संसद में NPR को 9 बार NRC से लिंक की बात कह चुकी है मोदी सरकार, शाह कह रहे कोई संबंध नहीं

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 25, 2019
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि मै लोगों को आश्वत करना चाहता हूं, विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय को कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेनादेना नहीं है। यह एक अफवाह है। सीएए, एनआरसी पर हंगामे के बीच केंद्रीय कैबिनेट ने एनपीआर के लिए 8500 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। माना जा रहा है कि यह एनआरसी का पहला चरण है, सरकार संसद में एक दो बार नहीं बल्कि नौ बार एनपीआर को एनआरसी से लिंक की बात कह चुकी है। लेकिन अब गृह मंत्री साफ मुकर रहे हैं। 



शाह ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप में अंतर करते हुए कहा कि दोनों अलग-अलग कानून से संचालित होते हैं। उन्होंने कहा कि एनपीआर के आंकड़ों का प्रयोग एनआरसी की कवायद के लिए कभी नहीं किया जाएगा।

एक इंटरव्यू के दौरान शाह ने कहा कि एनपीआर एक डाटाबेस है जिसके आधार पर नीतियां तैयार की जाएंगी। वहीं, एनआरसी एक प्रक्रिया है जिसमें लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कहा जाएगा। इन दोनों प्रक्रियाओं का आपस में कोई संबंध नहीं है, ना ही इनके सर्वे का प्रयोग एक दूसरे के लिए किया जाएगा।

गृहमंत्री ने कहा कि मै लोगों को आश्वत करना चाहता हूं, विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय को कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेनादेना नहीं है। यह एक अफवाह है। शाह भले ही जो भी कहें लेकिन तथ्य बताते हैं कि एनआरसी को एनपीआर के आधार पर ही संचालित किया जाएगा।

इस बात का उल्लेख नागरिकता कानून 1955 के तहत नागरिकता नियम 2003 में किया गया है। वास्तव में एनपीआर, उन नियमों कायदों का हिस्सा है जिनके आधार पर एनआरसी तैयार होगी। यह बात नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में एक बार नहीं बल्कि नौ मौकों पर कही है।

संसद में 8 जुलाई 2014 को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस सांसद राजीव सातव के सवाल के जवाब में कहा था कि एनपीआर की समीक्षा की जा रही है और इसके जरिये नागरिकता की स्थिति का वेरिफिकेशन किया जाएगा। 15 जुलाई और 22 जुलाई को दुबारा रिजिजू ने एनपीआर और एनआरआईसी को लेकर इसी तरह की बात लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कही थी।

23 जुलाई को उन्होंने इसको लेकर राज्यसभा में बयान दिया था। 29 नवंबर 2014 को उन्होंने राज्यसभा में कहा था कि नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजन से हर सामान्य नागरिक की नागरिकता की पुष्टि की जाएगी। इसी तरह 21 अप्रैल और 28 जुलाई को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एचपी चौधरी ने भी इस आशय का बयान दिया था। 13 मई 2015 को राज्यसभा में रिजिजू ने फिर यही बात दोहराई थी। 11 नवंबर 2016 को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह बात दोहराई थी।

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