छत्तीसगढ़: नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग

Written by sabrang india | Published on: December 11, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 का विरोध करते हुए राजधानी रायपुर की सड़कों पर विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन जुलूस निकाला।



9 दिसंबर की देर रात निचले सदन में गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया जिसे सदन ने बहुमत से पारित भी कर दिया। असम और अन्य पूर्वोत्तर इलाकों में नागरिकता संशोधन विधेयक का व्यापक स्तर पर लगातार विरोध हो ही रहा है। देश के अन्य इलाकों से भी अब इसके विरोध की ख़बरें आ रही हैं।

10 दिसंबर विश्व मानवाधिकार दिवस के दिन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सैकड़ों लोगों ने इस विधेयक के विरोध में जुलूस निकाला और नारे लगाए। इस जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। ये प्रदर्शन नागरिकता संशोधन विरोधी विधेयक मंच के बैनर तले किया गया। बूढ़ा तालाब धरना स्थल से आज़ाद चौक की गांधी प्रतिमा तक लोगों ने पैदल यात्रा की और नागरिकता संशोधन विधेयक को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की।

विरोध प्रदर्शन में मौजूद लोगों ने कहा कि देश में NRC लागू करने का विरोध करेंगे और ये विरोध प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर किया जाएगा।



भाकपा(माले) रेड स्टार के महासचिव रामचंद्रन ने कहा कि यदि नागरिकता के बाज़ारीकरण का ये कानून बन गया तो हम समाज के सभी वर्गों से एकजुट होने की अपील करेंगे और 12 दिसंबर को CAB की प्रतियां जलाकर इसका विरोध करेंगे।



प्रदेश कांग्रेस महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पारित कराए गए नागरिकता संशोधन बिल का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विरोध कर रही है। सदन से लेकर सड़क तक हम इस विरोध में शामिल रहेंगे। उनोने बताया कि सभी प्रदेश मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

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