नई दिल्ली। बीएचयू के रिटायर्ड प्रोफेसर चौथी राम यादव को बरेली में आरएसएस की आलोचना करने पर विरोध का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं, उनके खिलाफ मुकदमा दायर करने का आदेश दिया गया है। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि उन्होंने आरएसएस प्रमुख की आलोचना की है। आरोप है कि उन्होंने विषयांतर करते हुए पहले भाजपा नेताओं पर तीर चलाए और बाद में कह दिया कि मोहन भागवत आतंक फैला रहे हैं। वहीं प्रोफेसर चौथी राम यादव ने इन आरोपों का खंडन किया है।
बरेली कॉलेज में रविवार को 'हिंदी साहित्य के विकास में सूचना और तकनीक' के योगदान विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस विषय पर अपने विचार रखने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के रिटायर्ड पोफेसर को अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित किया गया
संगोष्ठी में बोलते हुए चौथीराम यादव ने कहा, "मोदी जैसे नेता विदेशों में जाते हैं तो गांधी व अन्य नेताओं की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि देश की पहचान महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों से है। जब अपने देश में आते हैं तो उनके हत्यारों की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं।" उन्होंने आगे कहा यह देश डिजिटलाइजेशन नहीं अंधकार युग में जा रहा है और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसे लोग आतंकवाद को फैला रहे हैं। इस पर गुस्साए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आयोजन स्थल पर जमकर तोड़फोड़ की। शिक्षकों से भी बदतमीजी की गई।
एसपी सिटी समीर सौरभ के मुताबिक, "संगोष्ठी में प्रोफेसर चौथीराम यादव पर मोहन भागवत को आतंकी कहने का आरोप लगाते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताया था। कॉलेज प्रशासन की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अभी तक कोई वीडियो क्लिप पुलिस को उपलब्ध नहीं कराई गई है।"
वहीं प्रोफेसर चौथीराम यादव ने कहा, उन्होंने अपने भाषण में कहीं भी मोहन भागवत जी को आतंकवादी नहीं कहा। अतिवाद की चर्चा किसी अन्य संदर्भ में हुई जिसका गलत आशय लिया गया।
Courtesy: National Dastak
बरेली कॉलेज में रविवार को 'हिंदी साहित्य के विकास में सूचना और तकनीक' के योगदान विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस विषय पर अपने विचार रखने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के रिटायर्ड पोफेसर को अपने विचार रखने के लिए आमंत्रित किया गया
संगोष्ठी में बोलते हुए चौथीराम यादव ने कहा, "मोदी जैसे नेता विदेशों में जाते हैं तो गांधी व अन्य नेताओं की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि देश की पहचान महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों से है। जब अपने देश में आते हैं तो उनके हत्यारों की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं।" उन्होंने आगे कहा यह देश डिजिटलाइजेशन नहीं अंधकार युग में जा रहा है और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसे लोग आतंकवाद को फैला रहे हैं। इस पर गुस्साए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आयोजन स्थल पर जमकर तोड़फोड़ की। शिक्षकों से भी बदतमीजी की गई।
एसपी सिटी समीर सौरभ के मुताबिक, "संगोष्ठी में प्रोफेसर चौथीराम यादव पर मोहन भागवत को आतंकी कहने का आरोप लगाते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताया था। कॉलेज प्रशासन की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अभी तक कोई वीडियो क्लिप पुलिस को उपलब्ध नहीं कराई गई है।"
वहीं प्रोफेसर चौथीराम यादव ने कहा, उन्होंने अपने भाषण में कहीं भी मोहन भागवत जी को आतंकवादी नहीं कहा। अतिवाद की चर्चा किसी अन्य संदर्भ में हुई जिसका गलत आशय लिया गया।
Courtesy: National Dastak