दिल का दौरा पड़ने से मशहूर बॉलीवुड कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन

Written by sabrang india | Published on: July 3, 2020
मुंबई। 71 वर्षीय मशहूर कोरियोग्राफर सरोज ख़ान का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकीं ख़ान पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं।



सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें पिछले शनिवार को मुंबई में बांद्रा के गुरु नानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां उनकी कोविड-19 की जांच भी की गई, जिसकी रिपोर्ट में उनके संक्रमित न होने की पुष्टि हुई।

उनके रिश्तेदार मनीष जगवानी ने कहा, ‘बृहस्पतिवार देर रात करीब ढाई बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका अस्पताल में निधन हो गया।’उपनगरीय मलाड में एक कब्रिस्तान में शुक्रवार सुबह ही उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया।

उनकी बेटी सुकैना ख़ान ने कहा, ‘सुबह करीब सात बजे उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया। तीन दिन बाद एक प्रार्थना सभा रखी जाएगी।’सरोज ख़ान ने अपने चार दशक के करिअर में 2000 से अधिक गीतों की कोरियोग्राफी की। ख़ान ने 80 से 90 के दशक में अपना सर्वश्रेष्ठ काम अदाकारा श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित के साथ किया।

ख़ान का परिवार बंटवारे के बाद भारत आ गया था। उन्होंने बतौर बाल कलाकार अपने फिल्मी करिअर की शुरुआत की थी, लेकिन बाद में वह ‘बैकग्राउंड डांसर’ के तौर पर काम करने लगीं।

सरोज ख़ान का नाम पहले निर्मला था, लेकिन इस्लाम धर्म अपनाने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया था। कोरियोग्राफर बी। सोहनलाल से नृत्य सीखते हुए 13 साल की उम्र में ही ख़ान ने उनसे शादी कर ली थी। उस समय सोहनलाल की उम्र 41 वर्ष थी और उनकी यह दूसरी शादी थी।

ख़ान ने 1974 में फिल्म ‘गीता मेरा नाम’ से अपने कोरियोग्राफी करिअर की शुरुआत की लेकिन उन्हें पहचान 1987 में श्रीदेवी के गीत ‘हवा हवाई’ से मिली। इसके बाद सरोज ख़ान ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक हिट गाने देती गईं।

अदाकारा श्रीदेवी के लिए फिल्म ‘नगीना’ और ‘चांदनी’ के गीतों के लिए की गई उनकी कोरियोग्राफी ने काफी सराहना हासिल की, लेकिन उन्हें सबसे अधिक लोकप्रियता अभिनेत्री माधुरी दीक्षित के लिए कोरियोग्राफ किए गीतों से मिली।

माधुरी के लिए उन्होंने ‘एक दो तीन’, ‘तम्मा तम्मा लोगे’, ‘धक-धक करने लगा’, ‘चोली के पीछे क्या है’, ‘डोला रे डोला’ जैसे कई हिट गीतों की कोरियोग्राफी की।

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