मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: ‘मूंछवाले अंकलजी-तोंदवाले नेताजी को खोज 3 माह में जांच पूरी करे CBI’

Written by sabrang india | Published on: June 4, 2019
पटना। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस एम आर शाह की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई। दो पीड़ित लड़कियों ने मूंछवाले अंकलजी और तोंदवाले नेताजी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। वहीं CBI ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की पूरी जांच के लिए 6 माह का समय मांगा था। परंतु शीर्ष अदालत ने CBI को इन दोनों व्यक्तियों की पहचान कर तीन महीने के अंदर ही पकड़ने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट में पीठ के समक्ष अतिरिक्त महाधिवक्ता माधवी दीवान ने मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। माधवी दीवान ने अदालत को बताया कि एजेंसी ने दो शवों को निकाला है। वह मृतकों की पहचान के लिए फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। साथ ही उन्होंने उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि एजेंसी कथित तौर पर प्रभावशाली लोगों पर हत्या का आरोप न लगाकर उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। इतना ही नहीं माधवी दीवान ने कहा कि उन 11 लड़कियों के गायब होने को लेकर जांच चल रही है, जिनकी हत्या का संदेह मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर पर है। इसके अलावा मामले से जुड़े 21 आरोपियों पर जघन्य अपराध के तहत धाराएं लगाई गई हैं और यौन शोषण, दुष्कर्म मामले में ट्रायल चल रहा है।

बता दें कि याचिकाकर्ता व जर्नलिस्ट निवेदिता झा ने वकील फौजिया शकील के जरिए CBI पर आरोपियों को बचाने एवं सबूतों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता के अनुसार CBI ने न ही आरोपियों पर हत्या जैसे अपराध की धारा दर्ज की है और न ही बाहर के लोगों पर कोई कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि पीड़ित लड़कियों ने अपने बयान में कहा कि उन्हें होटल भेजा जाता था, जहां बाहरी लोग और बृजेश के दोस्तों उनके साथ दुष्कर्म किया करते थे। वहीं अपने बयान में पीड़िताओं ने कथित तौर पर तोंदवाले नेताजी अंकल और मूंछवाले अंकलजी का जिक्र किया था जो बालिका गृह आया करते थे लेकिन एजेंसी उन्हें ढूंढ नहीं पाई है।

गौरतलब है कि वर्ष 2018 में मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोश्ल साइन्स संस्थान की रिपोर्ट से ही शेल्टर होम के नाम पीआर चल रही दरंदगी का पता चला था। जिसके बाद शेल्टर होम में रहने वाली सभी लड़कियों की मेडिकल जांच कराई गई थी। जांच में  कुल 42 लड़कियों में से 34 लड़कियों के योन उत्पीड़न की पुष्टि की भी गई थी। साथ ही 11 लड़कियों के गायब होने की बात सामने आई थी परंतु पुलिस को लड़कियों का शव नहीं मिला था।

वहीं पिछली सुनवाई में CBI ने 11 लड़कियों की हत्या का दिलदहला देने वाला खुलासा किया था। CBI के अनुसार  मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने अपने साथियों के साथ मिलकर 11 लड़कियों की हत्या कर दी थी। जिनका नाम पूछताछ के दौरान अन्य पीड़ित लड़कियों ने बताया था। जांच के दौरान इंटेलिजेंस एजेंसी को पास के शमशान घाट से हड्डियों की पोटली मिली। जिस पर सीबीआई को रिपोर्ट 3 जून को दाखिल करनी है।   

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने CBI को ‘मूंछवाले अंकलजी और तोंदवाले नेताजी’ को खोज निकालने के साथ मामले की पूरी जांच 3 महीने में खत्म करने का आदेश दिया है। अब देखना यह है कि 3 माह के समय में क्या CBI मामले की जांच ठीक तरह से पूरी कर पाएगी?

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