मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में अपनी ही भतीजी के साथ बलात्कार करने वाला भाजपा नेता संतोष पाराशर 4 महीने से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है।
Image: Bhaskar
डीआईजी अनिल माहेश्वरी ने संतोष पाराशर और उसके एक सहयोगी पर पंद्रह-पंद्रह हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया हुआ है।
संतोष पाराशर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी है और कांग्रेस का आरोप है कि उसे इसी वजह से बचाया जा रहा है और गिरफ्तार करने की कोई गंभीर कोशिशें नहीं की जा रही हैं।
पीड़ित लड़की और उसके परिजन इस बारे में मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं लेकिन अब तक संतोष पाराशर फरार ही है।
संतोष पाराशर ने नौगांव में बरा गांव की रहने वाली एक छात्रा के साथ बलात्कार किया था जो उसके घर के सामने ही रहती थी और उसे चाचा बोलती थी। मामला तूल पकड़ने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने संतोष पाराशर की संपत्ति कुर्क करने का भी निर्देश दिया हुआ है।
संतोष पाराशर भाजपा के खेल प्रकोष्ठ का जिला संयोजक था। उसकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य भी है। बाद में बदनामी से बचने के लिए पाराशर को भाजपा ने निष्कासित कर दिया था।
पीड़ित लड़की नौगांव में पढ़ती थी। 24 फरवरी की रात को संतोष पाराशर ने उसे फोन लगाकर कहा कि उसके पिता ने उसे गांव बुलाया है। लड़की को झांसा देकर वह गाड़ी पर बैठाकर ले गया और रास्ते में उसने चाचा-भतीजी के रिश्ते को शर्मसार करते हुए लड़की के साथ बलात्कार किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देते हुए उसे वापस नौगांव लाकर छोड़ दिया।
बाद में पीड़ित लड़की ने आत्महत्या की भी कोशिश की थी लेकिन उसकी मां ने उसे बचा लिया था। परिजनों को पूरी बात पता चलने पर उन्होंने संतोष पाराशर के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी।
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डीआईजी अनिल माहेश्वरी ने संतोष पाराशर और उसके एक सहयोगी पर पंद्रह-पंद्रह हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया हुआ है।
संतोष पाराशर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी है और कांग्रेस का आरोप है कि उसे इसी वजह से बचाया जा रहा है और गिरफ्तार करने की कोई गंभीर कोशिशें नहीं की जा रही हैं।
पीड़ित लड़की और उसके परिजन इस बारे में मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं लेकिन अब तक संतोष पाराशर फरार ही है।
संतोष पाराशर ने नौगांव में बरा गांव की रहने वाली एक छात्रा के साथ बलात्कार किया था जो उसके घर के सामने ही रहती थी और उसे चाचा बोलती थी। मामला तूल पकड़ने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने संतोष पाराशर की संपत्ति कुर्क करने का भी निर्देश दिया हुआ है।
संतोष पाराशर भाजपा के खेल प्रकोष्ठ का जिला संयोजक था। उसकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य भी है। बाद में बदनामी से बचने के लिए पाराशर को भाजपा ने निष्कासित कर दिया था।
पीड़ित लड़की नौगांव में पढ़ती थी। 24 फरवरी की रात को संतोष पाराशर ने उसे फोन लगाकर कहा कि उसके पिता ने उसे गांव बुलाया है। लड़की को झांसा देकर वह गाड़ी पर बैठाकर ले गया और रास्ते में उसने चाचा-भतीजी के रिश्ते को शर्मसार करते हुए लड़की के साथ बलात्कार किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देते हुए उसे वापस नौगांव लाकर छोड़ दिया।
बाद में पीड़ित लड़की ने आत्महत्या की भी कोशिश की थी लेकिन उसकी मां ने उसे बचा लिया था। परिजनों को पूरी बात पता चलने पर उन्होंने संतोष पाराशर के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी।