान छात्रों को रोकने के लिए पहुंच गए, जहां छात्रों की पुलिस से भी भिड़ंत हो गई।
जेएनयू छात्रसंघ की ओर से विरोध और कक्षाओं के बहिष्कार का आह्वान किया गया था। इससे पहले एबीवीपी की जेएनयू इकाई ने भी विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि, मुद्दा एक था तो आपसी मतभेद भूलते हुए सभी छात्र संगठन जेएनयू प्रबंधन के खिलाफ खड़े हुए और विरोध दर्ज करवाया। छात्रों की इस लड़ाई में शिक्षक भी आ खड़े हुए हैं।
छात्रों के अनुसार, छात्र संगठनों के मतभेद अलग हो सकते हैं। हालांकि, मुद्दा जब आम छात्रों से जुड़ा हुआ है तो हम सब साथ हैं। पिछड़े इलाकों और गरीब परिवारों के छात्र यहां पढ़ने आते हैं। ऐसे में खाना-पीना और रहना सब महंगा हो जाएगा। छात्र खर्च न दे पाने के चलते पढ़ाई छोड़ देंगे। छात्रों का कहना है कि जेएनयू प्रबंधन के इसी तानाशाही फैसले के विरोध में वे प्रदर्शन कर रहे हैं।
एचआरडी मंत्री की मौजूदगी में ऐसे चला घटनाक्रम
छात्र डफली बजा और नारेबाजी कर रहे थे। छात्रों के हाथ में तख्तियां थीं जिनमें कुलपति एम जगदीश कुमार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारे लिखे हुए थे। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल कार्यक्रम स्थल से बाहर नहीं निकल पा रहे थे और पुलिस छात्रों से उन्हें जाने देने की अपील कर रही थी।
एक अधिकारी ने बताया,‘‘जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशे घोष और उपाध्यक्ष साकेत मून से कहा गया है कि वे छात्रों से बातचीत करें और मानव संसाधन विकास मंत्री को जाने दें। पुलिस ने छात्रों से गेट से हट जाने की अपील की लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। छात्र कुलपति से मुलाकात करना चाह रहे थे। इसके अलावा वे छात्रावास के मसौदा मैनुअल को वापस लेने की मांग कर रहे थे। छात्रों ने बताया कि यह प्रदर्शन छात्रावास के मैनुअल के विरोध के अलावा पार्थ सारथी रॉक्स में प्रवेश पर प्रशासन की पाबंदी तथा छात्रसंघ के कार्यालय को बंद करने के प्रयास के विरोध में है।
जानकारी के मुताबिक, सोमवार सुबह से जेएनयू में दीक्षांत समारोह की तैयारी चल रही थी। तकरीबन 10 बजे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी इसमें शामिल होने के लिए पहुंच चुके थे। जैसे ही उपराष्ट्रपति हॉल में दाखिल हुए वैसे ही बाहर छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी। छात्र नए हॉस्टल मैनुअल को वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं।
छात्रों का आरोप है कि इस मैनुअल में हॉस्टल की फीस को कई गुना तक बढ़ा दिया गया है। उपराष्ट्रपति की मौजूदगी में नारेबाजी होने से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। तुरंत ही दिल्ली पुलिस के जवान छात्रों को रोकने के लिए पहुंच गए, जहां छात्रों की पुलिस से भी भिड़ंत हो गई।
जेएनयू छात्रसंघ की ओर से विरोध और कक्षाओं के बहिष्कार का आह्वान किया गया था। इससे पहले एबीवीपी की जेएनयू इकाई ने भी विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि, मुद्दा एक था तो आपसी मतभेद भूलते हुए सभी छात्र संगठन जेएनयू प्रबंधन के खिलाफ खड़े हुए और विरोध दर्ज करवाया। छात्रों की इस लड़ाई में शिक्षक भी आ खड़े हुए हैं।
छात्रों के अनुसार, छात्र संगठनों के मतभेद अलग हो सकते हैं। हालांकि, मुद्दा जब आम छात्रों से जुड़ा हुआ है तो हम सब साथ हैं। पिछड़े इलाकों और गरीब परिवारों के छात्र यहां पढ़ने आते हैं। ऐसे में खाना-पीना और रहना सब महंगा हो जाएगा। छात्र खर्च न दे पाने के चलते पढ़ाई छोड़ देंगे। छात्रों का कहना है कि जेएनयू प्रबंधन के इसी तानाशाही फैसले के विरोध में वे प्रदर्शन कर रहे हैं।
एचआरडी मंत्री की मौजूदगी में ऐसे चला घटनाक्रम
छात्र डफली बजा और नारेबाजी कर रहे थे। छात्रों के हाथ में तख्तियां थीं जिनमें कुलपति एम जगदीश कुमार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारे लिखे हुए थे। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल कार्यक्रम स्थल से बाहर नहीं निकल पा रहे थे और पुलिस छात्रों से उन्हें जाने देने की अपील कर रही थी।
एक अधिकारी ने बताया,‘‘जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशे घोष और उपाध्यक्ष साकेत मून से कहा गया है कि वे छात्रों से बातचीत करें और मानव संसाधन विकास मंत्री को जाने दें। पुलिस ने छात्रों से गेट से हट जाने की अपील की लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। छात्र कुलपति से मुलाकात करना चाह रहे थे। इसके अलावा वे छात्रावास के मसौदा मैनुअल को वापस लेने की मांग कर रहे थे। छात्रों ने बताया कि यह प्रदर्शन छात्रावास के मैनुअल के विरोध के अलावा पार्थ सारथी रॉक्स में प्रवेश पर प्रशासन की पाबंदी तथा छात्रसंघ के कार्यालय को बंद करने के प्रयास के विरोध में है।