ठेका श्रमिक संघ के सम्मेलन में स्वतंत्र बल का आह्वान

Written by Harsh Thakor | Published on: March 4, 2023

"नई आर्थिक औद्योगिक नीति लागू होने के बाद, पूरे देश में सार्वजनिक उद्योगों का निजीकरण किया गया, बड़े पूंजी घरानों द्वारा राष्ट्रीय संपत्ति को लूटा गया और श्रमिकों के अधिकारों पर हमला किया गया। जिस भी पार्टी की सरकार रही उसने मजदूरों के अधिकारों पर अंकुश लगाया और मजदूरों के हित में बने कानूनों को खत्म करने का काम किया।

उक्त बातें यूपी वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहीं।
 
26 फरवरी को सोनभद्र के रेणुकूट में ठेका मजदूर संघ के 20वें अधिवेशन में उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने सभी श्रम कानूनों को खत्म कर दिया है और चार श्रम विरोधी कानूनों को संसद से पारित कराने में सफल रही है। यह सरकार काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करने के लिए कृतसंकल्प है।
 
योगी सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान कानूनों को पारित कराने का प्रयास तक किया था। हालांकि संघ द्वारा उच्च न्यायालय में राहत की मांग के बाद इसे वापस लेना पड़ा। पूंजीवादी राजनीतिक दलों की कॉरपोरेटपरस्त और मजदूर विरोधी नीतियों को करारा झटका देने के लिए मजदूरों के लिए आज के समय में अपनी स्वतंत्र राजनीतिक ताकत स्थापित करना एक अनिवार्य कार्य है।
 
उन्होंने आशा व्यक्त की कि ठेका मजदूर संघ इस दिशा में आगे बढ़ेगा।
 
सम्मेलन में प्रस्ताव लेकर वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक केन्द्र सोनभद्र में ठेका मजदूरों की स्थिति गंभीर है। कानून के आधार पर, उन्हें जीवन भर एक ही स्थान पर, स्थायी रूप से काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।
 
2019 से मजदूरों के पुनरीक्षित वेतन का प्रावधान नहीं होने के कारण वे बेहद कम वेतन पर काम करने को विवश हैं। महिला मजदूरों से महज 200 रुपये में काम कराया जाता है।
 
अनपरा और ओबरा जैसे प्रोजेक्ट में वेतन बकाया है। उद्योगों में सुरक्षा उपकरणों का प्रावधान न होने के कारण दुर्घटनाओं में श्रमिकों की मृत्यु एक नियमित या रोजमर्रा की बात है। कई उद्योगों में मजदूरों को रोजगार कार्ड, उपस्थिति कार्ड, वेतन पर्ची, ईएसआई, ग्रेच्युटी, बोनस जैसे लाभ भी नहीं दिए जा रहे हैं।
 
ऐसे में मजदूरों का मनोबल टूटने की बजाय मजदूर विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिये एकजुट होना होगा। सम्मेलन में युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने कहा कि बेरोजगारी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जिससे आर्थिक स्थिति को गहरा झटका लगा है।
 
इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त करने के बाद, युवाओं को बहुत कम वेतन पर ठेका मजदूर के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। रोजगार को मौलिक अधिकार के रूप में स्थापित करने, रिक्त पदों को भरने, बेरोजगारी भत्ता देने और प्रत्येक मजदूर को न्यूनतम 25000 रुपये वेतन देने की मांग को लेकर रोजगार अधिकार अभियान पूरे देश को अपने आगोश में ले रहा है। ठेका मजदूरों को भी इसमें हाथ बंटाना चाहिए।
 
सम्मेलन में लोकतंत्र पर हो रहे हालिया हमले पर रोष जताते हुए लोकप्रिय भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौड़ को पुलिस द्वारा जारी नोटिस की कड़ी निंदा की और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की।
 
सम्मेलन में कृपाशंकर पनिका अध्यक्ष तथा तेजधारी गुप्ता मंत्री निर्वाचित हुए। इसके अलावा उपाध्यक्ष पद पर तीरथ राज यादव, संयुक्त मंत्री मोहन प्रसाद, प्रचार मंत्री शेख इम्तियाज, कोषाध्यक्ष गोविंद प्रजापति व कार्यालय सचिव अंतराल खरवार व 15 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव किया गया।
 
सम्मेलन की अध्यक्षता पिपरी के पार्षद मल्लार देवी, तीरथ यादव एवं तेजधारी गुप्ता ने की तथा संचालन कृपा शंकर पनिका ने किया। सम्मेलन में विद्युत कर्मचारी संघ पिपरी के अध्यक्ष रवि गुप्ता, कॉम. डी की नेता कृष्णा यादव, युवा मंच के जिलाध्यक्ष रूबी सिंह गोंड, सविता गोंड, द्वारिका चंद्रवंशी आदि ने संबोधित किया।
 
सम्मेलन में अनपरा ओबरा लैंको, हिंडाल्को, ग्रासिम केमिकल प्लांट, ग्रासिम सीमेंट, कोयला खनन आदि के श्रमिक प्रतिनिधि उपस्थित थे। सम्मेलन में मंदार कला मंच के कलाकारों व लोकगायक मुनेश्वर पनिका ने अपने सामूहिक गीत प्रस्तुत किए।
 
बैठक में विविध श्रेणी के श्रमिकों के प्रतिनिधियों को देखना सकारात्मक है।
 
हर्ष ठाकोर एक स्वतंत्र पत्रकार हैं, जिन्होंने देश भर के जन आंदोलनों को कवर किया है।

Courtesy: https://countercurrents.org

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