मध्यप्रदेश में बच्चों की खरीद बिक्री का एक बड़ा रैकेट सामने आया है जिसके संबंध ताकतवर भाजपा नेता से जुड़े हैं। ये गिरोह 11 महीनों में 5 बच्चे बेच चुका है। आलीराजपुर पुलिस ने इस गिरोह को एक बच्चा बेचते रंगे हाथों पकड़ा है।
एक एनजीओ संचालक और महिला पीएसआई इस गिरोह के सरगना से नि:संतान दंपति बनकर मिले थे।
नईदुनिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस का अंदाजा है कि सरगना के भाजपा नेताओं से कुछ राजनैतिक संबंध भी हैं, जिनकी पड़ताल जारी है।
अालीराजपुर एसपी विपुल श्रीवास्तव के मुताबिक भोपाल के एनजीओ 'आवाज' के संचालक प्रशांत दुबे और महिला पीएसआई चंचला सोनी को नि:संतान दंपती बनाकर ढाबा संचालक शैलेंद्र सिंह राठौर उर्फ शैलू के पास भेजा गया।
शैलू ने चंचला को 11 नवंबर को अालीराजपुर आकर बच्चा ले जाने के लिए बुलाया था। उसने ये सौदा 1.40 लाख रुपए में तय किया था।
जब आरोपी ने बच्चा चंचला को थमाया, पुलिस की टीम ने उसे धर दबोचा। शैलू के साथ अलीराजपुर निवासी बाई सिंह, देसिंह भिड़े, दिनेश भिड़े और एक किशोरी को भी गिरफ्तार किया गया है। यही किशोरी गांव से बच्चा लेकर शैलू के पास आई थी।
पता चृआ है कि बच्चे को शैलेंद्र सिंह राठौर ने उसके नाना से एक लाख रुपए में खरीदा था और 40 हजार रुपए मुनाफा लेकर 1.40 लाख में बच्चे का सौदा किया था।
शैलू ने पुलिस को बताया कि बच्चे की मां की दूसरी शादी हो चुकी है इसलिए वह बच्चे को अपने पिता के पास ही छोड़ गई थी।
ढाबा चलाने वाले शैलेंद्र सिंह ने इस साल उसने पांच बच्चों को बेचने की बात कबूल की है। उसके रिश्तेदार आलीराजपुर नगर पालिका के उपाध्यक्ष रह चुके हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। प्रशांत दुबे ने बताया कि शैलू ने पहले 1.70 लाख रुपए मांगे थे लेकिन बाद में उसने 30 हजार रुपए कम कर दिए।
सरगना शैलू सोने के जेवर पहनने का शौकीन है। गिरफ्तारी के वक्त भी वह सोने की लगभग 100 ग्राम वजनी चेन और 5 अंगूठियों समेत कई जेवर पहने हुए था जिसे जब्त कर लिया गया है। बच्चा डिलेवरी के लिए उसने दीपावली तक इंतजार करने का वादा किया था।
माना जा रहा है कि शैलू से पूछताछ में कई चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं।
पश्चिम बंगाल में बच्चा चोर गिरोह के पकड़े जाने के बाद अब मध्यप्रदेश में भी इस तरह का मामला उजागर होने से सनसनी फ़ैल गई है और लोगों में गहरी नाराजगी है। प्रदेश के बाकी जिलों में भी ऐसे गिरोहों की सक्रियता से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
एक एनजीओ संचालक और महिला पीएसआई इस गिरोह के सरगना से नि:संतान दंपति बनकर मिले थे।
नईदुनिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस का अंदाजा है कि सरगना के भाजपा नेताओं से कुछ राजनैतिक संबंध भी हैं, जिनकी पड़ताल जारी है।
अालीराजपुर एसपी विपुल श्रीवास्तव के मुताबिक भोपाल के एनजीओ 'आवाज' के संचालक प्रशांत दुबे और महिला पीएसआई चंचला सोनी को नि:संतान दंपती बनाकर ढाबा संचालक शैलेंद्र सिंह राठौर उर्फ शैलू के पास भेजा गया।
शैलू ने चंचला को 11 नवंबर को अालीराजपुर आकर बच्चा ले जाने के लिए बुलाया था। उसने ये सौदा 1.40 लाख रुपए में तय किया था।
जब आरोपी ने बच्चा चंचला को थमाया, पुलिस की टीम ने उसे धर दबोचा। शैलू के साथ अलीराजपुर निवासी बाई सिंह, देसिंह भिड़े, दिनेश भिड़े और एक किशोरी को भी गिरफ्तार किया गया है। यही किशोरी गांव से बच्चा लेकर शैलू के पास आई थी।
पता चृआ है कि बच्चे को शैलेंद्र सिंह राठौर ने उसके नाना से एक लाख रुपए में खरीदा था और 40 हजार रुपए मुनाफा लेकर 1.40 लाख में बच्चे का सौदा किया था।
शैलू ने पुलिस को बताया कि बच्चे की मां की दूसरी शादी हो चुकी है इसलिए वह बच्चे को अपने पिता के पास ही छोड़ गई थी।
ढाबा चलाने वाले शैलेंद्र सिंह ने इस साल उसने पांच बच्चों को बेचने की बात कबूल की है। उसके रिश्तेदार आलीराजपुर नगर पालिका के उपाध्यक्ष रह चुके हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। प्रशांत दुबे ने बताया कि शैलू ने पहले 1.70 लाख रुपए मांगे थे लेकिन बाद में उसने 30 हजार रुपए कम कर दिए।
सरगना शैलू सोने के जेवर पहनने का शौकीन है। गिरफ्तारी के वक्त भी वह सोने की लगभग 100 ग्राम वजनी चेन और 5 अंगूठियों समेत कई जेवर पहने हुए था जिसे जब्त कर लिया गया है। बच्चा डिलेवरी के लिए उसने दीपावली तक इंतजार करने का वादा किया था।
माना जा रहा है कि शैलू से पूछताछ में कई चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं।
पश्चिम बंगाल में बच्चा चोर गिरोह के पकड़े जाने के बाद अब मध्यप्रदेश में भी इस तरह का मामला उजागर होने से सनसनी फ़ैल गई है और लोगों में गहरी नाराजगी है। प्रदेश के बाकी जिलों में भी ऐसे गिरोहों की सक्रियता से इन्कार नहीं किया जा सकता है।