यूपी: स्कूल की फीस जमा नहीं कर पाए तो स्कूल से काटा दलित छात्रों का नाम, जातिसूचक टिप्पणी का भी आरोप

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 28, 2019
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में दलित समुदाय के बच्चों को स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि वह फीस जमा करने में समर्थ नहीं थे। इस कार्रवाई के खिलाफ एक युवक जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर बैठ गया । उसने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। युवक का कहना है कि न्याय नहीं मिला तो वह आमरण अनशन पर बैठ जाएगा। 



जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। युवक का नाम शिवकुमार है। उसका कहना है कि उसके चार बच्चे विराज (4), युवराज (8), ज्योति (10) और चंचल (14) शोहरतगढ़ के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूल में पढ़ते हैं। इन दिनों उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने से वह इस बार फीस नहीं जमा कर पाया। इससे उसके बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया।

शिवकुमार ने बताया कि वह गरीब है। बच्चों को स्कूल से निकाले जाने के बाद वह प्रधानाचार्य से मिलकर उनको अपनी असमर्थता बताई। उनसे बाद में फीस जमा करने का वादा भी किया, लेकिन उन्होंने इसको नहीं सुना। शिवकुमार ने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य ने उस पर जातिसूचक टिप्पणी करते हुए उसे भगा दिया।

शिवकुमार ने बताया कि वह मामले को लेकर पुलिस के पास भी गया था, लेकिन उन्होंने काफी कोशिश के बाद भी उसकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की। इससे वह बहुत परेशान हो गया। उसने मामले की लिखित शिकायत डीएम से भी की है। सुनवाई नहीं होने पर उनके कार्यालय के बाहर धरने पर बैठा है।

हर तरफ से निराश होने और डीएम के यहां भी सुनवाई नहीं होने पर उसने बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी को भी स्कूल से बच्चों के नाम काटने की लिखित जानकारी दी है। उसने चेतावनी दी कि अगर उसके बच्चों को न्याय नहीं मिला तो वह आमरण अनशन पर बैठ जाएगा। इस बारे में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि वह जिलाधिकारी से इस मामले की जांच कराकर जो भी दोषी हों, उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहेंगे।

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