योगी राज में दलित महिला को फूंककर मनाया गया महिला दिवस

Written by अनूप श्रमिक | Published on: March 23, 2018
लखनऊ. जहां दुनिया भर में महिलाओं के सम्मान में ये दिन मनाया जाता है उसी 8 मार्च के रात बलिया जिले के भीमपुर थाना अंतर्गत जजौली गाँव में कुछ बाहुबली ठाकुरो ने एक दलित महिला के ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी. ये कृत्य इन गुंडो ने एक वर्ष पहले भी किया था जिसके खिलाफ पीड़ितो ने मुकदमा दर्ज करवाया था जिससे बचने के लिए पुनः उस महिला पर जानलेवा हमला मनुवादी ठाकुरों द्वारा किया गया. जली हुई दलित महिला को बलिया से बनारस के कबीर चौराहा हस्पताल में रेफर किया गया. हालांकि महिला की जान नहीं बच सकी और कई दिन इलाज के बाद उसकी मौत हो गई. 


इंसाफ मंच, राष्ट्रीय इंकलाबी दलित आदिवासी मंच, जन अधिकार मंच, महिला जागृति समिति की सात सदस्यीय संयुक्त टीम बलिया की पीड़ित दलित महिला से मिलने कबीर चौरा स्थित जिला अस्पताल पहुँची। टीम ने पाया कि महिला को लगभग अस्सी फीसदी जला दिया गया है। 
उस वक्त मौके पर पटीम ने अपनी जाँच में पायाः

*हमले में 80 फीसदी जली दलित महिला के परिवार से मिली जाँच टीम
*योगी राज में सवर्ण-सामंती ताकतों का मनोबल सातवें आसमान पर
*दलित महिला को न्याय दिलाने के लिए बनारस से लेकर बलिया तक लड़ेंगे

पीड़ित परिवार का कहना था कि अभियुक्त गुड्डू सिंह से सूद पर जो पैसा लिया गया था उसका कई गुना बहुत पहले ब्याज सहित चुकाया जा चुका है। इसके बावजूद और पैसे की मांग लगातार पिछले साल भर से अभियुक्त की ओर से की जा रही थी. इसी के चलते पिछली बार भी खेत में जलाकर उन्हें मारने का प्रयास किया गया और अभियुक्तों पर उस मामले में भी मुकदमा दर्ज हुआ। दो-तीन पहले उसी मामले में जब गिरफ्तारी का वारंट आया तो ठीक अगले दिन दोबारा रेशमी देवी को पुनः रात में सोते समय मिट्टी का तेल छिड़ककर जलाकर मार डालने की कोशिश की गई। 

*जाँच टीम को साफ-साफ दिख रहा है कि इस जघन्य अपराध के पीछ मुख्य रूप से घनघोर पूँजीवादी लालच और मनुवादी सवर्ण-सामंती घृणा काम कर रही है, जो योगी-मोदी सरकार के संरक्षण फल-फूल रही है। 

*साल भर के अंदर दूसरी बार उनके ऊपर हमला किया गया। यह हमला पहली घटना को लेकर किया गया. हमलावर ठाकुर जाति के हैं और पीड़िता दलित समुदाय से संबद्ध है। 
*अभी तक मुख्य अभियुक्त गुड्डू सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है। 
*पीड़िता रेशमी राम गाँव जजौली, थाना भीमपुरा, ब्लॉक बेलथरा, जिला बलिया की रहने वाली हैं। 
*पीड़ित परिवार का कहना है कि भाजपा सरकार में मंत्री उपेंद्र तिवारी और स्थानीय भाजपा विधायक द्वारा लगातार दबाव बनाकर अपराधियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। 
*पीड़ित परिवार को पुलिस प्रशासन द्वारा आश्वासन दिया गया था कि 24 घंटे के अंदर अपराधियों को गिरफ्तार करेंगे पर अभी तक केवल दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है और मुख्य अभियुक्त को सरकारी दबाव के चलते जानबूझकर गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। 
*पीड़ित परिवार पर मुकदमा वापस लेने का भी लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इसके पहले वाले हमले के दौरान ही अगर पुलिस प्रशासन ने उचित कार्रवाई की होती तो अपराधियों ने इस तरह का दुस्साहस नहीं किया होता। 
*जाँच टीम ने यह भी पाया कि पीड़िता को जिस कबीर चैराहा हस्पताल के बर्न वार्ड में रखा गया है वहा 70%से अधिक जली महिला के  लिए कोई भी उपकरण उस वार्ड में नही दिखा जिसके लिए पीड़िता को बलिया से बनारस रेफर किया गया है। अस्पताल में कोई भी महिला पुलिसकर्मी मौके पर नहीं थी।

*जाँच टीम ने माँग की है कि मुख्य अभियुक्त को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और पीड़िता और उसके पूरे परिवार की सुरक्षा प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जाए। 

अभियुक्तों को संरक्षण दे रहे संबंधित पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो और योगी सरकार यह सुनिश्चित करे कि सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक और मंत्री पीड़ित परिवार पर समझौते का दबाव बनाना बंद करे। 

डॉक्टरों का कहना है कि पीड़िता की जो हालत है उसका इलाज इस अस्पताल में बेहतर ढंग से संभव नहीं है, अतः उनकी सर्वोत्तम अस्पताल में उपचार की तत्काल व्यवस्था करवाई जाए और पीड़ित परिवार को कम से कम 25 लाख का मुआवजा दिया जाए।

*जाँच टीम में मुख्य रूप से मनीष शर्मा, अनिल कुमार मौर्या, विनोद कुमार,फजर्लुरहमान,सरताज अहमद, चंद्रिका मौर्या और मैं डॉ.अनूप श्रमिक शामिल थे।
*इस संदर्भ में बनारस की साझा संस्कृति मंच ने भी कमिश्नर को सूचित किया था कि पीड़िता का ठीक ढंग से इलाज़ करवाया जाये।

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