हेट वॉच: मुस्लिम छात्रा को पुरस्कार लेने से रोकने वाले मौलवी को केरल के राज्यपाल ने पढ़ाया पाठ

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 14, 2022
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मामले पर राज्य की चुप्पी पर सवाल उठाया है


Image Courtesy:timesofindia.indiatimes.com
 
एक मुस्लिम मौलवी ने हाल ही में एक मुस्लिम स्कूली लड़की को मंच पर पुरस्कार लेने से वंचित कर दिया था। मौलवी ने छात्रा के बारे में तीखी, अवांछित टिप्पणी की थी। अब उस मौलवी को खुद केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सही गलत का पाठ पढ़ाया है। गवर्नर खान ने गुरुवार को ट्वीट किया कि उन्हें यह जानकर दुख हुआ कि मलप्पुरम जिले में एक युवा प्रतिभाशाली लड़की को एक योग्य पुरस्कार प्राप्त करने के दौरान मंच पर अपमानित किया गया, क्योंकि वह एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुई थी।
 


पीआरओ, केरल राजभवन द्वारा हस्ताक्षरित ट्वीट में कहा गया है, "मौलवी, मुस्लिम महिलाओं को दबाने का प्रयास करते रहते हैं और कुरान के आदेशों और संविधान के प्रावधानों की पूर्ण अवहेलना करते हुए उनके व्यक्तित्व को दबाते हैं।"
 
समाचार रिपोर्टों के अनुसार, राज्यपाल ने मीडिया से कहा कि अगर यह "एक विरोध बन जाता" तो उन्होंने टिप्पणी करने की जरूरत नहीं होती, लेकिन उन्हें इस बात का पछतावा है कि मौलवी ने "केरल जैसे समाज में, जो लिंग समानता के लिए जाना जाता है" वहां ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त की। जहां महिलाओं की मर्यादा और सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिरोध करना चाहिए,... अगर वह विरोध आ जाता तो शायद मुझे बोलने की जरूरत ही नहीं पड़ती।" खान ने कहा कि छात्रा ने हिजाब पहन रखा था और पूछा, “वे उसका अपमान क्यों कर रहे थे? क्योंकि, आपका अंतिम उद्देश्य हिजाब नहीं है। ये वे लोग हैं जो इस्लामोफोबिया पैदा करने के लिए जिम्मेदार हैं। मुझे इस बात का डर है कि अगर उन्हें पॉवर प्राप्त होती तो वे हर महिला पर अपना कोड थोप देते।"
 
संक्षिप्त पृष्ठभूमि 
मलप्पुरम के एक हालिया वीडियो में सुन्नी मुस्लिम स्कॉलर एमटी अब्दुल्ला मुसलियार को पेरिन्थालमन्ना में एक मदरसे के आयोजकों को डांटते हुए दिखाया गया है कि कक्षा 10 की एक छात्रा को एक पुरस्कार प्राप्त करने के लिए मंच पर आमंत्रित किया गया था। वीडियो में मौलवी को टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है, "उसे मंच पर किसने बुलाया? वह 10वीं कक्षा की बच्ची है... क्या आप नहीं जानते कि यह उचित नहीं है..." एक आयोजक को जवाब में कुछ बुदबुदाते हुए सुना जाता है। वीडियो वायरल हो गया। मौलवी आगे बढ़ता है और आयोजकों से पूछता है, "क्या आपको ऐसे मामलों पर समस्ता के फैसले के बारे में पता नहीं है ... आपको उसके माता-पिता को फोन करना चाहिए था।" इसके बाद छात्रा चुपचाप मंच से उतर जाती है।

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