41 साल से जेल में बंद था नेपाली नागरिक, कलकत्ता हाई कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 18, 2021
नई दिल्ली। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार (17 मार्च) को एक नेपाली व्यक्ति को रिहा करने का आदेश दिया, जिसे लगभग 41 साल पहले गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में था। मुख्य न्यायाधीश थोथाथिल बी राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध रॉय की पीठ ने इस बात को ध्यान देने के बाद आदेश दिया कि आरोपी की मानसिक रूप से वर्तमान आयु लगभग 9 वर्ष और 9 महीने है। पीठ एक दीपक जोशी के मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसे 12 मई 1980 को गिरफ्तार किया गया था और वह पहले ही 40 से अधिक वर्ष हिरासत से बिता चुका है। 



रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्रियों के आधार पर न्यायालय ने पाया कि आरोपी की मानसिक स्थिति के आकलन (जनवरी 1982) के बाद जब उसे ट्रायल के लिए मानसिक रूप से फिट नहीं पाया गया था, तब किसी भी समय इसके खिलाफ कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई थी। यहां तक ​​कि अब सेशन कोर्ट में भी जहां मामला लंबित है, वहां भी इसका कोई विरोध नहीं किया गया। इस प्रकार, Cr.P.C की धारा 482 के तहत अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए और भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 और 227 के अनुसार अदालत ने आरोपी की रिहाई का आदेश देते हुए कहा, 

"मामले के पूर्वोक्त दृष्टिकोण में हम यह नहीं देखते हैं कि यूटीपी दीपक जोशी @ जायसी @ जैशी को निरन्तर हिरासत में रखने से न्याय के सिरों का संरक्षण होगा।" " उसकी मानसिक क्षमता में कमी के मद्देनजर किसी भी बॉन्ड को निष्पादित करने के लिए UTP को निर्देश देना असंभव है। न्याय के सिरों की संतुष्ट तब होगी, यदि उसकी रिहाई को प्रकाश चन्द्र शर्मा तमीना द्वारा इस न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के पक्ष में निष्पादित एक साधारण बॉन्ड द्वारा समर्थन दिया जाए, जिसमें इस न्यायालय के निर्देश पर UTP को पेश करने का अंडरटैकिंग दिया गया हो।"  

बाकी ख़बरें