तीसरी लहर के बीच UP सहित पांच राज्यों में चुनाव कार्यक्रम घोषित

Written by Navnish Kumar | Published on: January 11, 2022
कोरोना वायरस की तेज होती तीसरी लहर के बीच चुनाव आयोग ने UP सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया। 10 फरवरी से मतदान शुरू व 7 मार्च को पूरा होगा। वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी। उत्तर प्रदेश में सात चरण में मतदान होगा। पूर्वोत्तर के अशांत राज्य मणिपुर में दो चरण में और बाकी तीन राज्यों उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में एक ही दिन एक चरण में मतदान संपन्न होगा। चुनाव की घोषणा के साथ ही पांचों राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई है। 5 राज्यों में से पंजाब छोड़ कर बाकी चार जगह भाजपा की सरकार है।



उत्तर प्रदेश में वेस्ट यूपी में 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होगा और फिर 14, 20, 23 व 27 फरवरी और 3 व 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में वोट डाले जाएंगे। मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में पांचों राज्यों के चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से इन चुनावों को लेकर संशय जताया जा रहा था। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर पांच राज्यों में चुनाव को नहीं रोक पाई, जैसे दूसरी लहर पश्चिम बंगाल और बाकी चार राज्यों में चुनाव नहीं रोक पाई थी।

बहरहाल, पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा करते हुए सुशील चंद्रा ने कहा कि कोरोना से बचाव के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए चुनाव प्रक्रिया को संपन्न किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें हिस्सा लेने वाले सभी कर्मियों को कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक यानी प्रीकॉशन डोज अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर सैनिटाइजर और मास्क आदि की सुविधाएं उपलब्ध होंगी और मतदाता केंद्रों की संख्या 16 फीसदी बढ़ाई जाएगी। एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की संख्या डेढ़ हजार की जगह साढ़े 12 सौ होगी। हर विधानसभा सीट पर एक पोलिंग बूथ पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित किया जाएगा।

खास है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई को पूरा हो रहा है, जबकि उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च को समाप्त हो रहा है। गोवा विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च और मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च को समाप्त हो रहा है। 

चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही कई तरह की पाबंदियों का ऐलान किया है। कोरोना वायरस की तेजी से बढ़ती तीसरी लहर की वजह से आयोग ने पाबंदियां लगाई हैं। इस बार उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों का चुनाव बिना बड़ी चुनावी रैली, रोड शो और नुक्कड़ सभा के होगा। पार्टियों को वर्चुअल रैली करने की इजाजत दी गई है। हालांकि 15 जनवरी के बाद आयोग इस फैसले की एक बार समीक्षा करेगा। चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि चुनाव के दौरान सुरक्षा सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान तेज किया जा रहा है। सभी चुनावकर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होना जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी चुनावकर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की तरह प्रीकॉशन डोज लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्चुअल रैली के जरिए ही चुनाव प्रचार होगा और घर घर प्रचार के लिए सिर्फ पांच लोग जा सकेंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि हर रैली से पहले उम्मीदवार से हलफनामा लिया जाएगा। पहले हफ्ते यानी 15 जनवरी तक किसी तरह की रैली, रोड शो और पदयात्रा नहीं होगी। नुक्कड़ सभा, बाइक रैली पर भी रोक रहेगी। 15 जनवरी के बाद कोरोना के हालात की समीक्षा की जाएगी और फिर रैलियों व जनसभाओं पर फैसला लिया जाएगा। अगर रैलियों की इजाजत दी गई तो भी उसमें कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा। आयोग की ओर से कहा गया कि प्रत्याशी नामांकन के लिए जुलूस लेकर नहीं जा सकते और न जीत के बाद विजय जुलूस निकाल सकेंगे। उम्मीदवारों को सुविधा ऐप के जरिए ऑनलाइन नामांकन की सुविधा भी गई है। 

आयोग ने कहा कि कोविड नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ महामारी एक्ट, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून और आईपीसी के धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आयोग ने यह भी बताया कि 80 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगों और कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों को घर से वोट करने की सुविधा मिलेगी। इसके लिए चुनाव आयोग की टीम उनके घर जाएगी और बैलेट देकर आएगी।

चुनाव की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का ऐलान किया तो बसपा प्रमुख मायावती ने उम्मीद जताते हुए कहा कि चुनाव आयोग मुस्तैदी और निष्पक्षता से अपनी भूमिका निभाएगा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वर्चुअल रैली के जरिए चुनाव प्रचार करने की घोषणा पर सवाल उठाया और कहा कि जिनके पास साधन नहीं हैं, वे वर्चुअल रैली कैसे करेंगे। हालांकि उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि इस बार के चुनाव में जनता भाजपा को साफ कर देगी

UP: सपा TINA फैक्टर तो YOGI बोले चुनाव 20 बनाम 80 फीसदी

चुनाव भले 5 राज्यों में हो पर सबसे ज्यादा चर्चा में उत्तर प्रदेश की है। यहां घोषणा से पहले ही उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका था। बीजेपी के साथ सपा भी तमाम प्रोग्राम करके वोटरों को लुभाने का काम कर रही है। सपा दोनों समुदायों (हिंदू-मुस्लिम) के बीच अपनी पैठ बना रही है। लेकिन एक बात जो देखी जा रही है वो ये कि सपा मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए कोई खास मशक्कत नहीं कर रही है। पार्टी के नेता बहुसंख्यक समुदाय को रिझाने की कोशिश ज्यादा कर रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि सपा TINA फैक्टर यानि देयर इज नो अल्टरनेटिव के सहारे परचम लहराने की जुगत में है। उसे भरोसा है कि ये फैक्टर मुस्लिम वोट दिलाने में खासा मददगार होगा। पार्टी के नेता कहते हैं कि मुस्लिम वोटरों को पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। उनके पास बीजेपी को हराने के लिए सपा से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इसी वजह से मुस्लिमों का वोट अखिलेश यादव को एकमुश्त मिलने जा रहा है। सपा को उनके समर्थन के लिए जद्दोजहन नहीं करनी पड़ेगी।

वहीं, योगी आदित्यनाथ को भरोसा है कि 20 बनाम 80 फीसदी का समीकरण उनकी सत्ता वापस कराने जा रहा है। योगी का कहना है कि आगामी चुनाव 80 बनाम 20 फीसदी के बीच होगा। भाजपा राष्ट्रवाद, सुशासन और विकास के मुददे पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। योगी आदित्यनाथ ने दूरदर्शन से कहा कि हम लोग जब 2017 में सरकार में आए थे तो हमने एक चीज उस दिन तय कर ली थी कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ सबका विकास के मंत्र को अंगीकार करते हुए कार्य करेगी। हमने विकास योजनाओं का लाभ सबको दिया हैं, विकास सबका किया है, लेकिन तुष्टीकरण किसी का नही किया।

उधर, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन कर चुके हैं। जबकि पिछली बार वो बीजेपी के साथ थे। इसी को लेकर उन्होंने कहा कि जिस उम्मीद से मैं खुद भारतीय जनता पार्टी के साथ गया, कि महंगाई कम होगी, बेरोजगारी कम होगी, प्रदेश में घरेलू बिजली का बिल माफ होगा, गरीबों का इलाज फ्री में होगा… लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने एक भी काम नहीं किया। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लेकर दो-दो बार लखनऊ में पंचायत हुई, अमित शाह आए, हमारी पंचायत हुई, लेकिन ये लोग जुमला बना करके रखे”।

सपा के साथ जाने को लेकर राजभर ने कहा कि इन्हीं सब मुद्दों को लेकर वो अखिलेश यादव के साथ आए हैं। वर्चुअल रैली को लेकर राजभर ने कहा कि बीजेपी कुछ स्ट्रांग नहीं है। उत्तरप्रदेश में जातिवार जनगणना कराने के लिए, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू कराने के लिए, एक समान और फ्री शिक्षा के लिए और देश में अमन चैन कायम करने के लिए अखिलेश के साथ जनता खड़ी हो चुकी है।

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