IMF की चीफ इकॉनोमिस्ट बोलीं- भारत की गिरती GDP का असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 21, 2020
भारत की GDP गिरने का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। ये कहना है कि IMF की चीफ इकोनोमिस्ट गीता गोपीनाथ का। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा है कि विश्व अर्थशास्त्र में भारत की काफी अहम भूमिका है। अगर भारत की GDP गिरती है तो इसका असर पूरी दुनिया के आर्थिक विकास पर पड़ेगा। 



गीता गोपीनाथ का कहना है कि इसी के चलते हमने ग्लोबल अनुमान को भी 0.1 फीसदी कम किया है। बता दें, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक बार चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ को तगड़ा झटका दिया है। उसने 2019-20 वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को 4.8 फीसदी पर ला पटका है। हालांकि 2020 में जीडीपी दर को 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इस तरह से देखा जाए तो आईएमएफ ने 160 आधार अंक यानी 1.6 फीसदी घटा दिया है. आईएमएफ ने कहा है कि भारत और इसके जैसे अन्य उभरते देशों में सुस्ती की वजह दुनिया के ग्रोथ अनुमान को उसे घटाना पड़ा है।

आईएमएफ ने दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान इस अनुमान को जारी किया। आईएमएफ ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 160 आधार अंक यानी 1.6 फीसदी घटा दिया। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक ग्रोथ का अनुमान 6.1 फीसदी से घटाकर 4.8 फीसदी कर दिया। उसका कहना है कि घरेलू मांग में उम्मीद से भी अधिक कमी आई है। साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 120 आधार अंक यानी 1.20 फीसदी घटाकर 7 फीसदी से 5.8 फीसदी कर दिया है।

आईएमएफ के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) में भारत में आर्थिक मंदी की वजह से वैश्विक आर्थिक वृद्धि अनुमानों में 0.1 फीसदी की कटौती की गई। इसमें 2021 के वैश्विक आर्थिक अनुमानों में 0.2 फीसदी की कटौती कर 3.4 फीसदी कर दिया गया है।

IMF द्वारा भारत की अनुमानित विकास दर घटने पर कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस अनुमान के बाद अब सरकार के मंत्री गीता गोपीनाथ पर हमला करेंगे। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ नोटबंदी की सबसे पहले निंदा करने वालों में से एक थी। मुझे लगता है कि हमें आईएमएफ और डॉ. गीता गोपीनाथ पर सरकार के मंत्रियों के हमले के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा ‘आईएमएफ की ओर से भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर 2019-2020 में 5 फीसदी से भी कम दर आंकी गई है, उन्होंने ने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि आश्चर्य नहीं होगा कि इससे भी नीचे दर हो जाए’।

 

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