नई दिल्ली। राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के नेताओं के बीच काफी नोकझोंक चल रही है। एक ओर प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष से मिलने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं राहुल गांधी ने लगातार तीसरे दिन उन्हें मिलने का समय नहीं दिया। इतना ही नहीं प्रदेश में खराब प्रदर्शन से नाराज राहुल गांधी ने उपमुख्यमंत्री को भी समय नहीं दिया।
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट रविवार से राहुल गांधी से मिलने का प्रयास कर रहे थे। परंतु राहुल गांधी ने दोनों ही नेताओं से मुलाकात नहीं की। जिसके बाद दोनों नेता सिर्फ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से ही मिल पाए। इसके बाद सीएम गहलोत देर शाम जयपुर पहुंच गए, लेकिन पायलट बुधवार को दिल्ली से निकले।
गौरतलब है कि प्रदेश में एक भी सीट न जीतने के बाद स्थानीय नेताओं ने गहलोत को हार की जिम्मेदारी लेने की हिदायत दी है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुशील आसोपा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा था कि “प्रदेश में कांग्रेस की हार की वजह पायलट को सीएम नहीं बनाना है। अगर पायलट सीएम होते तो लोकसभा के परिणाम कुछ और होते। “वहीं हनुमानगढ़ के कांग्रेस जिलाध्यक्ष केसी बिश्नोई ने भी कहा कि "हार की जिम्मेदारी गहलोत को लेनी चाहिए।"
इस प्रकार की आलोचनाओं और राहुल गांधी से भेंट करने में असफल होने के बाद सीएम गहलोत ने मंगलवार को कहा कि “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को कमियां बताने का अधिकार है। वे मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष या पार्टी के किसी भी पदाधिकारी की कमियां बता सकते हैं। कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी है, इसमें किसी की भी कमियां गिनाने का हक है। हम इन कमियों से सीखते हैं। “इसके साथ ही आज जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है।
समीक्षा बैठक में आज यह तय किया जाएगा कि कहां किसकी ओर से कमी रह गई है। दिल्ली में एक कांग्रेस नेता ने कहा- "जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां पर चुनाव सीएम के नेतृत्व में लड़ा गया। जहां सरकारें नहीं हैं, वहां प्रदेशाध्यक्ष के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया। ऐसे में लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा भी इसी आधार पर होगी।"
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट रविवार से राहुल गांधी से मिलने का प्रयास कर रहे थे। परंतु राहुल गांधी ने दोनों ही नेताओं से मुलाकात नहीं की। जिसके बाद दोनों नेता सिर्फ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से ही मिल पाए। इसके बाद सीएम गहलोत देर शाम जयपुर पहुंच गए, लेकिन पायलट बुधवार को दिल्ली से निकले।
गौरतलब है कि प्रदेश में एक भी सीट न जीतने के बाद स्थानीय नेताओं ने गहलोत को हार की जिम्मेदारी लेने की हिदायत दी है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव सुशील आसोपा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा था कि “प्रदेश में कांग्रेस की हार की वजह पायलट को सीएम नहीं बनाना है। अगर पायलट सीएम होते तो लोकसभा के परिणाम कुछ और होते। “वहीं हनुमानगढ़ के कांग्रेस जिलाध्यक्ष केसी बिश्नोई ने भी कहा कि "हार की जिम्मेदारी गहलोत को लेनी चाहिए।"
इस प्रकार की आलोचनाओं और राहुल गांधी से भेंट करने में असफल होने के बाद सीएम गहलोत ने मंगलवार को कहा कि “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को कमियां बताने का अधिकार है। वे मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष या पार्टी के किसी भी पदाधिकारी की कमियां बता सकते हैं। कांग्रेस लोकतांत्रिक पार्टी है, इसमें किसी की भी कमियां गिनाने का हक है। हम इन कमियों से सीखते हैं। “इसके साथ ही आज जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है।
समीक्षा बैठक में आज यह तय किया जाएगा कि कहां किसकी ओर से कमी रह गई है। दिल्ली में एक कांग्रेस नेता ने कहा- "जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां पर चुनाव सीएम के नेतृत्व में लड़ा गया। जहां सरकारें नहीं हैं, वहां प्रदेशाध्यक्ष के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया। ऐसे में लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा भी इसी आधार पर होगी।"