भीमा-कोरेगांव हिंसा के आरोपी मिलिंद एकबोटे को गौरक्षकों ने पीटा

Written by sabrang india | Published on: May 8, 2019
दक्षिणपंथी कार्यकर्ता मिलिंद एकबोटे को महाराष्ट्र के पुणे जिले में गौरक्षकों ने पिटाई कर दी। एकबोटे के साथ उनके साथियों को भी पीटने की खबर है। पुलिस में इसकी शिकायत खुद एकबोटे ने दर्ज कराई है। अधिकारियों ने बताया कि घटना मंगलवार रात करीब साढ़े 10 बजे सासवाड में झेंदेवाड़ी इलाके के एक मंदिर में हुई। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी एकबोटे मंदिर में एक समोराह में हिस्सा लेने गए थे।

पुलिस इंस्पेक्टर अन्नासाहेब घोलप ने बताया कि एकबोटे खुद भी गौरक्षकों के समर्थक हैं। उन्होंने 40 से 50 लोगों और एक पंडित मोदक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पंडित मोदक सासवाड़ पुलिस थानाक्षेत्र में एक गौशाला चलाते हैं। घोलप ने कहा, ‘एकबोटे ने अपने फेसबुक पर गौशाला चलाने को लेकर मोदक के खिलाफ एक पोस्ट लिखा था, जिससे वह नाराज था। एकबोटे झेंदेवाड़ी में एक समारोह में हिस्सा लेने गए थे, जब मोदक अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंच कर पोस्ट पर सफाई मांगने लगे।’

अन्नासाहेब घोलप ने कहा, ‘इसके बाद एकबोटे और मोदक के समर्थकों में झड़प हो गई।’ अधिकारी ने बताया कि मंदिर में मौजूद पुलिसकर्मियों ने तुरंत ही हालात को काबू में कर लिया। घोलप ने बताया कि इसके बाद एकबोटे ने रात को सासवाड़ पुलिस थाने पहुंच कर मोदक और 40 से 50 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि पुलिस ने शिकायत के आधार पर मोदक और अन्य लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 146 और 323 के तहत मामला दर्ज किया लेकिन मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस के मुताबिक एकबोटे और मोदक ने पहले भी साथ में काम किया है लेकिन कुछ मतभेदों के चलते वे अलग हो गए थे। एकबोटे भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में जमानत पर हैं।

गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में पुलिस ने महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव दंगों को लेकर देश के अलग-अलग शहरों में छापे मारे और पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कथित तौर पर नक्सल समर्थक बताकर बुद्धिजीवियों को गिरफ्तार किया था। इनमें वामपंथी विचारक वरवर राव भी शामिल थे। मुंबई, पुणे, गोवा, दिल्ली, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में 10 जगहों पर छापे मारे गए। पिछले साल एक जनवरी को हुए भीमा-कोरेगांव दंगा मामले में नक्सल समर्थकों की भागीदारी की जारी जांच के सिलसिले में मानवाधिकार कार्यकर्ता क्रांति, स्टेन स्वामी और आनंद तेलतुंबडे समेत कई अन्य के खिलाफ भी छापे मारे गए।

बाकी ख़बरें