कांग्रेस ने राज्यसभा में उठाया मुस्लिम विरोधी हेट स्पीच का मुद्दा

Written by Navnish Kumar | Published on: April 8, 2022
कांग्रेस ने देश में अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों के खिलाफ नफरती (घृणापूर्ण) भाषणों के बढ़ते मामलों का मुद्दा राज्यसभा में उठाया। बुधवार को विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विषय पर नियम 267 के तहत कामकाज स्थगित करने और चर्चा कराने का नोटिस दिया था। हालांकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने नियम 267 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा कराने की खड़गे की मांग खारिज कर दी और उन्हें सिर्फ अपनी बात रखने की अनुमति दी। यही नहीं, नायडू ने खड़गे के साथ दिए तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, लुइजिन्हो जोआकिम फ्लेरियो और नदीमुल हक सहित कुछ सदस्यों के नोटिस भी अस्वीकार कर दिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह सभी नोटिस नियम 267 के दायरे में नहीं आते हैं।’’


Image: The Wire

खड़गे ने अपनी बात रखी। उन्होंने गाजियाबाद के डासना स्थित एक मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोगों इन दिनों हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक उकसावे वाले बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘रविवार को एक स्वामी ने तो सभी...(मुस्लिमों) के कत्ल की बात कही।’’ इस पर नायडू ने खड़गे से कहा कि स्वामी ने क्या कहा और फिर उसे सदन में बोलने से तथा उस पर चर्चा करने की मांग से समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर किसी ने अर्थहीन बात कही है तो हमें उसका उल्लेख सदन में नहीं करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी को भी किसी के खिलाफ घृणापूर्ण बात नहीं बोलनी चाहिए। वह चाहे अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक।’’ 

'द वायर' की खबर के अनुसार, खड़गे ने हाल ही में बुराड़ी में हुई हिंदू महापंचायत का भी उल्लेख किया, जहां हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने जमानत शर्तों का उल्लंघन कर एक बार फिर लोगों से हथियार उठाने को कहा था। हालांकि, जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत इन मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं दी। खड़गे ने जोर देकर कहा कि वह सिर्फ एक वाक्य कहना चाहेंगे और नायडू ने उन्हें बोलने की अनुमति दी। 

खड़गे ने कहा ‘सर मैंने देशभर में बढ़ रहे नफरती भाषणों के मामले बढ़ने के संबंध में नियम 267 के तहत नोटिस दिया है और इसके साथ ही पत्रकारों के उत्पीड़न विशेष रूप से हिंदुस्तान गजट, न्यूजलॉन्ड्री, द क्विंट, आर्टिकल 14 आदि के पत्रकारों के उत्पीड़न को लेकर नोटिस दिया है। यह चला आ रहा है और स्वामी (यति नरसिंहानंद) हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक भड़काऊ भाषण दे रहे हैं।’

खड़गे ने हिंदू महापंचायत का भी उल्लेख किया और आरोप लगाया कि रविवार (तीन अप्रैल) को एक स्वामी ने कहा कि सभी मुस्लिमों को मार देना चाहिए। इस पर नायडू ने निर्देश दिया, ‘यह रिकॉर्ड में नहीं जाएगा। किसी भी समुदाय का नाम रिकॉर्ड में नहीं जाएगा।’ सभापति ने कहा, ‘अगर उन्होंने अर्थहीन शब्द भी कहे हैं तो हमें उनके शब्दों को नहीं कहना चाहिए। इसे दोबारा सदन में उठाना और फिर इस पर चर्चा करना कि किसने क्या कहा है। इससे समस्या का हल नहीं होने वाला है। मैंने इसकी अनुमति नहीं दी है।’

उन्होंने कहा, ‘किसी को भी किसी भी समुदाय के खिलाफ फिर चाहे वह अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक नफरती भाषण नहीं देना चाहिए। समुदायों का नाम नहीं लेना चाहिए और किसी को भी किसी के भी खिलाफ भाषण नहीं देना चाहिए।’ बता दें कि यति नरसिंहानंद गाजियाबाद के डासना मंदिर में उनके संबोधन से लेकर हरिद्वार धर्म संसद तक अपने मुस्लिम विरोधी भाषणों और गतिविधियों की वजह से नियमित तौर पर विवादों में रहे हैं। हरिद्वार धर्म संसद के बाद उन पर मुस्लिमों के खिलाफ लोगों को हथियार उठाने का आह्वान करने के बाद मामला दर्ज किया गया था। हिंदुत्ववादी समर्थकों द्वारा शेयर किए गए वीडियो में उन्हें मुस्लिमों के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर धमकी देते देखा जा सकता है।

द वायर के अनुसार ताजा घटनाक्रम दिल्ली के बुराड़ी का है, जहां पुलिस की मंजूरी के बिना हिंदू महापंचायत का आयोजन किया गया और जिसमें नरसिंहानंद और अन्य के संबोधनों के बाद मामला दर्ज किया गया। उत्तर पश्चिमी दिल्ली की डीसीपी उषा रंगनानी ने इस मामले पर बयान जारी कर कहा था, ‘डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती, सुदर्शन न्यूज के चीफ एडिटर सुरेश चव्हाणके सहित कुछ वक्ताओं ने दोनों समुदायों के बीच वैमनस्य, शत्रुता और द्वेष की भावनाओं को बढ़ावा देने वाले बयान दिए।’ बुराड़ी हिंदू महापंचायत में शामिल कई पत्रकारों से भी कथित तौर पर मारपीट की गई और उनका उत्पीड़न किया गया, जिसके बाद आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से किसी को चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना), और 354 (महिला की गरिमा भंग करना) के तहत मामला दर्ज किया गया।

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