नवोदय विद्यालय देश भर में ग्रामीण प्रतिभाशाली बच्चों के लिए आदर्श माने जाते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में इनकी हालत बेहद खराब है। बिलासपुर के मल्हार स्थित नवोदय विद्यालय में तो बच्चे दूषित पानी और फूड प्वॉइजनिंग के शिकार होकर बीमार पड़ रहे हैं।
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दैनिक भास्कर के अनुसार, मल्हार में 50 से ज्यादा बच्चे उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं जिनका इलाज अस्थायी कैंप में हो रहा है। गंभीर रूप से बीमार दो बच्चों को जिला अस्पताल भेजा गया है। इस आवासीय विद्यालय में इस समय 409 बच्चे हैं और 24 जुलाई की शाम से इनकी तबीयत खराब होनी शुरू हो गई थी।
सुबह होते-होते 50 से ज्यादा बच्चे पेट दर्द और उल्टी-दस्त की शिकायत करने लगे। इसके बाद विद्यालय परिसर में ही शिविर लगाकर बच्चों का इलाज शुरू किया गया। 10 बच्चों को मस्तूरी स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया जिनमें से दो को जिला अस्पताल रेफर किया गया। बच्चों की बीमारी की खबर सुनकर कई अभिभावक भी स्कूल पहुंचे और उन्हें अपने साथ ले गए। हालांकि अधिकतर बच्चों के परिजनों को सूचना ही नहीं दी गई है।
माना जा रहा है कि बच्चों की बीमारी का मुख्य कारण दूषित पानी है। सूचना मिलने पर एसडीएम और सीएमएचओ बीबी बोर्डे भी कैंप में पहुंचे और उन्होंने टंकी तथा पाइप लाइन की जांच करने के बाद पाइप बदलने का निर्देश पीएचई अफसरों को दिया है।
मंगलवार की रात को बच्चों को खाने में रोटी चावल के साथ पनीर और चने की सब्जी दी गई थी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई थी।
वैसे ये स्कूल आमतौर पर गंदगी का शिकार रहता है। स्कूल के आसपास भी गंदगी रहती है। छात्रों ने घटिया भोजन की भी शिकायत की है और बताया है कि इसकी शिकायत करने पर उन्हें स्कूल से निकाल देने की धमकी दी जाती है। खाने में अक्सर कीड़े निकलते रहते हैं। शिकायत करने वाले बच्चों के परिजनों को भी डांट लगाई जाती है।