सांसद अली अनवर, और जयप्रकाश यादव समर्थन में। संदीप दीक्षित समेत कई नेताओं ने पक्ष में बयान दिया। कौशल पवार, वीरेंद्र यादव, प्रेम कुमार मणि समेत कई साहित्यकार समर्थन में आगे आए।
JNU में बहुजन छात्रों का आंदोलन चैनलों पर क्यों नहीं है? क्योंकि वहाँ बैठे संपादकों, एंकरों को डर है कि एडमिशन की प्रक्रिया पारदर्शी रही तो उनके बच्चे क्या भीख माँगेंगे।
नामवर सिंह ने आरक्षण को लेकर ठीक यही कहा था। उनके शब्द थे - ग़लत हूँ तो मुझे करेक्ट कीजिए - सब जगह वे लोग आ जाएँगे तो ब्राह्मणों, ठाकुरों के बच्चे क्या भीख माँगेंगे।
एकलव्य का रिटेन नहीं हुआ। सीधे इंटरव्यू हो रहा था।
प्रोफ़ेसर द्रोणाचार्य - कहाँ सीखा?
एकलव्य - करते करते आ गया। मेहनत से पढ़ाई की।
द्रोण - ऐसे कैसे?
एकलव्य - रात दिन पढ़ते रहे। आपकी लिखी किताब भी पढ़ी।
द्रोण - कौन जात हो? अच्छा वह तो तुम्हारे फ़ॉर्म में लिखा है। OBC होकर इतना सीख गए।
एकलव्य - जी गुरुजी।
द्रोण - तो काटो अपना अँगूठा। फ़ेल।