हिरासत में एक किसान की मौत, किसानों में नाराजगी

Published on: June 10, 2017

मध्य प्रदेश में पुलिस हिरासत में किसान की मौत के बाद इलाके के किसानों में बेहद नाराजगी है। यहां 1 जून से चल रहे किसान आंदोलन में अब तक 6 किसानों की मौत हो गई। मृतक घनश्याम के परिजनों और दोस्तों का आरोप है कि पुलिस ने उसे गुरूवार को हिरासत में लिया था और शुक्रवार रात उसके देहांत होने की खबर मिली।



Image Courtesy: Indian Express

परिजनों का आरोप है कि पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद घनश्याम का कोई पता नहीं था। उधर पुलिस का कहना है कि पत्थरबाजी के दौरान घनश्याम जख्मी हो गया था।

पुलिस हिरासत में घनश्याम की मौत की खबर सुनने के बाद जिले के विभिन्न इलाकों से आक्रोषित किसानों का एक समूह दलौदा की तरफ रवाना हो गया। मंदसौर कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि घनश्याम की मौत के बाद दलौदा में भीड़ इकट्ठा होने की खबर हमलोगों को मिली। जिसके बाद हमलोग स्थिति में नियंत्रण के लिए जा रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक रिश्तेदारों ने कहा कि आंदोलन के दौरान गुरूवार को बडवान गांव के घनश्याम को भाउगढ़ पुलिस द्वारा जीप में ले जाते देखा गया था। घनश्याम के रिश्तेदारों का कहना है कि जब वह मोटरसाइकिल से जा रहा था तो भाऊगढ़ फंटा स्कावयर से उठाया गया। उसके परिजनों को पता नहीं था कि वह कहां है और वे देर रात तक उसे तलाशते रहे।  देर रात भाऊगढ़ थाना के इनचार्ज संजय सिंह घनश्याम को लेकर एमवाई हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टरों ने घनश्याम को मृत घोषित कर दिया। पुलिस अज्ञात व्यक्ति उसे बता रही थी साथ ही वह परिजनों से घनश्याम के आंदोलन में घायल होने के बारे में बोलने को कह रही थी। घनश्याम का रिश्तेदार राहुल एमवाई हॉस्पिटल की मॉर्चरी में जाकर शव की पहचान की। घनश्यमा अपने पीछे पत्नी और एक नवजात बच्चा को छोड़ गया।

रिपोर्ट के मुताबिक घनश्याम के साथ गणेश मालवीय, विनदो मालवीय और शिव नारायण मालवीय भाऊगढ़ फंटा स्कावयर पर प्रदर्शन कर रहे थें तभी पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया। घनश्याम के एक दोस्त उमाशंकर ने मीडिया को बताया कि उसके पास देर रात करीब दो बजे घनश्याम के गंभीर रूप से जख्मी होने का फोन आया। बताया गया कि उसे इलाज के इंदौर ले जाया गया है। उनलोगों ने मुझे इंदौर आने को कहा था। उमाशंकर ने आगे कहा कि पुलिस अन्य तीन लोगों के बारे में नहीं बता रही है कि उन्हें कहां रखा गया है।

वहां भाऊगढ़ थाना इनचार्ज संजय सिंह ने तमाम आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि घनश्याम आंदोलन के दौरान पत्थरबाजी करते हुए घायल हो गया था जिसके बाद उसे इंदौर ले जाया गया। उधर घनश्याम की मौत के बडवान गांव में भीड़ जमा हो गई और हालात को नियंत्रित करने के लिए इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। आरएएफ को भी स्थिति से निपटने के लिए लगाया गया है। डीआईजी हरि नारायणाचारी मिश्रा ने मीडिया को बताया कि शहर में हालात को नियंत्रित करने के लिए सभी उपाय कर लिए गए हैं। इस बीच एमवाई हॉस्पिटल के वीएस पाल ने कहा कि ऑटोप्सी के लिए शव को भेज दिया गया है। 

 

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