पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर में पांच लोगों को मवेशी चोर बताकर पीटने और उनसे ‘जबरन जय श्री राम’ के नारे लगवाने की कोशिश करने का मामला सामने आया है। मामला सिलिगुड़ी से 145 किमी दूर करनदीधी का है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के पास की गई शिकायत में कहा गया है कि मोहम्मद मुख्तार, दिलबर हुसैन, नौशाद अली, इंताब अली और अनवर आलम नाम के युवक पड़ोस के गांव में मछली पकड़ने गए थे।
मारपीट के शिकार लोगों में शामिल दिलबर ने द टेलिग्राफ से बताया, ‘हम तालाब में मछली पकड़ रहे थे कि तभी कुछ बीजेपी समर्थक आए। उनकी अगुआई बीजेपी पंचायत सदस्य के पति कर रहे थे। उन्होंने हमें मवेशी चोर कहा और आरोप लगाया कि हम उनके गांव में पशुओं को चुराने के लिए आए हैं। उन्होंने हमारे साथ मारपीट की। इसके बाद उन्होंने हमें जय श्री राम बोलने के लिए कहा।’
दिलबर के मुताबिक, ‘हमने ऐसा करने से इनकार कर दिया और हमें जाने देने के लिए कहा लेकिन वे भड़क गए और हम पर दोबारा हमला किया। लोगों के एक ग्रुप ने हमें घेर लिया और हमारी पिटाई की।’ वहीं, बीजेपी नेताओं ने इन आरोपों को खारिज किया है। उत्तरी दिनाजपुर के जिला महासचिव बासुदेव सरकार ने कहा, ‘हमें जानकारी मिली है कि ये लोग पैसों के बंटवारे को लेकर मारपीट में शामिल थे। कुछ स्थानीय तृणमूल नेता पैसे दबाने की कोशिश कर रहे हैं और हमारी पार्टी पर आधारहीन आरोप लगा रहे हैं।’
पीड़ितों में शामिल मुख्तार ने कहा कि जैसे ही उन्होंने शोर मचाया, कुछ गांववाले और तृणमूल समर्थक उनकी मदद करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने बताया, ‘इन लोगों को देखने के बाद वे भाग गए। उन्होंने हमें धमकी दी कि अगर हमने कानूनी कार्रवाई की तो हमें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।’
घटना के बाद गांववालों ने पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाया। बाद में दिलबर और मुख्तार को रायगंज मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल शिफ्ट करना पड़ा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस घटना से आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल पैदा हो गया है। यहां करीब 50 फीसदी आबादी अल्पसंख्यकों की है।
घटना की खबर मिलते ही स्थानीय पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। बाद में स्थानीय तृणमूल नेताओं ने शिकायत भी दर्ज कराई है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, ‘हमारे लोग इलाके में गश्त लगा रहे हैं। हमने कुछ हमलावरों के बारे में जानकारी इकट्ठी की है और उनकी तलाश कर रहे हैं।’
मारपीट के शिकार लोगों में शामिल दिलबर ने द टेलिग्राफ से बताया, ‘हम तालाब में मछली पकड़ रहे थे कि तभी कुछ बीजेपी समर्थक आए। उनकी अगुआई बीजेपी पंचायत सदस्य के पति कर रहे थे। उन्होंने हमें मवेशी चोर कहा और आरोप लगाया कि हम उनके गांव में पशुओं को चुराने के लिए आए हैं। उन्होंने हमारे साथ मारपीट की। इसके बाद उन्होंने हमें जय श्री राम बोलने के लिए कहा।’
दिलबर के मुताबिक, ‘हमने ऐसा करने से इनकार कर दिया और हमें जाने देने के लिए कहा लेकिन वे भड़क गए और हम पर दोबारा हमला किया। लोगों के एक ग्रुप ने हमें घेर लिया और हमारी पिटाई की।’ वहीं, बीजेपी नेताओं ने इन आरोपों को खारिज किया है। उत्तरी दिनाजपुर के जिला महासचिव बासुदेव सरकार ने कहा, ‘हमें जानकारी मिली है कि ये लोग पैसों के बंटवारे को लेकर मारपीट में शामिल थे। कुछ स्थानीय तृणमूल नेता पैसे दबाने की कोशिश कर रहे हैं और हमारी पार्टी पर आधारहीन आरोप लगा रहे हैं।’
पीड़ितों में शामिल मुख्तार ने कहा कि जैसे ही उन्होंने शोर मचाया, कुछ गांववाले और तृणमूल समर्थक उनकी मदद करने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने बताया, ‘इन लोगों को देखने के बाद वे भाग गए। उन्होंने हमें धमकी दी कि अगर हमने कानूनी कार्रवाई की तो हमें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।’
घटना के बाद गांववालों ने पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाया। बाद में दिलबर और मुख्तार को रायगंज मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल शिफ्ट करना पड़ा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस घटना से आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल पैदा हो गया है। यहां करीब 50 फीसदी आबादी अल्पसंख्यकों की है।
घटना की खबर मिलते ही स्थानीय पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। बाद में स्थानीय तृणमूल नेताओं ने शिकायत भी दर्ज कराई है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, ‘हमारे लोग इलाके में गश्त लगा रहे हैं। हमने कुछ हमलावरों के बारे में जानकारी इकट्ठी की है और उनकी तलाश कर रहे हैं।’