शामली में पत्रकार की पिटाई का मामला: मानवाधिकार आयोग ने यूपी के डीजीपी को दिया नोटिस

Written by Sabrangindia Staff | Published on: June 14, 2019
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के शामली जिले में पुलिस द्वारा पत्रकार की पिटाई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। 



आयोग की ओर से शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि मीडिया में आई खबरों में बताया गया है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा एक पत्रकार को रिहा करने का आदेश देने के कुछ ही घंटे में शामली में एक अन्य पत्रकार को राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एसएचओ ने 11 जून की रात बर्बरता से पीटा। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एसएचओ और एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया।

बताया जाता है कि पत्रकारों का एक समूह मनीपुर क्षेत्र में मालगाडी के दो डिब्बे पटरी से उतरने की घटना की कवरेज करने गया था । आयोग ने कहा कि पत्रकारों और पुलिसकर्मियों में कहासुनी हो गयी। उसके बाद उक्त पत्रकार को पीटा गया और जीआरपी थाने ले जाकर लाकअप में बंद कर दिया गया। पीडित पत्रकार का दावा है कि उसे नंगा कर एसएचओ ने उसके मुंह में पेशाब किया है। 

आयोग ने कहा कि मीडिया की खबरों में जो कुछ आया, अगर वह सही है तो यह पीडित के अधिकारों का घोर उल्लंघन है। कथित आरोपों को देखें तो सरकारी कर्मी की हरकत सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं की जा सकती। 

आयोग ने पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजकर चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पत्रकार का दावा है कि उसने जीआरपी कर्मियों की मिलीभगत से अनधिकृत वेंडारों के अतिक्रमण पर खबर दी थी, जिससे बौखलाये जीआरपी कर्मियों ने उसकी पिटाई की है। 

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