CAA- NRC, डिटेंशन सेंटर पर कपिल सिब्बल ने गिनाए मोदी-शाह के 9 झूठ

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 22, 2020
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन एक्ट और नेशनल रजिस्टर फॉर पॉपुलर के मसले पर कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार पर हमला बोल रही है। मंगलवार को कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने CAA, NRC के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा बोले गए 9 'झूठों' को गिनाया। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि डिटेंशन सेंटर से लेकर फोर्स के इस्तेमाल तक कई मसलों पर अमित शाह, पीएम मोदी ने झूठ बोला है।



अमित शाह कहते हैं कि विपक्ष का कोई नेता मुझसे डिबेट करे, लेकिन मैं देश के पीएम और गृह मंत्री को चुनौती देता हूं कि वो CAA, NRC पर मुझसे डिबेट कर लें। इसपर नियम क्या होगा उसे तय कर लिया जाएगा, लेकिन खुलेआम डिबेट होनी चाहिए।

स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि वह ऐसे देश से आते हैं जहां हर धर्म का सम्मान होता है, लेकिन जिनके पास विवेक नहीं है वो उनकी क्या बात करेंगे।

पहला झूठ: CAA भेदभाव नहीं करता है।

कपिल सिब्बल बोले कि संविधान में लिखा है कि देश में जो भी पैदा होगा या उसके माता-पिता पैदा होंगे तो उसे भारतीय नागरिकता मिलेगी। इसमें धर्म का कोई आधार नहीं होगा। संविधान में कई आधार पर नागरिकता देने का अधिकार है, जिसमें धर्म आड़े नहीं आता है। लेकिन CAA में धर्म के आधार पर नागरिकता मिल रही है।

दूसरा झूठ: CAA का NRC से कुछ लेना देना नहीं है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री बोले कि मोदी सरकार ने खुद ही माना है कि पहले CAA आएगा, फिर NRC आएगा। खुद गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में इस बात को बोल चुके हैं। ऐसे में ये बात भी झूठ है।

तीसरा झूठ: पीएम मोदी कहते हैं कि उनकी सरकार में NRC का जिक्र नहीं हुआ।

इसी सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रपति ने अपने संदेश में NRC के लागू करने का जिक्र किया है। ऐसे में प्रधानमंत्री किस तरह ये दावा कर सकते हैं कि अभी तक NRC पर चर्चा नहीं हुई। अमित शाह भी राज्यसभा में ये बातें कह चुके हैं।

चौथा झूठ: NRC अभी तक नोटिफाई नहीं हुआ है।

साल 2003 में जब NRC लाया गया तो उसमें इसका जिक्र किया गया है। यानी वाजपेयी सरकार के द्वारा ही  NRC को कानून बना दिया गया था।

पांचवां झूठ: NRC अभी शुरू होना बाकी।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि ऐसा कहना गलत है कि NRC की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। सरकार के मंत्री ने सदन में बयान दिया है कि NRC की प्रक्रिया NPR के तहत अप्रैल 2020 में शुरू हो जाएगी। इसका गैजेट भी जारी हुआ है।

छठा झूठ: NPR का NRC से कोई लेना-देना नहीं।

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में लिखा है कि NRC का पहला स्टेप NPR ही होगा। ऐसे में सरकार इस मसले पर भी गलत बयान दे रही है। NPR के बिना कभी NRC हो ही नहीं सकता है।

सातवां झूठ: किसी भारतीय को डरने की जरूरी नहीं?

असम में NRC  हुई तो पूर्व राष्ट्रपति के परिवार का नाम भी लिस्ट में नहीं था, करगिल लड़ाई के हीरो का नाम भी लिस्ट में नहीं था। ऐसे में सरकार कैसे कह सकती है कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है।

आठवां झूठ: पीएम का कोई डिटेंशन सेंटर ना होना की बात कहना।

सरकार की ओर से ही जानकारी दी गई है कि असम में 6 डिटेंशन सेंटर हैं, जिसमें 988 लोग उसमें रह रहे हैं। इसके अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र में भी जगह दी जा चुकी है।

नौवां झूठ: प्रदर्शन के खिलाफ किसी बल का इस्तेमाल नहीं।

उत्तर प्रदेश में दर्जनों लोगों की मौत हो गई, ऐसे में कैसे कह सकते हैं कि बल का इस्तेमाल नहीं हुआ है।

आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार विरोध जता रही है तो दूसरी ओर बीजेपी कानून के पक्ष में रैली निकाल रही है। बीजेपी की ओर से गृह मंत्री से लेकर अन्य केंद्रीय मंत्री देश के कई हिस्सों में सभा कर रहे हैं।

 

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