गोरखपुर में युवा कारोबारी की हत्या मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने ही 6 अधिकारियों-जवानों के खिलाफ इनाम का ऐलान किया है। कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में हुई हत्या के मामले में 6 पुलिस वालों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम रखा गया है। एक इंस्पेक्टर सहित छह पुलिसकर्मियों पर पहले 25 हजार रुपये के इनाम की घोषणा हुई थी, जिसे बढ़ाकर अब एक-एक लाख रुपये कर दिया गया है। इतने पर भी आरोपी पुलिसकर्मियों के हाजिर नहीं होने पर उनके खिलाफ कुर्की आदेश जारी किया जाएगा। मामले में शुरू से ही पुलिस पर पुलिसकर्मियों को बचाने का आरोप लग रहा है।
मशहूर शायर सुदर्शन फाकिर ने चर्चित शेर भी है कि 'मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है, वो क्या मेरे हक में फैसला देगा'। मौजूदा प्रकरण में उत्तर प्रदेश की पुलिस और कानून व्यवस्था पर ये एकदम सटीक बैठ रहा हैं। कि जिसने मारा है, हत्या की है, सबूत साफ किए करवाए वही अब न्याय यानी फैसला भी करेगा। है ना गजब कमाल बात। गोरखपुर में कानपुर के रहने वाले व्यवसायी मनीष गुप्ता की बेरहमी से हत्या करने वाले कौन हैं, यह हत्याकांड के दूसरे दिन ही पूरा देश जान गया था। लेकिन सरकार और उसका महान पुलिस महकमा जान- बूझकर अंजान बना रहा। हत्या के बाद साक्ष्यों को नष्ट किया गया। मृतक की पत्नी मीनाक्षी अपने 4 साल के बच्चे को लिए न्याय मांगती रही, मगर दोषी पुलिसवाले खुले सांड की तरह घूमते रहे।
तमाम दबाव के बावजूद आरोपियों को बचाया जाता रहा तो वही परिजनों पर भी डीएम-एसएसपी ने दबाव बनाने की कोशिश की। मामला नहीं सुलटा तो दोषी पुलिसवालों को भगा दिया गया। अब भगाने के बाद उन पर 25-25 हजार रूपये का इनाम घोषित किया गया है। यूपी की खाकी अपनी पूंछ बचाने के लिए बिल्ली के सामने कबूतर की तरह व्यवहार कर रही है। ये वही डीएम-एसएसपी है जो मनीष की पत्नी को बड़ा भाई बनकर मुकदमा दर्ज न कराने के फायदे बता रहे थे। मुकदमा न कराने के फायदे गिनाते हुए, डीएम एसएसपी का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। खैर वर्तमान में पुलिस जहां इनाम इनाम खेलने में लगी है तो वहीं, भाजपाई मृतक की पत्नी को 40 लाख रुपये मुआवजा मिलने पर बड़े बड़े होर्डिंग लगाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताने में लगे हैं।
खास है कि गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र स्थित कृष्णा होटल पैलेस में 27 सितंबर की रात कानपुर के बर्रा निवासी कारोबारी मनीष गुप्ता की पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी। व्यवसायी मनीष गुप्ता की हत्या करने में पुलिस का हाथ जगजाहिर है। हत्या के कई दिन बीतने के बाद पुलिसवालों पर मुकदमा लिखा जाता है। उन्हें फरार कराया जाता है। फिर 11वें दिन 25-25 हजार का इनाम रखा गया है। जिसे अब बढ़ाकर एक-एक लाख कर दिया गया है। कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि आरोपी पुलिस वालों पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। जल्द ही कुर्की की कार्रवाई भी की जाएगी।
फरार चल रहे पुलिसकर्मियों में एक इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह निवासी मुसाफिरखाना अमेठी, एसआई अक्षय कुमार मिश्रा निवासी नरही बलिया, एसआई विजय यादव निवासी बक्शा जौनपुर, एसआई राहुल दुबे निवासी कोतवाली देहात मिर्जापुर, मुख्य आरक्षी कमलेश सिंह यादव निवासी थाना परिसर गाजीपुर, आरक्षी प्रशांत कुमार निवासी सैदपुर गाजीपुर शामिल हैं। सभी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया था जिसे बढ़ाकर अब 1-1लाख रुपये किया गया है। इन छह पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के लिए कानपुर से लेकर गोरखपुर की पुलिस तक लगी है। एक दर्जन टीमें ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं। गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की भी मदद ली जा रही है, लेकिन एक भी फरार पुलिसकर्मी का पुलिस सुराग नहीं लगा पा रही है। खास है कि गुनहगारों का नेटवर्क न्याय देने वालों से भी फास्ट है। आखिर दोनों ओर पुलिस ही तो है। इसी से मामले में पुलिस की भूमिका पर भी अब सवाल उठने लगे है। दरअसल जब आरोपी पुलिसवाले थाने के आसपास बने रहे तब किसी ने नहीं पूछा, अब कार्रवाई का दिखावा चल रहा।
अखिलेश यादव ने भिजवाए 20 लाख
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश ने पीड़िता से किए अपने मदद के वादे (घोषणा) के मुताबिक, 8 अक्टूबर को 20 लाख रूपये के चेक भिजवा दिएं हैं। शुक्रवार को अखिलेश यादव की तरफ से विधायक अमिताभ बाजपेई ने 10 लाख रूपये का चेक मृतक मनीष गुप्ता के पिता व 10 लाख का चेक पत्नी मीनाक्षी गुप्ता को सौंपा।
उधर, मृतक कारोबारी मनीष कुमार गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता को मिले सरकारी मुआवजे पर भाजपा वालों ने सीएम योगी आदित्यनाथ व विधायक का धन्यवाद करते हुए पोस्टर लगवा दिए, जिससे देशभर में लानत मलानत हो रही है। दरअसल मनीष गुप्ता की मौत के बाद योगी सरकार ने ऐलान किया था कि उनकी पत्नी मीनाक्षी को सरकारी नौकरी और 40 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। इस बीच, सोशल मीडिया पर एक पोस्टर वायरल हो रहा है जिसमें सीएम योगी द्वारा किए गए इस ऐलान के लिए उनका धन्यवाद किया गया है। जिसको लेकर योगी सरकार सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गई है और लोग जमकर आलोचना कर रहे हैं।
@Editor__Sanjay सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस पोस्टर में लिखा गया है, “स्वर्गीय मनीष गुप्ता जी के परिवार की 40 लाख रुपए से आर्थिक सहायता एवं पत्नी मीनाक्षी गुप्ता को केडीए में ओएसडी पद की सरकारी नौकरी देने के लिए वैश्य समाज उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और गोविंद नगर विधायक सुरेंद्र मैथानी का हार्दिक आभार प्रकट करता है।” इस पोस्टर में एक तरफ मनीष गुप्ता की तस्वीर व एक तरफ योगी आदित्यनाथ और भाजपा विधायक की तस्वीर लगाई गई है। साथ ही कुछ अन्य लोगों की भी तस्वीर लगी हुई है।
मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि उनके सिर, चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोट के निशान हैं। हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था। यह पोस्टर शेयर करते हुए एक स्थानीय पत्रकार ने लिखा, “होर्डिंग का चस्का योगी सरकार ने ऐसे लगाया है कि किसी भी बात के होर्डिंग लग रहे है! सीएम के अपने गृह ज़िले गोरखपुर में व्यापारी मनीष का हत्यारा जगत नरायण सिंह पकड़ा नहीं गया, पर सीएम ने 40 लाख रुपये परिवार को दिये इसकी बधाई के भी होर्डिंग लग गये! तो मामला उछलना ही था। यह पोस्टर अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिस पर लोग भी जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा, “हमारे मुख्यमंत्री अपने राजदरबार से ही मुआवजे का ऐलान कर जान की बोली लगा देते हैं। ऐसे राजा के मुंह पर पैसे को फेक देना चाहिए और कहना चाहिए जब तक इंसाफ नही, गिरफ्तारी नहीं तब तक मुआवजे का दिखावा नही। मनीष गुप्ता की पत्नी को तब तक सब नहीं लेना था जब तक गिरफ्तारी न हो जाए।” एक यूजर ने लिखा, “एक बेगुनाह की हत्या पर राजनीति और संवेदनाओं के पोस्टरीकरण की राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है पर ऐसी मिसालें वाकई में सिर्फ राजनीति में ही मिलती हैं।”
एक यूजर ने लिखा, संवेदनहीनता की पराकाष्ठा देखो। एक व्यक्ति की हत्या हो गई, उसके हत्यारे को नहीं पकड़ सके लेकिन मुआवजे को बड़े ही गर्व से होर्डिंग लगाकर बता रहे हैं। इतनी निर्लज्ज अंधभक्ति भी ठीक नहीं। एक ने लिखा, “कत्ल करके खुशियां मनाना कोई इनसे सीखे, ऐसा लग रहा है 40 लाख देकर खरीद लिया है पूरे परिवार को अब चुनाव में यही भाषण दिया जाएगा कि 40 लाख रुपए दे दिया और एक नौकरी भी।”
एक अन्य ने लिखा, जिस प्रकार गिद्ध लाश को नोच कर खाता है उसकी प्रकार ये कुछ समाज के ठेकेदार सीएम साहब का आभार प्रकट कर रहे है। इसे इंसानियत की कब्र खोदने से कम माना ही नहीं जा सकता। सरकार की ठोको नीति के चलते एक परिवार से अपना सब कुछ खो दिया। सरकार का मुआवजा देना कोई अहसान नहीं। शर्म करो।” एक यूजर लिखते है कि एक समाज के रूप में सड़ चुके है हम, अच्छा राष्ट्र बनाना तो बहुत दूर की बात है।”
एक अन्य ने लिखा, “जैसे पुराने जमाने के महाराजा शेर, चीता, हिरण आदि जानवरों को मार उनके सींग, खाल, आदि अंगों को अपने महल में शान के रुप में रखते थे वैसे ही अब यूपी के महाराज इंसानों की तस्वीर पर शान जता रहे हैं।”
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