मदरसे खुली किताब, सर्वे का विरोध नहीं-सहयोग करें: दारुल उलूम

Written by Navnish Kumar | Published on: September 19, 2022
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे किए जाने को लेकर आयोजित सम्मेलन में  दारुल उलूम देवबंद ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि मदरसे खुली किताब की तरह है। कोई लुका छिपी वाली बात नहीं है। इसलिए वह सर्वे का कोई विरोध नहीं करेंगे। उन्होंने मदरसा संचालकों से भी जांच में सहयोग करने की अपील की है।



दारुल उलूम में आयोजित उत्तर प्रदेश के मदरसा संचालकों के सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि देश की आजादी में मदरसों की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता है, मदरसे देश के संविधान के अंतर्गत चलते हैं और मदरसों के अंदर कोई भी ढकी छुपी चीज नहीं है। इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराए जा रहे सर्वे से बिलकुल डरने और घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि सर्वे में सहयोग करते हुए संपूर्ण और सही जानकारी दें। इस दौरान मीडिया को नसीहत देते हुए सकारात्मक रवैया अपनाने की भी अपील की गई।  

रविवार को देवबंद मस्जिद रशीदिया में हो रहे इस सम्मेलन में 250 से ज्यादा मदरसा संचालकों और हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। जमीयत उलमा ए हिंद के मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मदरसों में कोई भी गलत गतिविधियां नही होती। अगर कोई मदरसा मस्जिद सरकारी जमीन पर नाजायज कब्ज़ा करके बनाया गया है तो सरकार ऐसे मदरसों को तोड़े। हमें कोई दिक्कत नही है। हम सरकार द्वारा कराए जा रहे सर्वे का विरोध नही करते बल्कि हम खुद सरकार को वो सब जानकारी देंगे जो वो चाहते हैं।

मौलाना मदनी ने कहा कि सरकार को मदरसों मुसलमानों और मस्जिदों को टारगेट नही करना चाहिए बल्कि देशहित में जो भी ज़रूरी हो उन कामो को संवैधानिक तरीके से करना चाहिए। उन्होंने कहा जिस तरह सरकार मदरसों को निशाना बना रही है उससे एक पूरे वर्ग को टारगेट किये जाने का संदेश जा रहा है जिसका हम विरोध करते हैं। सम्मेलन में एक 12 सदस्यीय स्टेयरिंग कमेटी का गठन किये जाने की खबर हैं जो सरकार से बात करेगी।

सम्मेलन संपन्न होने के बाद महमूद हाल में मीडिया से बात करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने साफ किया कि उन्हें योगी सरकार के मदरसों के सर्वे से कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने मदरसा संचालकों से आह्वान किया है कि वे सर्वे में सहयोग करें। क्योंकि मदरसों के अंदर कुछ भी ढका छुपा नहीं है सबके लिए मदरसों के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। अरशद मदनी ने कहा कि सर्वे करना सरकार का हक है। उसमें मदद की जाए। अब तक सर्वे वालों का किरदार सही रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक के सर्वे में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं दिखी है।

जमीयत उलमा ए हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी और दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए मदरसों के इतिहास पर प्रकाश डाला और मदरसा संचालकों को शिक्षा अधिनियम और देश के संविधान के अंतर्गत दी गई धार्मिक आजादी के अनुसार शिक्षण कार्य करने पर बल देते हुए सर्वे में सहयोग करने और अपने मदरसों के बारे में संपूर्ण और सही जानकारी देने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि हमें डरने और घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि मदरसों ने देश की आजादी और उसके निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई है।

मदरसे खुली किताब की तरह

वक्ताओं ने सभी मदरसा संचालकों से अपने दस्तावेज और जमीन कागजात के रखरखाव को ठीक रखने पर बल दिया। मदरसे वाले अपना हिसाब किताब ठीक रखें। अपने दस्तावेज और हिसाब किताब को पारदर्शी रखें। उन्होंने कहा कि सर्वे से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि मदरसे खुली किताब हैं और सभी के लिए इनके दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। इसलिए अगर सरकार सर्वे करती है उससे डरने की जरूरत नहीं है बल्कि उसमें पूर्ण सहयोग दें।

सम्मेलन के दौरान कुल हिंद राब्ता ए मदारिस इस्लामिया के नाजिम मौलाना मुफ्ती शौकत बस्तावी ने सम्मेलन का घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि मदरसे कभी भी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं पाए गए हैं। इसलिए मीडिया को भी मदरसों को लेकर सकारात्मक रवैया रखना चाहिए। सम्मेलन में मदरसों से राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सर्वे के संबंध में अपील की कि वे घबराएं और आशंकित न हों। बल्कि, सर्वे को एक प्रक्रियात्मक मानदंड मानते हुए सहयोग करें। 

यह भी दी गई सलाह

(1) सर्वे टीम को सही जानकारी उपलब्ध कराएं, ताकि कोई प्रतिकूल घटना न हो। यदि कोई नियामक चूक है तो उसे तत्काल आधार पर संबोधित किया जाना चाहिए।
(2) वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखें, लेखा परीक्षकों द्वारा सालाना लेखा परीक्षा प्राप्त करें, ऑडिट का रिकॉर्ड रखें और सुनिश्चित करें कि ऑडिट निष्पक्ष हो। 
(3) मदरसा संपत्ति के दस्तावेजों को बरकरार रखें। सुनिश्चित करें कि संपत्ति, मदरसा और सोसायटी या इसे चलाने वाले ट्रस्ट नियमानुसार पंजीकृत हो।
(4) स्वच्छ आवास, स्वस्थ भोजन और स्वच्छ परिसर बनाए रखना जारी रखें। शौचालयों और स्नानघरों की विशेष देखभाल के साथ पर्यावरण को साफ और स्वच्छ बनाने में मदद करें।

दारुल उलूम द्वारा बुलाए सम्मेलन पर टिकी थीं पूरे देश की नजरें

मशहूर इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम द्वारा रविवार को बुलाए गए उत्तर प्रदेश के मदरसा जिम्मेदारान और प्रमुख उलेमाओं के सम्मेलन पर पूरे देश की नजरें टिकी थीं। देखना था कि यूपी में योगी सरकार द्वारा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे कराए जाने के फैसले का देवबंद दारुल उलूम विरोध करता है या फिर क्या रुख अख्तियार करता है? काबिले गौर यह है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा गैर सरकारी मदरसों के सर्वे का फैसला लिया गया है और कानपुर, बरेली, सहारनपुर, देवबंद लखनऊ जगहों पर सर्वे कार्य शुरू किया जा चुका है।

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