राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणा के लिए चंद दिन शेष हैं लेकिन आपको बता दें कि चुनाव के दौरान हिंदुवादी संगठनों ने नफरत भरे पैंपलेट बांटे थे.
ये पैम्पलेट मतदाता जागरण मंच चित्तौड़ विभाग की ओर से जारी किए गए थे जिसमें वोटिंग करते समय राष्ट्रीय दृष्टिकोण (Nationalist perspective) रखने को कहा गया है.
इसमें लिखा गया है कि भारत को कोई पराजित नहीं कर सकता, जब तक भारत को अंदर से तोड़ा न जाए.
यह पैम्फलैट कहता है कि यह एक मिथक है कि राम और कृष्ण काल्पनिक पात्र हैं, कभी नहीं हुए. आर्य (याने हिंदू) इस्लाम और ईसाईयत की तरह विदेशी हैं. भारत में हमेशा विदेशी लोगों ने राज किया.
इसमें लिखा गया है कि देश के एक बहुत बड़े वर्ग में यह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है. मां दुर्गा की जगह महिषासुर, राम की जगह रावण की पूजा करने व हनुमान जी की मूर्तियां तोड़ने के लिए उकसाया जा रहा है.
इसके अलावा 'मानवाधिकार की राजनीति' नाम के शीर्षक के साथ लिखा गया है कि दिल्ली और हैदराबाद विश्वविद्यालय में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाअल्लाह कश्मीर मांगे आजादी' जैसे देशद्रोही नारे लगे. कश्मीर में पैलेट गन चलाने का विरोध हुआ. संसद भवन में हमलावर अफजलगुरु और मुंबई ब्लास्ट के आरोपी याकूब मेनन की फांसी पर रोक लगाने की कोशिश हुई.
पैम्पलेट का बाकि हिस्सा भी नफर और मिथक से भरा है जिसका उद्देश्य हिंसा और नफरत के लिए उकसाना है.
इस पैम्फलेट के जरिए एक "निर्णायक युद्ध" की मांग की गई है जिसमें "हिंदू समाज" राष्ट्र पर हमला करने वाली ताकतों से लड़ेंगे, यहां प्रश्नों में बलों मानव अधिकार और छात्र कार्यकर्ता हैं।
ये पैम्पलेट मतदाता जागरण मंच चित्तौड़ विभाग की ओर से जारी किए गए थे जिसमें वोटिंग करते समय राष्ट्रीय दृष्टिकोण (Nationalist perspective) रखने को कहा गया है.
इसमें लिखा गया है कि भारत को कोई पराजित नहीं कर सकता, जब तक भारत को अंदर से तोड़ा न जाए.
यह पैम्फलैट कहता है कि यह एक मिथक है कि राम और कृष्ण काल्पनिक पात्र हैं, कभी नहीं हुए. आर्य (याने हिंदू) इस्लाम और ईसाईयत की तरह विदेशी हैं. भारत में हमेशा विदेशी लोगों ने राज किया.
इसमें लिखा गया है कि देश के एक बहुत बड़े वर्ग में यह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है. मां दुर्गा की जगह महिषासुर, राम की जगह रावण की पूजा करने व हनुमान जी की मूर्तियां तोड़ने के लिए उकसाया जा रहा है.
इसके अलावा 'मानवाधिकार की राजनीति' नाम के शीर्षक के साथ लिखा गया है कि दिल्ली और हैदराबाद विश्वविद्यालय में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाअल्लाह कश्मीर मांगे आजादी' जैसे देशद्रोही नारे लगे. कश्मीर में पैलेट गन चलाने का विरोध हुआ. संसद भवन में हमलावर अफजलगुरु और मुंबई ब्लास्ट के आरोपी याकूब मेनन की फांसी पर रोक लगाने की कोशिश हुई.
पैम्पलेट का बाकि हिस्सा भी नफर और मिथक से भरा है जिसका उद्देश्य हिंसा और नफरत के लिए उकसाना है.
इस पैम्फलेट के जरिए एक "निर्णायक युद्ध" की मांग की गई है जिसमें "हिंदू समाज" राष्ट्र पर हमला करने वाली ताकतों से लड़ेंगे, यहां प्रश्नों में बलों मानव अधिकार और छात्र कार्यकर्ता हैं।