नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का शुक्रवार को आज 16वां दिन है। सरकार तीनों कानूनों को लागू करने की जिद पर अड़ी है तो वहीं किसानों की मांग है कि ये कानून कॉर्पोरेट हितैषी हैं इन्हें वापस लिया जाए। किसानों के समर्थन में 38 सेलिब्रेटी अपना पुरस्कार वापस कर चुके हैं। ये सेलिब्रेटी विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं जो अपना पुरस्कार वापस कर रहे हैं। इनकी पूरी लिस्ट हम आपको उपलब्ध करा रहे हैं।
पुरस्कार वापसी का सिलसिल इस महीने की शुरूआत में ही शुरू हो चुका है। किसान आंदोलन के चलते दिसंबर की शुरूआत में ही भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का ऐलान करते हुए डॉ. जसविंदर सिंह ने कहा, 'अगर कोई लेखक लोगों की आवाज़ को प्रस्तुत नहीं कर सकता है तो क्या बात है? मैंने पुरस्कारों के लिए लिखना शुरू नहीं किया था। केंद्र सरकार को किसानों के साथ निर्दयता से पेश आना और बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन करते देखना निराशाजनक है।'
इससे पहले गुरुवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्मविभूषण अवॉर्ड लौटा दिया था। उनके अलावा राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने अपना पद्मश्री वापस करने का ऐलान किया था।
4 दिसंबर को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने यह भी कहा कि उनका संगठन शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगा। उन्होंने एक बयान में कहा, 'पिछले दिनों जब कृषि विधेयक पारित हुए थे तब हमने प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया था। ये तीनों काले कानून किसानों की मुसीबत बढ़ाने वाले हैं। इनसे सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा होगा।'
पुरस्कार वापसी का सिलसिल इस महीने की शुरूआत में ही शुरू हो चुका है। किसान आंदोलन के चलते दिसंबर की शुरूआत में ही भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का ऐलान करते हुए डॉ. जसविंदर सिंह ने कहा, 'अगर कोई लेखक लोगों की आवाज़ को प्रस्तुत नहीं कर सकता है तो क्या बात है? मैंने पुरस्कारों के लिए लिखना शुरू नहीं किया था। केंद्र सरकार को किसानों के साथ निर्दयता से पेश आना और बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन करते देखना निराशाजनक है।'
इससे पहले गुरुवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्मविभूषण अवॉर्ड लौटा दिया था। उनके अलावा राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने अपना पद्मश्री वापस करने का ऐलान किया था।
4 दिसंबर को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने यह भी कहा कि उनका संगठन शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगा। उन्होंने एक बयान में कहा, 'पिछले दिनों जब कृषि विधेयक पारित हुए थे तब हमने प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया था। ये तीनों काले कानून किसानों की मुसीबत बढ़ाने वाले हैं। इनसे सिर्फ पूंजीपतियों को फायदा होगा।'