भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बचाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी उतर आए हैं। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में साध्वी से जुड़े एक सवाल के दौरान शाह ने दो टूक कहा कि साध्वी को झूठे केस में फंसाया गया।
इस दौरान शाह ने यह भी सवाल उठाया कि समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट करने वाले लोग अब कहां हैं? उधर, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान भी अब प्रज्ञा के बचाव में उतर आए हैं। एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में शिवराज ने साफ कहा कि बिना किसी अपराध के कानून का गलत उपयोग करके साध्वी को ना सिर्फ जेल में रखा गया बल्कि उन्हें यातनाएं भी दी गईं।
कोलकाता में एक प्रेस वार्ता में साध्वी प्रज्ञा से जुड़े सवाल पर शाह ने कहा, 'जहां तक साध्वी प्रज्ञा का सवाल है तो मैं कहना चाहूंगा कि हिंदू टेरर के नाम से एक फर्जी केस बनाना गया था, दुनिया में देश की संस्कृति को बदनाम किया गया, कोर्ट में केस चला तो इसे फर्जी पाया गया।' शाह ने आगे कहा, सवाल ये भी है कि स्वामी असीमानंद और बाकी लोगों को आरोपी बनाकर फर्जी केस बनाया तो समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट करने वाले लोग कहां है, जो लोग पहले पकड़े गए थे, उन्हें क्यों छोड़ा।
बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर बीजेपी उम्मीदवार बनने के बाद से ही चर्चाओं में आ गई हैं। पहले दो चरणों में हुए चुनाव में बीजेपी की हालत काफी खस्ता नजर आ रही है। ऐसे में बीजेपी को कट्टर हिंदुत्व का सहारा है जिसका लाभ उसे प्रज्ञा ठाकुर में नजर आ रहा है। साध्वी ने शहीद हेमंत करकरे पर बयान देकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। इसके बाद उन्होंने कहा है कि वे बाबरी विध्वंश के समय भी अयोध्या में थीं और मस्जिद तोड़ते वक्त सबसे ऊपर थीं।
उन्होंने दावा किया कि 6 दिसंबर 1992 को उन्होंने अयोध्या में गुंबद पर चढ़कर विवादित ढांचा तोड़ा था। इस बयान के बाद साध्वी प्रज्ञा की उम्र पर सवाल उठने लगे। कई नेताओं और पत्रकारों ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से दावा किया कि जिस वक्त बाबरी ढांचा गिराया गया था, उस वक्त साध्वी की उम्र 4 साल थी।
महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम धमाके में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भी आरोपी बनाया गया था। उन्हें 29 अक्टूबर 2008 को गिरफ्तार किया गया था। 2016 में साध्वी प्रज्ञा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की। इसमें उन्होंने अपनी उम्र उस वक्त यानी 2016 में 44 साल बताई थी। इस हिसाब से उनका जन्म 1972 में हुआ था। इसके बाद 25 अप्रैल 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी। हाईकोर्ट के फैसले में भी उनकी उम्र 44 साल लिखी है। अगर साध्वी प्रज्ञा 2016 में 44 साल की थीं, तो 1992 में उनकी उम्र 20 साल रही होगी।
इस दौरान शाह ने यह भी सवाल उठाया कि समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट करने वाले लोग अब कहां हैं? उधर, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान भी अब प्रज्ञा के बचाव में उतर आए हैं। एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में शिवराज ने साफ कहा कि बिना किसी अपराध के कानून का गलत उपयोग करके साध्वी को ना सिर्फ जेल में रखा गया बल्कि उन्हें यातनाएं भी दी गईं।
कोलकाता में एक प्रेस वार्ता में साध्वी प्रज्ञा से जुड़े सवाल पर शाह ने कहा, 'जहां तक साध्वी प्रज्ञा का सवाल है तो मैं कहना चाहूंगा कि हिंदू टेरर के नाम से एक फर्जी केस बनाना गया था, दुनिया में देश की संस्कृति को बदनाम किया गया, कोर्ट में केस चला तो इसे फर्जी पाया गया।' शाह ने आगे कहा, सवाल ये भी है कि स्वामी असीमानंद और बाकी लोगों को आरोपी बनाकर फर्जी केस बनाया तो समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट करने वाले लोग कहां है, जो लोग पहले पकड़े गए थे, उन्हें क्यों छोड़ा।
बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर बीजेपी उम्मीदवार बनने के बाद से ही चर्चाओं में आ गई हैं। पहले दो चरणों में हुए चुनाव में बीजेपी की हालत काफी खस्ता नजर आ रही है। ऐसे में बीजेपी को कट्टर हिंदुत्व का सहारा है जिसका लाभ उसे प्रज्ञा ठाकुर में नजर आ रहा है। साध्वी ने शहीद हेमंत करकरे पर बयान देकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। इसके बाद उन्होंने कहा है कि वे बाबरी विध्वंश के समय भी अयोध्या में थीं और मस्जिद तोड़ते वक्त सबसे ऊपर थीं।
उन्होंने दावा किया कि 6 दिसंबर 1992 को उन्होंने अयोध्या में गुंबद पर चढ़कर विवादित ढांचा तोड़ा था। इस बयान के बाद साध्वी प्रज्ञा की उम्र पर सवाल उठने लगे। कई नेताओं और पत्रकारों ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से दावा किया कि जिस वक्त बाबरी ढांचा गिराया गया था, उस वक्त साध्वी की उम्र 4 साल थी।
महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम धमाके में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भी आरोपी बनाया गया था। उन्हें 29 अक्टूबर 2008 को गिरफ्तार किया गया था। 2016 में साध्वी प्रज्ञा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की। इसमें उन्होंने अपनी उम्र उस वक्त यानी 2016 में 44 साल बताई थी। इस हिसाब से उनका जन्म 1972 में हुआ था। इसके बाद 25 अप्रैल 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी। हाईकोर्ट के फैसले में भी उनकी उम्र 44 साल लिखी है। अगर साध्वी प्रज्ञा 2016 में 44 साल की थीं, तो 1992 में उनकी उम्र 20 साल रही होगी।