नए बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं इस आंदोलन को अब पर्यावरणविद और चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुणा ने भी किसानों को अपना समर्थन दिया है। पत्रकारों से बात करते हुए बहुगुणा ने कहा कि वह 'अन्नदाता' की मांगों का समर्थन करते हैं।
सुंदरलाल बहुगुणा उत्तराखंड के टिहरी जनपद के रहने वाले हैं। उनके बेटे और वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी साझा किया।
कई सालों से वह हिमालय में वनों के संरक्षण के लिए लड़ रहे हैं। वह पहले 1970 के दशक में चिपको आंदोलन के प्रमुख सदस्य में से एक थे। बाद में 1980 के दशक से शुरू होकर 2004 के शुरू में टिहरी बांध विरोधी आंदोलन की अगुवाई भी की।
नए बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुंदरलाल बहुगुणा उत्तराखंड के टिहरी जनपद के रहने वाले हैं। उनके बेटे और वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी साझा किया।
कई सालों से वह हिमालय में वनों के संरक्षण के लिए लड़ रहे हैं। वह पहले 1970 के दशक में चिपको आंदोलन के प्रमुख सदस्य में से एक थे। बाद में 1980 के दशक से शुरू होकर 2004 के शुरू में टिहरी बांध विरोधी आंदोलन की अगुवाई भी की।
नए बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।