छत्तीसगढ़ सहकारी समिति की प्रदेश भर की 1333 सहकारी समितियों ने मुख्यमंत्री रमन सिंह पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए हड़ताल कर दी है। छ्त्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेश के 16 हजार कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं।

कर्मचारियों की प्रमुख मांग वेतन विसंगति को दूर करना, और सातवें वेतनमान के वित्तीय अनुदान देने की है।
नईदुनिया की खबर के मुताबिक, सहकारी समितियों की हड़ताल से सीधा असर किसानों पर पड़ने की आशंका हो गई है। किसानों को खाद और बीज की समस्या हो सकती है। 16 हजार से अधिक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से धान, खाद, बीज खरीदी के साथ साथ उज्ज्वला गैस, माइक्रो एटीएम सहित एक दर्जन से अधिक सरकारी कामकाज ठप हो गए हैं।
हड़ताल के कारण सहकारी समितियों में पहुंचने वाले किसानों को वापस लौटना पड़ा और उन्हें मुश्किलें आनी शुरू हो गई हैं। आंदोलन का पहला दिन होने के कारण किसानों को इसकी जानकारी नहीं थी, इसलिए बड़ी संख्या में किसान परेशान होते रहे।
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष ईश्वरी साहू ने दावा किया कि कम से कम 5000 से ज्यादा कर्मचारी रायपुर में ही आकर धरने पर बैठे हैं।
दैनिक भास्कर इसके पहले 18 जून को रैली निकालकर प्रदेश सहकारी समिति के ध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद साहू, प्रदेश महासचिव पंकज साव ने प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी संघ के नियमितीकरण सहित 2 सूत्रीय मांग को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और सहकारिता मंत्री दयालदास बघेल को ज्ञापन दिया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वो 2 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति संघ का कहना है कि प्रदेश भर की सहकारी समितियां छत्तीसगढ़ सरकार की समर्थन मूल्य धान खरीदी, मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना, शून्य प्रतिशत पर अल्पकालीन ऋण, बचत बैंक, गैस एजेंसी जैसे कार्यों को नाम मात्र कमीशन में संचालित किया जा रहा है लेकिन सरकार उनके हितों पर कोई ध्यान नहीं दे ही है।

कर्मचारियों की प्रमुख मांग वेतन विसंगति को दूर करना, और सातवें वेतनमान के वित्तीय अनुदान देने की है।
नईदुनिया की खबर के मुताबिक, सहकारी समितियों की हड़ताल से सीधा असर किसानों पर पड़ने की आशंका हो गई है। किसानों को खाद और बीज की समस्या हो सकती है। 16 हजार से अधिक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से धान, खाद, बीज खरीदी के साथ साथ उज्ज्वला गैस, माइक्रो एटीएम सहित एक दर्जन से अधिक सरकारी कामकाज ठप हो गए हैं।
हड़ताल के कारण सहकारी समितियों में पहुंचने वाले किसानों को वापस लौटना पड़ा और उन्हें मुश्किलें आनी शुरू हो गई हैं। आंदोलन का पहला दिन होने के कारण किसानों को इसकी जानकारी नहीं थी, इसलिए बड़ी संख्या में किसान परेशान होते रहे।
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष ईश्वरी साहू ने दावा किया कि कम से कम 5000 से ज्यादा कर्मचारी रायपुर में ही आकर धरने पर बैठे हैं।
दैनिक भास्कर इसके पहले 18 जून को रैली निकालकर प्रदेश सहकारी समिति के ध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद साहू, प्रदेश महासचिव पंकज साव ने प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी संघ के नियमितीकरण सहित 2 सूत्रीय मांग को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और सहकारिता मंत्री दयालदास बघेल को ज्ञापन दिया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वो 2 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति संघ का कहना है कि प्रदेश भर की सहकारी समितियां छत्तीसगढ़ सरकार की समर्थन मूल्य धान खरीदी, मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना, शून्य प्रतिशत पर अल्पकालीन ऋण, बचत बैंक, गैस एजेंसी जैसे कार्यों को नाम मात्र कमीशन में संचालित किया जा रहा है लेकिन सरकार उनके हितों पर कोई ध्यान नहीं दे ही है।