अनिल अंबानी की राफेल के मामले में हिम्मत इतनी बढ़ गयी है कि वह कांग्रेस को लीगल नोटिस भेज रहे हैं उनका कहना है कि कांग्रेस अपनी जुबान काबू में रखे लेकिन सच मानिये इस मामले में कांग्रेस की भी पूरी गलती है !
गलती ये है कि उसने सिर्फ रॉफेल डील पर ही क्यों सवाल उठाए हैं दरअसल अनिल अंबानी की कम्पनी रिलायंस डिफेंस की हर डील में खुला भ्रष्टाचार दिखाई देता है जो मोदी सरकार के साथ के बिना संभव ही नही था इसलिए कांग्रेस को तो हर डील पर सवाल उठाने चाहिए थे ?
आज अम्बानी राहुल को पत्र लिखकर बोलते हैं कि भारत जो 36 राफेल जेट विमान फ्रांस से खरीद रहा है, उन विमानों के एक रुपये मूल्य के एक भी कलपुर्जे का विनिर्माण अम्बानी समूह द्वारा नहीं किया जाएगा.
यह सरासर झूठी बात है सच तो यह है कि रिलायंस डिफेंस लि. अनिल अंबानी ग्रुप व फ्रांस की कंपनी थेल्स के बीच एक समझौता किया गया था और यह समझौता सिर्फ इसीलिए किया गया था कि थेल्स फ्रांस की रॉफेल विमान निर्माता कम्पनी डेसाल्ट एविएशन को रडार, इलेक्ट्रानिक युद्धक उपकरण व सॉफ्टवेयर सप्लाई करने का काम करती हैं और इसी समझौते के तहत रिलायंस के साथ मिलकर थेल्स 'मिहान-नागपुर विशेष आर्थिक जोन' यानी धीरूभाई अंबानी एयरोस्पेस पार्क (DAAP) में युद्धक उपकरण बनाने पर काम कर रही है थेल्स कंपनी ने अपने तीन सौ कर्मियों को भारत में तैनात किया है.
अब थेल्स कम्पनी से समझौता रिलायंस ने भटे बघारने के लिए तो किया नही था तो कांग्रेस इस बात को सामने क्यो नही लायी ?
अब इस रिलायंस डिफेंस ओर उससे मोदी जी के प्रेम की कथा भी सुनिए जिस कथा में सिर्फ 10 हफ़्तों के भीतर 289 एकड़ जमीन रिलायंस डिफेंस को अलॉट की गयीं.
स्वयं अनिल अंबानी स्वीकार करते हैं कि “There will be a long journey for development of Nagpur and Vidharba region. We started on June 16, 2015 with first presentation and in less than 10 weeks we got the land. This is a record,” said Mr. Ambani.
यानी सिर्फ 10 हफ़्तों से भी कम समय मे नागपुर जैसी जगह पर अम्बानी को 289 एकड़ जमीन धीरूभाई अंबानी एयरोस्पेस पार्क (DAAP) लिए दे दी जाती हैं
तो ये कांग्रेस को पूछना चाहिए था कि ऐसा क्यो हैं क्या उसने कभी यह पूछा ? इसलिए अम्बानी उन्हें आज लीगल नोटिस भेज रहे हैं तो सही ही कर रहे हैं.
एक ऐसे समूह को ये जमीन क्यो दी गयी जिसके ऊपर एक लाख करोड़ से ऊपर का कर्ज है, जिसमें से 45 हजारकरोड़ का जो कर्ज रिलायंस कम्युनिकेशन को दिया गया था, वह लगभग डूब चुका है ?
ये सवाल उसी वक्त कांग्रेस को पूछना चाहिए था कि ऐसा क्यो हैं क्या उसने कभी यह पूछा ? इसलिए अम्बानी उन्हें आज जुबान काबू में रखने का बोल रहे हैं तो ठीक तो कर रहे हैं
सन 2015 से 2016 के बीच 35 डिफेंस से संबंधित लाइसेंस रिलायंस डिफेंस को मिलते हैं जिसमें 12 लाइसेंस 3 दिसंबर 2015 को एवं 16 लाइसेंस एक साथ 5 मई 2016 को दे दिए जाते हैं जबकि उसका हथियार बनाने के मामले में कोई अनुभव नही है.
तब इस विषय मे कांग्रेस ने कुछ क्यो नही बोला इसलिए उसे अम्बानी द्वारा लीगल नोटिस भेजना बिल्कुल सही है.
कहा गया कि डिफेंस सेक्टर में पहली बार भारत की किसी प्राइवेट कंपनी द्वारा बने वारशिप्स को नोसेना में शामिल किया गया और यह वॉरशिप अम्बानी ने बनाए थे लेकिन सच बात तो यह है कि अम्बानी ने भारत सरकार का एक उद्यम पिपावा डिफेन्स एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को ओनेपोने दाम पर मोदी जी की मदद से खरीद लिया उन वॉरशिप को सरकारी कम्पनी ने तैयार किया था उस पर अम्बानी ने सिर्फ अपना ठप्पा लगाया और मनमानी कीमतों पर उसे मोदी सरकार को बेच दिया.
क्या इस घोटाले पर कभी कांग्रेस ने कभी कुछ देश को बताया ? इसलिए बिल्कुल अम्बानी जी द्वारा कांग्रेस पर मुकदमा ठोका जाना चाहिए.
कांग्रेस कहती है कि मोदी जी का हाथ अनिल अंबानी पर है इसलिए उसे फ्रांस में डेसाल्ट वाली डील मिल गयीं लेकिन वह रिलायंस डिफेंस ओर रूस की कंपनी अलमज़अन्ते के साथ लगभग 42 हज़ार करोड़ का समझोता पर सवाल क्यो नही उठाती? आखिरकार यह सौदा भी तभी फाइनल हुआ जब मोदी दिसम्बर 2015 में रूस के दौरे पर जाते हैं.
तो यदि फ्रांस के सौदे पर आप सवाल उठा सकते हो तो रूस के साथ हुए इस सौदे पर सवाल क्यो नही उठाए ? अच्छा रूस और फ्रांस को भी छोड़िए आपको अपने UPA के काल मे हुआ टाट्रा ट्रक घोटाला तो याद होगा जिसमें आप के रक्षा मंत्री एंटनी तक फसने वाले थे.
क्या आप नही जानते थे कि चेक रिपब्लिक स्थित ट्रक मेकर, टाट्रा भारत के डिफेन्स मार्केट में रिलायंस डिफेन्स के साथ पार्ट्नरशिप में आने की योजना बना रहा है.
आपने उस पर आवाज क्यो नही उठायी ? इसलिए जो अनिल अंबानी आप पर मुकदमा करने की धमकी दे रहे हैं वो बिल्कुल ठीक कर रहे हैं कांग्रेस ऐसे ही मुकदमे झेलने के लायक है.
शर्म आना चाहिए .......अम्बानी को नही कांग्रेस को, जिसने 50 साल देश मे शासन किया हो आज उस पर एक लाख करोड़ का लोन डुबोने वाला उद्योगपति जुबान बन्द रखने और मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे रहा है.
गलती ये है कि उसने सिर्फ रॉफेल डील पर ही क्यों सवाल उठाए हैं दरअसल अनिल अंबानी की कम्पनी रिलायंस डिफेंस की हर डील में खुला भ्रष्टाचार दिखाई देता है जो मोदी सरकार के साथ के बिना संभव ही नही था इसलिए कांग्रेस को तो हर डील पर सवाल उठाने चाहिए थे ?
आज अम्बानी राहुल को पत्र लिखकर बोलते हैं कि भारत जो 36 राफेल जेट विमान फ्रांस से खरीद रहा है, उन विमानों के एक रुपये मूल्य के एक भी कलपुर्जे का विनिर्माण अम्बानी समूह द्वारा नहीं किया जाएगा.
यह सरासर झूठी बात है सच तो यह है कि रिलायंस डिफेंस लि. अनिल अंबानी ग्रुप व फ्रांस की कंपनी थेल्स के बीच एक समझौता किया गया था और यह समझौता सिर्फ इसीलिए किया गया था कि थेल्स फ्रांस की रॉफेल विमान निर्माता कम्पनी डेसाल्ट एविएशन को रडार, इलेक्ट्रानिक युद्धक उपकरण व सॉफ्टवेयर सप्लाई करने का काम करती हैं और इसी समझौते के तहत रिलायंस के साथ मिलकर थेल्स 'मिहान-नागपुर विशेष आर्थिक जोन' यानी धीरूभाई अंबानी एयरोस्पेस पार्क (DAAP) में युद्धक उपकरण बनाने पर काम कर रही है थेल्स कंपनी ने अपने तीन सौ कर्मियों को भारत में तैनात किया है.
अब थेल्स कम्पनी से समझौता रिलायंस ने भटे बघारने के लिए तो किया नही था तो कांग्रेस इस बात को सामने क्यो नही लायी ?
अब इस रिलायंस डिफेंस ओर उससे मोदी जी के प्रेम की कथा भी सुनिए जिस कथा में सिर्फ 10 हफ़्तों के भीतर 289 एकड़ जमीन रिलायंस डिफेंस को अलॉट की गयीं.
स्वयं अनिल अंबानी स्वीकार करते हैं कि “There will be a long journey for development of Nagpur and Vidharba region. We started on June 16, 2015 with first presentation and in less than 10 weeks we got the land. This is a record,” said Mr. Ambani.
यानी सिर्फ 10 हफ़्तों से भी कम समय मे नागपुर जैसी जगह पर अम्बानी को 289 एकड़ जमीन धीरूभाई अंबानी एयरोस्पेस पार्क (DAAP) लिए दे दी जाती हैं
तो ये कांग्रेस को पूछना चाहिए था कि ऐसा क्यो हैं क्या उसने कभी यह पूछा ? इसलिए अम्बानी उन्हें आज लीगल नोटिस भेज रहे हैं तो सही ही कर रहे हैं.
एक ऐसे समूह को ये जमीन क्यो दी गयी जिसके ऊपर एक लाख करोड़ से ऊपर का कर्ज है, जिसमें से 45 हजारकरोड़ का जो कर्ज रिलायंस कम्युनिकेशन को दिया गया था, वह लगभग डूब चुका है ?
ये सवाल उसी वक्त कांग्रेस को पूछना चाहिए था कि ऐसा क्यो हैं क्या उसने कभी यह पूछा ? इसलिए अम्बानी उन्हें आज जुबान काबू में रखने का बोल रहे हैं तो ठीक तो कर रहे हैं
सन 2015 से 2016 के बीच 35 डिफेंस से संबंधित लाइसेंस रिलायंस डिफेंस को मिलते हैं जिसमें 12 लाइसेंस 3 दिसंबर 2015 को एवं 16 लाइसेंस एक साथ 5 मई 2016 को दे दिए जाते हैं जबकि उसका हथियार बनाने के मामले में कोई अनुभव नही है.
तब इस विषय मे कांग्रेस ने कुछ क्यो नही बोला इसलिए उसे अम्बानी द्वारा लीगल नोटिस भेजना बिल्कुल सही है.
कहा गया कि डिफेंस सेक्टर में पहली बार भारत की किसी प्राइवेट कंपनी द्वारा बने वारशिप्स को नोसेना में शामिल किया गया और यह वॉरशिप अम्बानी ने बनाए थे लेकिन सच बात तो यह है कि अम्बानी ने भारत सरकार का एक उद्यम पिपावा डिफेन्स एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को ओनेपोने दाम पर मोदी जी की मदद से खरीद लिया उन वॉरशिप को सरकारी कम्पनी ने तैयार किया था उस पर अम्बानी ने सिर्फ अपना ठप्पा लगाया और मनमानी कीमतों पर उसे मोदी सरकार को बेच दिया.
क्या इस घोटाले पर कभी कांग्रेस ने कभी कुछ देश को बताया ? इसलिए बिल्कुल अम्बानी जी द्वारा कांग्रेस पर मुकदमा ठोका जाना चाहिए.
कांग्रेस कहती है कि मोदी जी का हाथ अनिल अंबानी पर है इसलिए उसे फ्रांस में डेसाल्ट वाली डील मिल गयीं लेकिन वह रिलायंस डिफेंस ओर रूस की कंपनी अलमज़अन्ते के साथ लगभग 42 हज़ार करोड़ का समझोता पर सवाल क्यो नही उठाती? आखिरकार यह सौदा भी तभी फाइनल हुआ जब मोदी दिसम्बर 2015 में रूस के दौरे पर जाते हैं.
तो यदि फ्रांस के सौदे पर आप सवाल उठा सकते हो तो रूस के साथ हुए इस सौदे पर सवाल क्यो नही उठाए ? अच्छा रूस और फ्रांस को भी छोड़िए आपको अपने UPA के काल मे हुआ टाट्रा ट्रक घोटाला तो याद होगा जिसमें आप के रक्षा मंत्री एंटनी तक फसने वाले थे.
क्या आप नही जानते थे कि चेक रिपब्लिक स्थित ट्रक मेकर, टाट्रा भारत के डिफेन्स मार्केट में रिलायंस डिफेन्स के साथ पार्ट्नरशिप में आने की योजना बना रहा है.
आपने उस पर आवाज क्यो नही उठायी ? इसलिए जो अनिल अंबानी आप पर मुकदमा करने की धमकी दे रहे हैं वो बिल्कुल ठीक कर रहे हैं कांग्रेस ऐसे ही मुकदमे झेलने के लायक है.
शर्म आना चाहिए .......अम्बानी को नही कांग्रेस को, जिसने 50 साल देश मे शासन किया हो आज उस पर एक लाख करोड़ का लोन डुबोने वाला उद्योगपति जुबान बन्द रखने और मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे रहा है.