मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने के मामले में मेडिकल काउंसिल की जांच के दायरे में आए संबित पात्रा

Written by sabrang india | Published on: April 2, 2019
नई दिल्ली। बीजेपी के तेजतर्रार प्रवक्ता माने जाने वाले डॉ. संबित पात्रा एक मरीज के उपचार में लापरवाही बरतने के केस में फंस सकते हैं। संबित पात्रा उन दो डॉक्टरों में शामिल हैं, जो ऑपरेशन के बाद देखभाल में कथित तौर पर लापरवाही बरतने के लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल की जांच के घेरे में आ गए हैं। दिल्ली की एक जनरल फिजिशन ने आरोप लगाया था कि उनकी 81 वर्षीया मां का 2013 में एनकेएस हॉस्पिटल में पाइल्स का ऑपरेशन मेन सर्जन आलोक अग्रवाल और पात्रा ने किया था, लेकिन ऑपरेशन के बाद कोई देखभाल नहीं की गई जिससे काफी ब्लीडिंग हुई और सर्जरी के एक सप्ताह के अंदर मरीज की मृत्यु हो गई। 

काउंसिल की वेबसाइट के अनुसार एक अगस्त, 2014 को की गई इस शिकायत पर विचार किया जा रहा है। काउंसिल के प्रेजिडेंट अरुण गुप्ता ने ईटी को बताया कि दोनों डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत को एग्जिक्युटिव कमिटी ने देखा है और इसे जांच के लिए दूसरे लेवल पर डिसिप्लिनरी कमिटी के पास एक महीना पहले भेजा गया है। उन्होंने कहा, 'केवल उन मामलों को डिसिप्लिनरी कमिटी के पास भेजा जाता है जिनमें शुरुआती नजर में कुछ लापरवाही का सबूत हो या भ्रम हो। इस कमिटी में डॉक्टरों के साथ ही गैर-डॉक्टर सदस्य भी शामिल होते हैं।' 

प्रेजिडेंट के तौर पर गुप्ता एग्जिक्युटिव कमिटी के भी हेड हैं, जो काउंसिल के पास आने वाली मेडिकल लापरवाही की सभी शिकायतों की जांच करती है। इस मामले में सुनवाई की तिथि जल्द तय की जाएगी। इसके बाद दोनों पक्षों को सूचना दी जाएगी। प्रोटोकॉल के तहत, शिकायत की जांच कर पक्षों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का मौका दिया जाएगा। 

पात्रा ने बताया कि उन्हें काउंसिल से कोई पत्र नहीं मिला है। उन्होंने कहा, 'मैं अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। मैं इस मामले में शामिल नहीं था क्योंकि मैं सिर्फ रेफरिंग डॉक्टर था।' 

इस मामले की शिकायतकर्ता ने अपने आरोपों पर कोई टिप्पणी करने से मना करते हुए कहा, 'पाइल्स की वजह से ब्लीडिंग के बावजूद लोग वर्षों तक जीवित रहते हैं। मैं किसी को मुश्किल में नहीं डालना चाहती, लेकिन मेरी मां की वादे के अनुसार देखभाल न करना दुर्भाग्यपूर्ण था और मैं नहीं चाहती कि कोई अन्य व्यक्ति ऐसी स्थिति का सामना करे। मैं चाहती हूं कि डॉक्टर्स बेसिक सर्जरी में ज्यादा सावधानी बरतें।' 

इस मामले की जानकारी रखने वाले अन्य डॉक्टर्स ने बताया कि शिकायतकर्ता ने अपनी मां की स्थिति को लेकर पात्रा से सलाह ली थी। उनकी मां को सर्जरी कराने की सलाह दी गई थी और यह आश्वासन मिला था कि सर्जरी 'ब्लडलेस और पेनलेस' होगी। इस आश्वासन के बाद ही शिकायतकर्ता ने अपनी मां को सर्जरी करवाने के लिए तैयार किया था। शिकायत में यह भी कहा गया है कि कुछ वर्ष पहले घुटने का ऑपरेशन करवाने के बावजूद मरीज सर्जरी से पहले पूरी तरह स्वस्थ थीं।

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