बिहार का सीमांचल क्षेत्र मुस्लिम बहुल माना जाता है
पटना: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी मदरसों और मस्जिदों का सर्वे कराने की मांग की है।
सिंह ने कहा, “हमने नीतीश कुमार सरकार से बिहार के मदरसों और मस्जिदों का सर्वेक्षण करने की मांग की, खासकर मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में। हमारे पास इस बारे में डेटा होना चाहिए कि इन क्षेत्रों में मदरसे और मस्जिद कौन चला रहा है और कौन रह रहा है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “योगी आदित्यनाथ सरकार ने सही निर्णय लिया है और उत्तर प्रदेश में मदरसों और मस्जिदों का सर्वेक्षण कर रही है। हमें कम से कम मदरसों और मस्जिदों में शरण लेने वालों की जांच करने के लिए बिहार में भी इसी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।”
बिहार के सीमांचल क्षेत्र को बिहार का मुस्लिम बहुल क्षेत्र माना जाता है जहाँ 60 प्रतिशत से अधिक आबादी मुस्लिम समुदाय की है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिक भी वहां अवैध रूप से रह रहे हैं।
बता दें कि बिहार की सत्ता में अभी उथल पुथल हुई है क्योंकि बीजेपी का सुपरिचित हिंदू-मुस्लिम मुद्दा यहां कामयाब नहीं हो पाया है। नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर फिर से सरकार बना ली है। हालांकि, वे अभी तक बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता चला रहे थे। इस विलय के बाद वहां राजद नेताओं के घरों पर सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी की गई जिसे वर्तमान सत्तापक्ष ने बदले की कार्रवाई बताया।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा, “योगी आदित्यनाथ सरकार ने सही निर्णय लिया है और उत्तर प्रदेश में मदरसों और मस्जिदों का सर्वेक्षण कर रही है। हमें कम से कम मदरसों और मस्जिदों में शरण लेने वालों की जांच करने के लिए बिहार में भी इसी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।”
बिहार के सीमांचल क्षेत्र को बिहार का मुस्लिम बहुल क्षेत्र माना जाता है जहाँ 60 प्रतिशत से अधिक आबादी मुस्लिम समुदाय की है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिक भी वहां अवैध रूप से रह रहे हैं।
बता दें कि बिहार की सत्ता में अभी उथल पुथल हुई है क्योंकि बीजेपी का सुपरिचित हिंदू-मुस्लिम मुद्दा यहां कामयाब नहीं हो पाया है। नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर फिर से सरकार बना ली है। हालांकि, वे अभी तक बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता चला रहे थे। इस विलय के बाद वहां राजद नेताओं के घरों पर सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी की गई जिसे वर्तमान सत्तापक्ष ने बदले की कार्रवाई बताया।
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