चीन की पूरे इंडियन बाजार पर कब्जा करने की चाल और आत्मनिर्भर भारत

Written by Girish Malviya | Published on: May 27, 2020
चीन से अपनी तनातनी साफ दिख रही है इसलिए अब सिर्फ चीनी झालरों का विरोध करने से बात बनने वाली नहीं है, अब कुछ हमे कुछ ठोस करना होगा। हालांकि ये बात अलग है कि चीनी सामान के बहिष्कार की बात में चीन के सबसे बड़े ब्राण्ड के स्मार्टफोन से ही लिख रहा हूँ।



क्या आप जानते हैं कि चीन ने भारत के किस राज्य में सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट किया हुआ है?। वह राज्य है गुजरात । जब से मोदी जी मुख्यमंत्री बने थे तभी से चीन के इन्वेस्टमेंट का सिलसिला गुजरात में शुरू हुआ। बतौर मुख्यमंत्री उन्हें अमेरिका ने वेलकम नहीं किया लेकिन चीन ने ससम्मान उन्हें बुलाया उन्होंने चीन की ही यात्राएं की इसलिए ही प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने जिंगपिंग को भारत बुलाकर अहमदाबाद में झूला झुलवा दिया और इसलिए ही आज अधिकतर चीनी कंपिनयों के रीजनल हेड ऑफिस अहमदाबाद में है।

2011 में भारत में विदेशी निवेश करने वाले मुल्कों में चीन का स्थान 35 वां था। 2014 में 28 वां हो गया। अब तक नया डाटा नहीं आया है लेकिन संभवतः वह टॉप 10 में आ गया होगा।

2016-17 में चीन की कंपनी चाइना रेलवे रोलिंग स्टॉक को नागपुर मेट्रो के लिए 851 करोड़ का ठेका देकर उपकृत किया गया। चाइना रोलिंग स्टॉक चीन की दो सरकारी कंपनियों के विलय से बनी है। सरदार पटेल की मूर्ति भी चाइना से बनवाई गई।

आज की स्थिति यह है कि FICCI की एक रिपोर्ट बताती ह ऑटोमोबाइल सेक्टर में 40%, नया निवेश चीनी निवेश है, भारत का ऑटोमोबाइल मार्केट कुछ ही दिनों में चीन शरणम गच्छामि होने वाला है इसका संकेत MG हेक्टर की बढ़ती बुकिंग से मिल जाता है जो मूलतः चाइनीज कम्पनी ही है, नयी जितनी भी फेक्ट्री है वह अधिकतर गुजरात मे ही लगी है।इसके अलावा धातु उद्योग में 17%, पावर सेक्टर में 7%, कंस्ट्रक्शन व रियल एस्टेट में 5% और सेवाओं के सेक्टर में 4% निवेश के चलते इन क्षेत्रों में चीनी निवेश सबसे ज़्यादा है। इसके अलावा उपभोक्ता उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और स्टील उत्पादन जैसे क्षेत्रों में चीन का निवेश भारत में बढ़ रहा है।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी ख़बर मुताबिक़, ब्रूकिंग्स इंडिया द्वारा प्रकाशित एक पेपर के अनुसार, भारत में चीन द्वारा मौजूदा वक्त में प्लांड इन्वेस्टमेंट कम से कम 26 बिलियन डॉलर है। 1 बिलियन डॉलर = 7655 करोड़ होता है। चीन की कंपनियों ने ज्यादातर भारतीय दवा, टेक्नोलॉजी, टेक स्टार्टअप कंपनियों में इन्वेस्ट किया हुआ है। करीब 15 बिलियन डॉलर का निवेश चीन की कंपनियों द्वारा निवेश योजनाओं में है।

चीन की कंपनियों ने स्नैपडील, ओला, पेटीएम, बिग बास्केट, हाइक, स्विगी, ज़ोमेटो जैसी कम्पनियों में अच्छा-ख़ासा पैसा लगा रखा है। जिस देश मे चीन इतना इन्वेस्टमेंट कर चुका है उस देश से युद्ध तो नही करेगा लेकिन हां छोटी मोटी झड़पें जरूर हो सकती है, वैसे इतना चाइना द्वारा इतना इन्वेस्टमेंट करवा देने को भक्त मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक जरूर कह सकते है। हालांकि वह अब हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए कह रहे है कहते भी है 'नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली'।

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