हरियाणा: करनाल में किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज, कई घायल

Written by Sabrangindia Staff | Published on: August 29, 2021
करनाल। केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर डटे अन्नदाताओं पर शनिवार को करनाल में बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया। ये किसान बीजेपी नेताओं को मीटिंग में जाने से रोकने की कोशिश कर रहे थे। इस पर घरौंडा के पास बसताड़ा टोल प्‍लाजा पर पुलिस ने किसानों पर जमकर लाठियां बरसाईं। लाठीचार्ज में कई किसानों के सिर फट गए। पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए कई किसान खेतों में भाग गए। 



पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने फतेहाबाद, रोहतक, करनाल, पानीपत समेत हरियाणा के कई जिलों में हाईवे और टोल जाम कर दिए हैं। शनिवार को करनाल में बीजेपी संगठन की एक बैठक थी। इसके चलते करनाल पुलिस और प्रशासन ने शहर में प्रवेश के सभी रास्‍ते बंद कर रखे हैं। इसलिए किसान बीजेपी नेताओं का विरोध करने के लिए शहर के अंदर नहीं घुस पाए। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत समेत कई किसान नेताओं ने लाठाचार्ज का विरोध जताया है।

AIKS अध्यक्ष डॉ. अशोक धवले ने ट्वीट किया: अखिल भारतीय किसान सभा करनाल में भाजपा-जजपा हरियाणा सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किसानों पर किए गए क्रूर हमले की कड़ी निंदा करती है। सैकड़ों किसान गंभीर रूप से घायल हो गए। डीएम ने पुलिस से कहा कि 'किसानों का सिर तोड़ दो'। एआईकेएस ने देशव्यापी विरोध और डीएम को बर्खास्त करने का आह्वान किया।



किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस ने बेरहमी से लाठीचार्ज किया है। हम इसका विरोध करते हैं। शनिवार को टिकैत ने कहा कि हम आज ही हरियाणा के सभी रास्तों को बंद कर देंगे। लाठीचार्ज का विरोध में राकेश टिकैत के इस ऐलान का असर भी दिखने लगा। किसानों ने हरियाणा के रास्ते को बंद करना शुरू कर दिया।  

कांग्रेस ने खट्टर सरकार पर किसानों के खिलाफ जनरल डायर जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया है। शनिवार को करनाल के घरौंडा के टोल पर किसानों ने मुख्यमंत्री खट्टर के एक कार्यक्रम के विरोध में प्रदर्शन किया था, जिसमें पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। इस लाठीचार्ज में कई किसानों को काफी चोटें भी आईं।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने लाठीचार्ज पर खट्टर सरकार को घेरते हुए कहा कि पहले पीएम मोदी और सीएम खट्टर की सरकारों ने तीन काले कानूनों से खेती का खून किया। अब भाजपा-जजपा सरकार किसानों का खून बहा रही है। सुरजेवाला ने कहा, ''भाजपा-जजपा की कायर सरकार ने करनाल में अन्नदाता किसान पर बेरहमी और बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज कर एक बार फिर जनरल डायर की याद दिला दी। शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे किसानों को जानवरों की तरह दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। दर्जनों लहुलुहान हो गए और सैकड़ों को चोटें आईं। एक बार फिर यह साबित हो गया कि अन्नदाता किसान के असली दुश्मन हैं - दुष्यंत चौटाला और मनोहर लाल खट्टर।''



सुरजेवाला ने आगे कहा कि करनाल में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सार्वजनिक वीडियो से यह साफ है कि मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से किसानों के सिरों पर लाठियां बरसाकर कातिलाना हमला करने का आदेश दिया था। किसान, जो खेत को खून पसीने से सींचकर देश की भूख मिटाता है, उसे बेरहमी और बर्बरता से पीट-पीट कर खून से नहला दिया गया। इसके पीछे की वजह यह है कि तीन काले कानूनों के माध्यम से बीजेपी-जजपा खेती को चंद पूंजीपतियों की दासी बनाना चाहती है और किसान की अगली फसल और अगली नस्ल को उन पूंजीपतियों का गुलाम। लेकिन किसान को न कभी सत्ता और जुल्म झुका पाए हैं, और न कभी किसानों के भविष्य को रौंदकर हरियाणा सरकार यह कर पाएगी।

हरियाणा सरकार पर बरसते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ''बीजेपी-जजपा सरकार ने मिलकर पिछले नौ महीनों से किसानों के हिस्से में लाठीचार्ज, पानी की बौछारें, आंसू गैस के गोले तथा कीलें व नश्तरों की प्रताड़ना लिख दी है। 25 नवंबर, 2020 से आज तक किसान-मजदूर के सीने पर मोदी व खट्टर सरकारों ने लगातार वार किया है और खून बहाया है। 25 नवंबर को जब किसानों ने गांधीवादी तरीके से दिल्ली की ओर कूच किया, तो अंबाला, सिरसा, पलवल और राजस्थान बॉर्डर से जगह-जगह सड़कें खोद, ठंडे पानी की बौछारें मार, आंसू गैस के गोले चला तथा किसानों के सिर पर लाठियां मारकर उनका रास्ता रोका गया।''

वहीं,आम आदमी पार्टी ने भी किसानों पर हुए लाठीचार्ज का विरोध किया है। आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर इस तरह लाठीचार्ज करना सरासर गलत है। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, ''याद रखना मोदी जी किसान का बहता रक्त तुम्हारी सरकार के अंत का कारण बनेगा। हमारा मान- अभिमान-हमारा किसान।'' इसके अलावा, आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कैसा अंधा कानून है? जो बहा रहा देश के किसानों का खून है? 

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