हरियाणा। आज भी हमारे समाज में दलितों पर अत्याचार कम नहीं हो रहे हैं। आज भी कई ऐसे राज्य है जहां शादी के दौरान दलितों को घोड़ी पर चढ़ने नहीं दिया जाता। ताजा मामला हरियाणा के सग्गा गांव का है। जहां राजपूतों ने दलित युवक को शादी के दिन घोड़ी चढ़ने नहीं दी।

इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच जमकर हंगामा हुआ था। गांव में दोनों पक्षों के बीच जमकर पत्थरबाजी भी हुई। पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने की बात भी की। वहीं पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा काफी मशक्कत के बाद दोनों पक्षों के बीच में समझौता करवाया गया था।
लेकिन अब इस मालमे में नया मोड़ आ गया है। कथित तौर पर राजपूतों से तकरार के बाद दलित गांव छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। बताया जा रहा है कि कई दलित परिवार अपने छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं के साथ गांव छोड़कर सड़क पर हैं। वहीं, प्रशासन की शुरुआती लापरवाही का नतीजा ये है कि कोई भी दलित गांव लौटने को तैयार नहीं है।

बताया जा रहा है कि प्रशासन ने खानापूर्ति के तौर पर दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया था। लेकिन अब पुलिस पर आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई के आश्वासन के बाद भी कुछ नहीं किया, मामले को लेकर तनाव बना रहा और अब दलित परिवार पलायन को मजबूर हैं।

इस पूरे मामले में आलम ये है कि देर से जागे प्रशासन की अब दलितों को मनाने की कोशिश नाकाम हो रही है। आपको बता दें कि हरियाणा में दलित उत्पीड़न की हाल में कई घटनाएं हुई हैं। पिछले महीने ही हिसार के मिर्चपुर में दलितों ने गांव छोड़ा था। यहां पर दलितों का जाटों और राजपूतों से अक्सर टकराव होता रहता है। हरियाणा में बीजेपी की सरकार है और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हैं।
Courtesy: National Dastak

इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच जमकर हंगामा हुआ था। गांव में दोनों पक्षों के बीच जमकर पत्थरबाजी भी हुई। पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने की बात भी की। वहीं पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा काफी मशक्कत के बाद दोनों पक्षों के बीच में समझौता करवाया गया था।
लेकिन अब इस मालमे में नया मोड़ आ गया है। कथित तौर पर राजपूतों से तकरार के बाद दलित गांव छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। बताया जा रहा है कि कई दलित परिवार अपने छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं के साथ गांव छोड़कर सड़क पर हैं। वहीं, प्रशासन की शुरुआती लापरवाही का नतीजा ये है कि कोई भी दलित गांव लौटने को तैयार नहीं है।

बताया जा रहा है कि प्रशासन ने खानापूर्ति के तौर पर दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया था। लेकिन अब पुलिस पर आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई के आश्वासन के बाद भी कुछ नहीं किया, मामले को लेकर तनाव बना रहा और अब दलित परिवार पलायन को मजबूर हैं।

इस पूरे मामले में आलम ये है कि देर से जागे प्रशासन की अब दलितों को मनाने की कोशिश नाकाम हो रही है। आपको बता दें कि हरियाणा में दलित उत्पीड़न की हाल में कई घटनाएं हुई हैं। पिछले महीने ही हिसार के मिर्चपुर में दलितों ने गांव छोड़ा था। यहां पर दलितों का जाटों और राजपूतों से अक्सर टकराव होता रहता है। हरियाणा में बीजेपी की सरकार है और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री हैं।
Courtesy: National Dastak