'हिंदू भावनाओं' को आहत करने के लिए KBC निर्माताओं, अमिताभ बच्चन के खिलाफ एफआईआर दर्ज

Written by sabrang india | Published on: November 3, 2020
टेलीविजन गेम शो कौन बनेगा करोड़पति और इसके होस्ट अमिताभ बच्चन के खिलाफ कर्मवीर एपिसोड के दौरान 'हिंदू भावनाओं को आहत करने के आरोप' में एफआईआर दर्ज की गई है। 



केबीसी शुरु से ही अपने दर्शकों के बीच चर्चित रहा है। इसके प्रतिभागी संघर्ष, किस्से और कहानी लोगों को प्रेरणा देते हैं। लेकिन इसके 12वें ऐपिसोड में जैसे ही अमिताभ बच्चन ने प्रतिभागी से सवाल किया- 25 दिसंबर 1927 को डॉ. बी.आर अंबेडकर और उनके अनुयायियों ने कि धर्मग्रंथ की प्रतियां जलाई थीं? इसके लिए चार विकल्प दिए गए- (ए) विष्णु पुराण (बी) भगवत गीता (सी) ऋग्वेद (डी) मनुस्मृति। जवाब "मनुस्मृति" था जिसे मेहमानों ने सही चुना।

जवाब के बाद बच्चन ने भी ऐतिहासिक घटना पर विस्तार से कहा, 1927 में डॉ. बी.आर.अंबेडकर ने प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथ मनुस्मृति की वैचारिक रूप से जातिगत भेदभाव और छुआछूत को उचित ठहराने की निंदा और उन्होंने प्रतियां भी जलाईं। 

मनुस्मृति एक प्राचीन हिंदू ग्रंथ है जो जाति व्यवस्था का समर्थन करता है। दलित और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े समुदाय इस धर्मग्रंथ की निंदा करने में सबसे मुखर रहे हैं। इसके अलावा 1927 में शास्त्र को जलाना एक जाना-माना तथ्य है- जैसे कि आमतौर पर इंफोटेनमेंट शो के लिए प्रश्नों को फ्रेम करने के लिए उपयोग किया जाता है। 

फिर भी सोशल मीडिया पर कई लोग इसे संस्कृति पर हमला बताते हुए होस्ट पर टूट पड़े। इस घटना के बाद ट्विटर पर 'BoycottKBC' और 'SupportKBC' हैशटेग के साथ यूजर्स उनकी आलोचना कर रहे हैं। 

विवेक रंजन अग्निहोत्री ने क्लिप शेयर करते हुए लिखा, "केबीसी को कम्युनिस्टों ने हाईजैक कर लिया है. मासूम बच्चे, सीखिए कल्चर वॉर किस तरह जीतते हैं. इसे कोडिंग कहते हैं।"





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