उत्तर प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी का भाजपा का चुनावी वादा महाराष्ट्र की भाजपा सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहा है. द इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी जैसे विपक्षी दलों ने ही नहीं, बल्कि सरकार में शामिल शिवसेना ने भी उत्तर प्रदेश के वादे का हवाला देकर किसानों की कर्जमाफी की मांग तेज कर दी है.
कांग्रेस और एनसीपी विधायकों ने सवाल उठाया है कि फड़णवीस सरकार किसानों की कर्जमाफी को लेकर कोई पहल क्यों नहीं कर रही, जबकि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी का वादा कर रही है. सरकार की आलोचना करते हुए राधाकृष्ण विखे पाटिल और अजित पवार जैसे कांग्रेसी विधायकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश की तुलना में महाराष्ट्र के किसानों की हालत ज्यादा खराब है.
यही नहीं, गुरुवार को शिवसेना ने भी किसानों का कर्जमाफी की मांग का खुलकर समर्थन कर दिया है. इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि कई भाजपा विधायक भी इसका समर्थन कर रहे हैं जो भाजपा नेताओं के लिए शर्मिंदगी का सबब बनता जा रहा है. वहीं, विपक्षी दलों की आलोचना का जवाब देते हुए वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार का कहना है कि उत्तर प्रदेश के चुनावी वादे के आधार पर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करना सही नहीं है. उन्होंने उल्टे पूछा है कि कांग्रेस कर्नाटक में किसानों की कर्जमाफी की मांग क्यों नहीं करती जहां उसकी अपनी सरकार है.
हालांकि, वित्तमंत्री मुनगंटीवार का यह भी कहना है कि सरकार किसानों की कर्जमाफी के खिलाफ नहीं है, लेकिन वह पहले उसके लिए अनुकूल माहौल बनाना चाहती है. वित्त मंत्री के मुताबिक कर्जमाफी का लाभ अक्सर किसानों को नहीं मिल पाता, बल्कि वह बैंकों और सहकारी समितियों के हिस्से में चला जाता है और किसान दोबारा कर्ज में उलझ जाते हैं.
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विपक्षी दलों ने सवाल उठाया है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में कर्जमाफी का वादा कर रही है, लेकिन महाराष्ट्र में इसे अनसुना कर रही है
