वेस्ट यूपी में 5 टोल प्लाजा पर किसानों का धरना, कहा- कृषि कानून वापस लो

Written by Navnish Kumar | Published on: May 29, 2021
कृषि कानूनों के विरोध में वेस्ट यूपी में किसानों ने टोल फ्री कराने शुरू कर दिए हैं। मेरठ, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मुरादाबाद आदि ज़िलों में 5 टोल प्लाजा फ्री कराते हुए भाकियू ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। दरअसल, किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर उत्तर प्रदेश में भी आंदोलन तेज करने का दबाव है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी यूपी में आंदोलन तेज करने की जरूरत बताई थी। यही कारण हैं कि 26 मई काला दिवस के दिन से वेस्ट यूपी में 5 टोल प्लाजा भाकियू की अगुवाई में किसानों ने फ्री करा दिए हैं और सभी जगह किसान धरने पर बैठे हैं। 



मेरठ के सिवाया टोल प्लाजा पर धरने के तीसरे दिन भाकियू कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों से मिलने के लिए डीएम व एसएसपी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। डीएम के. बालाजी व एसएसपी अजय साहनी आदि अधिकारियों ने धरनारत किसानों से बात की। अधिकारियों ने कार्यकर्ताओं से धरना खत्म करने की अपील की लेकिन, वे किसान नहीं माने। किसानों ने टोल प्लाजा की तीन लाइनों पर कब्जा कर रखा है। डीएम व एसएसपी ने कहा कि धरना समाप्त कर दिया जाए और जो परेशानी हो उसे हमें बताएं। भाकियू नेताओं ने एक सुर में कृषि कानूनों को वापस करने की बात रखी।

किसानों की य‍ह बात सुनते ही डीएम के.बालाजी ने जवाब देते हुए कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है, वह किसानों की बात पत्र के माध्यम से सरकार तक पहुंचा सकते हैं। जिसके बाद भाकियू पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के अगला आदेश मिलने तक बेमियादी धरना जारी रखने की बात दोहराई। काफी देर आग्रह व निवेदन करने के बाद आला अधिकारी लौट गए।

कृषि कानूनों के विरोध में सिवाया टोल पर धरने का नेतृत्व कर रहे भाकियू पदाधिकारी संजय दौराला ने कहा कि जब तक राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का आदेश नहीं मिलता है, तब तक वह धरने को जारी रखेंगे। वहीं मुजफ्फरनगर के छपार टोल प्‍लाजा की दो लाइनों पर किसान धरने पर बैठे हुए हैं। व्‍यवस्‍था के लिए पुलिस बल मौजूद है। 

भाकियू टिकैत (अराजनैतिक) के आह्वान पर जेवर टोल पर चल रहा किसानों का विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह चिरौली किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर, समर्थकों के साथ जेवर टोल पर धरने पर बैठे और उन्होंने टोल प्लाजा की एक लेन को बंद करा दिया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। देर रात को पुलिस व यूनियन के पदाधिकारियों के बीच धरना समाप्त करने को लेकर वार्ता हुई थी जो विफल रही।

चिरौली ने बताया कि केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार किसानों का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने किसान विरोधी तीन कानून बनाकर किसानों को पंगु बना दिया है। बार बार आह्वान के बावजूद, केंद्र सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। इसी से किसानों ने बृहस्पतिवार से जेवर टोल प्लाजा पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। यहां भी पुलिस और धरने पर बैठे किसानों के बीच जेवर थाना में वार्ता हुई, लेकिन किसान अपनी मांग पूरी होने तक धरना समाप्त करने को तैयार नहीं हैं।

उधर हापुड़ के कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के तहत शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने छिजारसी टोल को वाहनों के लिए फ्री कराया। किसान नारेबाजी करते हुए टोल पर धरने पर बैठे। एहतियात के तौर पर यहां पुलिस बल तैनात किया गया।

किसान नेताओं के अनुसार, भाकियू के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी धरने पर बैठे हैं। ये टोल प्लाजा जेवर, मेरठ, अमरोहा, मुरादाबाद और मुजफ्फरनगर में स्थित हैं।

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