धारा-370 में मस्त जनता, जनसंख्या नियंत्रण का शगूफा और भारी मंदी के दौर में ऑटो सेक्टर

Written by Girish Malviya | Published on: August 18, 2019
कोई अखबार कोई न्यूज़ चैनल यह पूछने राजी नही है कि अचानक यह क्या हुआ कि 2016-17 में जो भारतीय पैसेंजर व्हीकल मार्केट, जो दुनिया मे सबसे तेजी ( 9 फीसदी ) की दर से बढ़ रहा था और 2020 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार होने जा रहा था वही पिछले 10 महीनों इतने गहरे गोते क्यो खा रहा है? मंदी अब सड़क पर निकल आई है।



मंदी का आलम यह है कि 2019- 20 की दूसरी तिमाही में इनरवियर सेल्स ग्रोथ में भारी गिरावट आई है। चार शीर्ष इनरवियर कंपनियों के तिमाही नतीजे पिछले 10 सालों में सबसे कमजोर रहे हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर बता रही है कि इसका अर्थ यह हैं कि भारतीय उपभोक्ता विवेकाधीन खर्च के लिए बजट बढ़ाने में संघर्ष कर रहे हैं।

करीब 49 साल पहले साल 1970 के दशक में इस अनौपचारिक इनरवियर इंडेक्स को एलन ग्रीनस्पैन ने ईजाद किया था। इसके मुताबिक पुरुषों के अंडरवियर की बिक्री में गिरावट अर्थव्यवस्था की खराब हालत को दर्शाता है।

यहाँ तक कि रोज़मर्रा के जरूरत के सामान तक की मांग घटने लगी है. जल्दी-जल्दी बिकने वाले सामान, यानी बिस्कुट, डबलरोटी, तेल, साबुन जैसे रोज़मर्रा के सामान बिक्री मंद पड़ती जा रही है FMCG मार्केट अपने सबसे बुरे दौर में प्रवेश कर गया है।

बिस्कुट बाजार में एक तिहाई हिस्से वाली ब्रिटैनिया के प्रबंध निदेशक बोल रहे हैं कि 'ग्राहक 5 रुपये का बिस्कुट का पैक खरीदने के पहले दो बार सोच रहा है तो अर्थव्यवस्था में गंभीर समस्या है।'

लेकिन लोग 370 में मस्त है, अब यह नया जनसंख्या नियंत्रण का शगूफा छोड़ दिया है........., परसाई ने लिखा है कोई मै देखता हूँ कि हर साल को नया जादूगर और कोई नया साधु पैदा हो गया है। उसका विज्ञापन छपता है। जादूगर आंखों पर पट्टी बांधकर स्कूटर चलाता है और ‘गरीबी हटाओ’ वाली जनता कामधाम छोड़कर, तीन-चार घंटे आंखों पर पट्टी बांधे जादू्गर को देखती हजारों की संख्या में सड़क के दोनों तरफ खड़ी रहती है। ये छोटे जादूगर हैं। इस देश में बड़े बड़े जादूगर हैं, जो छब्बीस सालों से आंखों पर पट्टी बांधे हैं। जब वे देखते हैं कि जनता अकुला रही है और कुछ करने पर उतारू है, तो वे फौरन जादू का खेल दिखाने लगते हैं। जनता देखती है, ताली पीटती है।

परसाई कहते है कि 'मुझे लगता है, छब्बीस सालों में देश की जनता की मानसिकता ऐसी बना दी गयी है कि जादू देखो और ताली पीटो। चमत्कार देखो और खुश रहो'

परसाई साहब 26 साल का बोल रहे थे लेकिन अब तो 73 साल पूरे होने को आए हैं और अभी भी जनता ताली पीटने में ही व्यस्त हैं।

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